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अब हिमाचल विधानसभा में दिखेंगी पांच महिला विधायक, रीना कश्यप की जीत से बना ये रिकॉर्ड

हिमाचल विधानसभा में अब पांच महिला विधायक दिखेंगी. पच्छाद उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की जीत के बाद ये नया रिकॉर्ड बना है. पांच में से चार विधायक सत्ताधारी पार्टी की है, जबकि एक कांग्रेस पार्टी से हैं.

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Published : Oct 25, 2019, 11:48 AM IST

Updated : Oct 25, 2019, 12:21 PM IST

शिमला: पच्छाद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप की जीत के बाद हिमाचल विधानसभा में एक दिलचस्प बदलाव होगा. हिमाचल विधानसभा में अब पांच महिला विधायक होंगी. वर्ष 1998 में हिमाचल विधानसभा में छह महिला विधायक थीं. उसके बाद पांच महिला विधायकों को लेकर ये नया रिकॉर्ड होगा. इस समय विधानसभा में बीजेपी की कमलेश कुमारी, रीता धीमान, सरवीण चौधरी सहित अब रीना कश्यप यानी चार महिला विधायक हैं. इनमें से सरवीण चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं. जबकि कांग्रेस से आशा कुमारी महिला विधायक हैं.

वहीं, यदि उपचुनाव में महिला प्रत्याशियों की जीत की बात करें तो रीना कश्यप ऐसी तीसरी महिला नेत्री हैं, जो उपचुनाव के जरिए विधानसभा पहुंची हैं. इस कड़ी में हिमाचल कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स का नाम शामिल है. इतिहास को खंगालें तो वर्ष 1972 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीत कर चार महिला नेता विधान सभा पहुंची. फिर वर्ष 1974 में तत्कालीन ठियोग विधान सभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विद्या स्टोक्स पहली मर्तबा विधानसभा पहुंची थी, स्टोक्स ने उप चुनाव में मेहर चंद को पराजित किया था.

इस बार हिमाचल में दो सीटों पर उपचुनाव हुए. पच्छाद उप चुनाव में भाजपा की रीना कश्यप ने कांग्रेस के कद्दावर नेता जीआर मुसाफिर को पराजित किया. मुसाफिर इससे पहले 2012 व 2017 में विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं. साथ ही लोक सभा चुनाव में भी पराजित हुए हैं. मुसाफिर को पराजित कर रीना कश्यप ने अपनी राजनीतिक पारी में उल्लेखनीय अध्याय जोड़ा है. रीना कश्यप की जीत के साथ ही न सिर्फ वह सिरमौर से विधान सभा चुनाव जीतने वाली दूसरी महिला नेत्री बनी हैं, बल्कि उप चुनाव में जीत दर्ज कर विधान सभा पहुंचने वाली तीसरी नेत्री हैं.

रीना कश्यप से पहले नाहन से श्यामा शर्मा 1990 का चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंची थी. उपचुनाव में रीना कश्यप से पहले 1974 में विद्या स्टोक्स तथा 1999 में परागपुर से पूर्व विधायक स्वर्गीय वीरेंद्र की धर्मपत्नी निर्मला उप चुनाव जीत कर विधान पहुंची थी. ये भी दिलचस्प तथ्य है कि पहली बार बीजेपी की चार महिला विधायक हैं. महिला विधायकों के आंकड़े को देखें तो 1998 के विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश विधान सभा में विद्या स्टोक्स, विप्लव ठाकुर, आशा कुमारी कांग्रेस तथा सरवीण चौधरी व उर्मिल ठाकुर के बाद उप चुनाव में भाजपा की ही निर्मला देवी विधायक रहीं.

इस तरह पहली धूमल सरकार के समय 6 महिला विधायक प्रदेश विधान सभा में थीं. साल 1972 में भी विधान सभा में पदमा, सरला शर्मा, चंद्रेश कुमारी, लता ठाकुर और उनके बाद उप चुनाव में जीत हासिल कर विद्या स्टोक्स विधान सभा पहुंची थीं. वहीं, महिला राजनेताओं की बात करें तो हिमाचल में छह महिला विधायक मंत्री रह चुकी हैं. विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर, चंद्रेश कुमारी, सरला शर्मा कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहीं. वहीं, भाजपा में ये मौका सरवीण चौधरी को मिला है. सरवीण दूसरी दफा मंत्री बनी हैं.

