शिमलाः जिला में पल्स पोलियो अभियान का पहला चरण बुधवार को संपन्न हो गया. तीन दिन चले इस अभियान के तहत 14 फरवरी को बूथ पर दवाएं पिलाई गई, जबकि उसके बाद अगले दो दिनों तक बच्चों को घर-घर जाकर आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्करों ने दवाई पिलाई. इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने जिला शिमला में 105 फीसदी लक्ष्य हासिल किया.
64598 बच्चों को पिलाई गई दवा
प्रशासन ने 61517 बच्चों को पोलियो बूंद पिलाने का टारगेट रखा था, जबकि यहां पर 64598 बच्चों को दवा पिलाई गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिला शिमला में बाहरी राज्यों के मजदूर भारी संख्या में रहते हैं, जिनका आंकड़ा विभाग के पास नहीं था, लेकिन पोलियो पिलाने के लिए यह बच्चे बूथ पर पहुंचे. वहीं, जो बच्चे बूथ पर नहीं पहुंच पाए उन्हें घर पर दवाई पिलाई गई.
जिला में बनाए गए थे 710 बूथ
सीएमओ शिमला डॉ.सुरेखा चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने जिलाभर में पोलियो की खुराक देने में 105 फीसदी टारगेट हासिल किया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला में 710 बूथ बनाए गए थे. 15 मोबाइल टीमें और 20 ट्रांजिट बूथ पर भी बच्चों को दवाई पिलाई गई.
पोलियो मुक्त अभियान को सफल बनाया
इस अभियान के तहत पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई, ताकि सरकार द्वारा पोलियो मुक्त अभियान को सफल बनाया जा सके.
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