शिमला: धान खरीद के लिए विभाग के द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है. विभाग आने वाले दो दिन में पोर्टल खोलने की योजना बना रहा है. पोर्टल खोलने के बाद किसानों को फसल बेचने के लिए इसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा. जैसे-जैसे किसान पंजीकरण करवाते रहेंगे उसी प्रकार खरीद भी होती रहेगी. खाद्य आपूर्ति विभाग और कृषि विभाग के सहयोग से हिमाचल सरकार 11 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू कर रही है. यह खरीद चिन्हित खरीद केंद्रों पर होगी.
आज विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश के सभी खरीद केंद्रों का निरीक्षण कर लिया है. खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि किसानों को धान के उचित मूल्य मिल सके इसके लिए हिमाचल सरकार धान की खरीद भी एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) के माध्यम से करेगी. खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बताया सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर धान खरीद के लिए स्टोर खोले जाएंगे.
सिरमौर जिले में 2 स्टोर खोलने की योजना बनाई गई. वहीं, एक स्टोर नालागढ़ और 2 स्टोर ऊना जिले में खोले जाएंगे. राजेंद्र गर्ग ने कहा कि बीबीएन में 3750 हेक्टेयर जमीन पर धान उगाई जाती है, जिस पर करीब 18 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि 30 हजार टन धान की खरीदी की जाएगी.
राजेंद्र गर्ग ने कहा कि हिमाचल के किसान अपनी धान की फसल को बेचने के लिए पंजाब की मंडियों पर निर्भर रहते हैं. अब नालागढ़ में की धान की खरीद शुरू होने से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के साथ मिलकर फूड एंड सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे, ताकि किसानों को अपनी फसल कम दामों पर नहीं बेचनी पड़े. उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की खरीद भी रिकॉर्ड 13 हजार टन की गई है जो कि पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है. पिछले वर्षों में गेहूं खरीद के समय किसान जागरूक नहीं थे.
मक्का खरीद की कोई योजना नहीं, निजी कंपनियों को करेंगे प्रोत्साहित: राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार मक्का पैदा करने वाले किसानों के लिए भी चिंतित है. हालांकि, मक्का की खरीद एफसीआई के माध्यम से नहीं की जाती, लेकिन फिर भी सरकार निजी कंपनियों और व्यापारियों से बात कर रही, ताकि मक्का बेचने के लिए किसानों को उचित सुविधा प्रदान की जा सके.
मक्का आधारित उद्योग और सहकारी संस्थाओं को भी किसानों से सीधे मक्का खरीद के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में मक्का की खरीद भी एमएसपी पर करना संभव नहीं है क्योंकि हिमाचल में सरकार मक्का की खरीद करती ही नहीं है लेकिन फिर भी निजी कंपनियों से बात की जा रही है ताकि किसानों को उनकी फसल के उचित दाम मिल सके.
खाद्य तेल के दामों में बढ़ोतरी के कारण अंतरराष्ट्रीय, सरकार उपभोक्ताओं को दे रही सब्सिडी: डिपुओं में दालों और अन्य खाद्य पदार्थों की सप्लाई नहीं होने पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि विभाग का लक्ष्य महीने की 10 तारीख तक स्टोर तक दालें और अन्य खाद्य पदार्थ पहुंचाने का होता है. विभाग द्वारा पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरा सामान स्टोर तक पहुंच जाएगा. इसके बाद यह सामान स्टोर से डिपुओं के लिए सप्लाई होता है.
खाद्य तेल के दाम पर बोलते हुए राजेंद्र गर्ग ने कहा कि तेल के दाम विश्व मार्केट पर निर्भर करते हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय विषय है. कई प्रदेशों के अंदर खाद्य तेल की ब्लैक मार्केटिंग हुई है. उसके कारण जो कच्चा माल मिलता था वो नहीं मिल पाया है. हिमाचल की जनता को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने एनएफएसए के तहत 30 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी दी है. इसके अलावा एपीएल के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को भी 10 रुपये प्रति लीटर की राहत दी गई है.
आने वाले दिनों में राशन कार्ड स्कैनिंग और आई स्कैनिंग दोनों से मिल सकेगा राशन: गर्ग ने कहा कि आई स्कैनिंग सिस्टम शुरू होने के बाद से क्यू-आर-कोड स्कैनिंग का सिस्टम बंद नहीं किया जाएगा. दोनों सिस्टम जारी होंगे. ताकि प्रदेश के उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.
महीने के आखिरी दिनों में डिपो संचालकों की तरफ से आ रही क्यू-आर-कोड स्कैनिंग की दिक्कत पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि यह समस्या मेंटेनेंस के कारण हो सकती है क्योंकि हर महीने के आखिरी दिनों में रखरखाव का कार्य होता है. इस कारण से हो सकता है कि यह दिक्कत आ रही हो.
उन्होंने कहा कि डिपुओं के माध्यम से अनकंट्रोल्ड वस्तुओं को बेचने की योजना चल रही है. इस योजना के तहत उन स्थानीय लोगों को भी सप्लाई करना चाहते हैं उन्हें भी मौका दिया जाएगा. इसको लेकर राज्य स्तर और जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें- HAMIRPUR: झनियारा पंचायत से होकर गुजरने वाले HRTC के तीन बस रूट 2 साल से बंद