शिमला: पच्छाद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप की जीत के बाद हिमाचल विधानसभा में एक दिलचस्प बदलाव होगा. हिमाचल विधानसभा में अब पांच महिला विधायक होंगी. वर्ष 1998 में हिमाचल विधानसभा में छह महिला विधायक थीं. उसके बाद पांच महिला विधायकों को लेकर ये नया रिकॉर्ड होगा. इस समय विधानसभा में बीजेपी की कमलेश कुमारी, रीता धीमान, सरवीण चौधरी सहित अब रीना कश्यप यानी चार महिला विधायक हैं. इनमें से सरवीण चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं. जबकि कांग्रेस से आशा कुमारी महिला विधायक हैं.

वहीं, यदि उपचुनाव में महिला प्रत्याशियों की जीत की बात करें तो रीना कश्यप ऐसी तीसरी महिला नेत्री हैं, जो उपचुनाव के जरिए विधानसभा पहुंची हैं. इस कड़ी में हिमाचल कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स का नाम शामिल है. इतिहास को खंगालें तो वर्ष 1972 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीत कर चार महिला नेता विधान सभा पहुंची. फिर वर्ष 1974 में तत्कालीन ठियोग विधान सभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विद्या स्टोक्स पहली मर्तबा विधानसभा पहुंची थी, स्टोक्स ने उप चुनाव में मेहर चंद को पराजित किया था.

इस बार हिमाचल में दो सीटों पर उपचुनाव हुए. पच्छाद उप चुनाव में भाजपा की रीना कश्यप ने कांग्रेस के कद्दावर नेता जीआर मुसाफिर को पराजित किया. मुसाफिर इससे पहले 2012 व 2017 में विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं. साथ ही लोक सभा चुनाव में भी पराजित हुए हैं. मुसाफिर को पराजित कर रीना कश्यप ने अपनी राजनीतिक पारी में उल्लेखनीय अध्याय जोड़ा है. रीना कश्यप की जीत के साथ ही न सिर्फ वह सिरमौर से विधान सभा चुनाव जीतने वाली दूसरी महिला नेत्री बनी हैं, बल्कि उप चुनाव में जीत दर्ज कर विधान सभा पहुंचने वाली तीसरी नेत्री हैं.

रीना कश्यप से पहले नाहन से श्यामा शर्मा 1990 का चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंची थी. उपचुनाव में रीना कश्यप से पहले 1974 में विद्या स्टोक्स तथा 1999 में परागपुर से पूर्व विधायक स्वर्गीय वीरेंद्र की धर्मपत्नी निर्मला उप चुनाव जीत कर विधान पहुंची थी. ये भी दिलचस्प तथ्य है कि पहली बार बीजेपी की चार महिला विधायक हैं. महिला विधायकों के आंकड़े को देखें तो 1998 के विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश विधान सभा में विद्या स्टोक्स, विप्लव ठाकुर, आशा कुमारी कांग्रेस तथा सरवीण चौधरी व उर्मिल ठाकुर के बाद उप चुनाव में भाजपा की ही निर्मला देवी विधायक रहीं.

इस तरह पहली धूमल सरकार के समय 6 महिला विधायक प्रदेश विधान सभा में थीं. साल 1972 में भी विधान सभा में पदमा, सरला शर्मा, चंद्रेश कुमारी, लता ठाकुर और उनके बाद उप चुनाव में जीत हासिल कर विद्या स्टोक्स विधान सभा पहुंची थीं. वहीं, महिला राजनेताओं की बात करें तो हिमाचल में छह महिला विधायक मंत्री रह चुकी हैं. विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर, चंद्रेश कुमारी, सरला शर्मा कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहीं. वहीं, भाजपा में ये मौका सरवीण चौधरी को मिला है. सरवीण दूसरी दफा मंत्री बनी हैं.

