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Finance Committee meeting MC Shimla: नगर निगम शिमला की वित्त कमेटी की बैठक में 72 लाख के कार्यों को मंजूरी - Finance Committee meeting MC Shimla

वीरवार को नगर निगम शिमला की वित्त (Finance Committee meeting MC Shimla) कमेटी की बैठक का आयोजन (Municipal Corporation Shimla) किया गया. जिसमें वार्डों में कार्यों को मंजूरी देने के साथ ही शहर के सार्वजनिक शौचालय की देखरेख का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को दिया गया है.

Municipal Corporation Shimla
नगर निगम शिमला
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Published : Jan 20, 2022, 10:40 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला शहर के सार्वजनिक शौचालय की देख रेख सुलभ इंटरनेशनल कंपनी करेगी. नगर निगम ने
सार्वजनिक टॉयलेट के संचालन को लेकर (Municipal Corporation Shimla) सुलभ इंटरनेशनल कंपनी के साथ करार किया है. वीरवार को नगर निगम की वित्त कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें वार्डों में कार्यों को मंजूरी देने के साथ ही शहर के सार्वजनिक शौचालय की देखरेख का जिम्मा
सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को दिया गया है.

इसमें तर्क दिया है कि केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के सार्वजनिक शौचालयों की दशा को सुधारा जा सके. राजधानी के 31 टॉयलेट का जिम्मा कंपनी को सौंपा है. इनके अलावा बैठक में 72 लाख रुपये के एस्टीमेट ही पास हुए हैं. इसमें कसुम्पटी में वर्षा शाालिका के साथ परिमहल चौक पर 38 लाख 20 हजार रुपये की लागत से पार्किंग बनाने को स्वीकृति दी है.

इसके अलावा एसटीपी बायोगैस प्लांट की प्रति महीने 50 से 60 हजार रुपये की लागत से मरम्मत करवाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी है. विकासनगर वार्ड के तहत विजयनगर से आंजी लोअर विकासनगर तक रोगी वाहन लायक सड़क निर्माण करने के लिए 33 लाख 18 हजार 700 रुपये के एस्टीमेट को पारित किया गया.

नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर के विकास के लिए जो भी प्रस्ताव पार्षदों की तरफ से आएं, उन्हें मंजूरी दी गई है. इसके अलावा सर्वजनिक शौचालय की देख रेख का कार्य सुलभ इंटरनेशनल कम्पनी को सौंपा गया है. बैठक में नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली सहित अन्य सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे.

पार्षदों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी: शिमला नगर निगम के पार्षदों के पास वित्त कमेटी की बैठक में प्रस्ताव भेजने तक का समय नहीं है. वीरवार को निगम में मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में वित्त कमेटी की बैठक थी. इस बैठक में शहर के विकास के तीन ही प्रस्ताव लाए गए. इसमें से भी कमेटी के सदस्यों को महज दो ही प्रस्ताव एजेंडे के रुप में भेजे गए थे.

हालांकि निगम के निगम तीन महीने के बाद होने हैं, ऐसी उम्मीद थी कि बैठक में करोड़ों रुपये के प्रस्ताव लाए जा सकते हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शहर के पार्षदों का पूरा ध्यान चुनाव के रोस्टर व वार्डों के पुर्नसीमाकंन पर लगा हुआ है.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान शेविंग करता दिखा शख्स, जांच के आदेश

शिमला: राजधानी शिमला शहर के सार्वजनिक शौचालय की देख रेख सुलभ इंटरनेशनल कंपनी करेगी. नगर निगम ने
सार्वजनिक टॉयलेट के संचालन को लेकर (Municipal Corporation Shimla) सुलभ इंटरनेशनल कंपनी के साथ करार किया है. वीरवार को नगर निगम की वित्त कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें वार्डों में कार्यों को मंजूरी देने के साथ ही शहर के सार्वजनिक शौचालय की देखरेख का जिम्मा
सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को दिया गया है.

इसमें तर्क दिया है कि केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के सार्वजनिक शौचालयों की दशा को सुधारा जा सके. राजधानी के 31 टॉयलेट का जिम्मा कंपनी को सौंपा है. इनके अलावा बैठक में 72 लाख रुपये के एस्टीमेट ही पास हुए हैं. इसमें कसुम्पटी में वर्षा शाालिका के साथ परिमहल चौक पर 38 लाख 20 हजार रुपये की लागत से पार्किंग बनाने को स्वीकृति दी है.

इसके अलावा एसटीपी बायोगैस प्लांट की प्रति महीने 50 से 60 हजार रुपये की लागत से मरम्मत करवाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी है. विकासनगर वार्ड के तहत विजयनगर से आंजी लोअर विकासनगर तक रोगी वाहन लायक सड़क निर्माण करने के लिए 33 लाख 18 हजार 700 रुपये के एस्टीमेट को पारित किया गया.

नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर के विकास के लिए जो भी प्रस्ताव पार्षदों की तरफ से आएं, उन्हें मंजूरी दी गई है. इसके अलावा सर्वजनिक शौचालय की देख रेख का कार्य सुलभ इंटरनेशनल कम्पनी को सौंपा गया है. बैठक में नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली सहित अन्य सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे.

पार्षदों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी: शिमला नगर निगम के पार्षदों के पास वित्त कमेटी की बैठक में प्रस्ताव भेजने तक का समय नहीं है. वीरवार को निगम में मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में वित्त कमेटी की बैठक थी. इस बैठक में शहर के विकास के तीन ही प्रस्ताव लाए गए. इसमें से भी कमेटी के सदस्यों को महज दो ही प्रस्ताव एजेंडे के रुप में भेजे गए थे.

हालांकि निगम के निगम तीन महीने के बाद होने हैं, ऐसी उम्मीद थी कि बैठक में करोड़ों रुपये के प्रस्ताव लाए जा सकते हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शहर के पार्षदों का पूरा ध्यान चुनाव के रोस्टर व वार्डों के पुर्नसीमाकंन पर लगा हुआ है.

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