Intro:Body:अब हिमाचल विधानसभा में दिखेंगी पांच महिला विधायक, रीना की जीत से बना ये रिकार्ड
शिमला। हिमाचल विधानसभा में अब पांच महिला विधायक होंगी। पच्छाद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप की जीत के बाद हिमाचल विधानसभा में एक दिलचस्प बदलाव होगा। वर्ष 1998 में हिमाचल विधानसभा में छह महिला विधायक थीं। उसके बाद पांच महिला विधायकों को लेकर ये नया रिकार्ड होगा। इस समय विधानसभा में कमलेश कुमारी, रीता धीमान, सरवीण चौधरी सहित अब रीना कश्यप यानी चार महिला विधायक हैं। इनमें से सरवीण चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं। वहीं, कांग्रेस से आशा कुमारी महिला विधायक हैं। वहीं, यदि उपचुनाव में महिला प्रत्याशियों की जीत की बात करें तो रीना कश्यप ऐसी तीसरी महिला नेता हैं, जो उपचुनाव के जरिए विधानसभा पहुंची हैं। इस कड़ी में हिमाचल कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स का नाम भी है। इतिहास को खंगालें तो वर्ष 1972 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीत कर चार महिला नेता विधान सभा पहुंची। फिर वर्ष 1974 में तत्कालीन ठियोग विधान सभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विद्या स्टोक्स पहली मर्तबा विधानसभा पहुंची थी। स्टोक्स ने उप चुनाव में मेहर चंद को पराजित किया था। इस दफा हिमाचल में दो सीटों पर उपचुनाव हुए। पच्छाद उप चुनाव में भाजपा की रीना कश्यप ने कांग्रेस के कद्दावर नेता जीआर मुसाफिर को पराजित किया। मुसाफिर इससे पहले 2012 व 2017 में विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं। साथ ही लोक सभा चुनाव में भी पराजित हुए हैं। मुसाफिर को पराजित कर रीना कश्यप ने अपनी राजनीतिक पारी में उल्लेखनीय अध्याय जोड़ा है। रीना कश्यप की जीत के साथ ही न सिर्फ वह सिरमौर से विधान सभा चुनाव जीतने वाली दूसरी महिला नेत्री बनी हैं, बल्कि उप चुनाव में जीत दर्ज कर विधान सभा पहुंचने वाली तीसरी नेत्री हंै। रीना कश्यप से पहले नाहन से श्यामा शर्मा 1990 का चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंची थी। उपचुनाव में रीना कश्यप से पहले 1974 में विद्या स्टोक्स तथा 1999 में परागपुर से पूर्व विधायक स्वर्गीय वीरेंद्र की धर्मपत्नी निर्मला उप चुनाव जीत कर विधान पहुंची थी। ये भी दिलचस्प तथ्य है कि पहली बार बीजेपी की चार महिला विधायक हैं। महिला विधायकों के आंकड़े को देखें तो 1998 के विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश विधान सभा में विद्या स्टोक्स, विप्लव ठाकुर, आशा कुमारी कांग्रेस तथा सरवीण चौधरी व उर्मिल ठाकुर के बाद उप चुनाव में भाजपा की ही निर्मला देवी विधायक रही। इस तरह पहली धूमल सरकार के समय 6 महिला विधायक प्रदेश विधान सभा में थी। साल 1972 में भी विधान सभा में पदमा, सरला शर्मा, चंद्रेश कुमारी, लता ठाकुर और उनके बाद उप चुनाव में जीत हासिल कर विद्या स्टोक्स विधान सभा पहुंची थीं। वहीं, महिला राजनेताओं की बात करें तो हिमाचल में छह महिला विधायक मंत्री रह चुकी हैं। विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर, चंद्रेश कुमारी, सरला शर्मा कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहीं। वहीं, भाजपा में ये मौका सरवीण चौधरी को मिला है। सरवीण दूसरी दफा मंत्री बनी हैं।
Conclusion:
Last Updated : Oct 25, 2019, 12:21 PM IST
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