शिमला: बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड केस में जेल में बंद चल रहे पूर्व शिमला एसपी डीडब्ल्यू नेगी की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. शिमला हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जज सुरेश्वर ठाकुर ने पूर्व एसपी नेगी को कोर्ट से जमानत मिल गई है.
शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 17 महीने की लम्बी हिरासत के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. आईपीएस अधिकारी जहूर जैदी, डी डब्ल्यू नेगी व सात पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिमला के बहुचर्चित गुड़ियाकांड के कथित आरोपी सूरज को पुलिस हिरासत में जान से मारने का आरोप है.
न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने नेगी द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई के पश्चात तीन लाख रुपये के निजी व उतनी ही राशि के दो जमानती द्वारा मुचलके पेश करने की स्थिति में नेगी को रिहा करने के आदेश पारित कर दिए हैं. पूर्व एसपी फिलहाल शिमला की कंडा जेल में बंद है.
बता दें कि ठियोग पुलिस लॉकअप में गुड़िया के साथ दुष्कर्म व हत्या के कथित आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई ने पूर्व आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को इनसे पहले 29 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था. जहूर जैदी को 5 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गयी है. अब जहूर जैदी को छोड़कर सीबीआई की ओर से गिरफ्तार सात पुलिस कर्मी न्यायिक हिरासत में हैं.
गौरतलब है कि पूर्व एसपी नेगी पर झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्यों को छुपाने और पकड़े गए एक कथित आरोपी राजू के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ लोगों को गवाह भी बनाया है. इनमें पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मी भी शामिल बताए गए हैं.
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पूर्व एसपी नेगी से पहले आइजी जैदी को सुप्रीम कोर्ट से बीते दिनों जमानत मिली है. अभी 7 पुलिस कर्मी जेल में बंद हैं, इनमें डीएसपी मनोज जोशी भी शामिल हैं. सभी आरोपित पुलिस अधिकारी और कर्मी सस्पेंड चल रहे हैं.
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कोटखाई में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी व मर्डर के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में मौत हो गई थी. घटना के दौरान नेगी शिमला एसपी के पद पर तैनात थे. इस केस की जांच करते हुए सीबीआई ने डीडब्ल्यू नेगी के साथ कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. नेगी करीब पुलिस ने 16 नंवबर 2017 को गिरफ्तार किया गया था. करीब डेढ़ साल से वे जेल में बंद चल रहे थे.
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आपको बता दें कि 4 जुलाई 2017 को गुड़िया स्कूल से घर नहीं लौटी थी. छह जुलाई की सुबह उसका शव जंगल में बरामद हुआ था. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन कोटखाई पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की कस्टोडियल डैथ हो गई थी. इसके बाद लोगों के दवाब के बीच यह मामला सीबीआई को सौंपा गया. इसके लिए राज्य सरकार खुद हाईकोर्ट गई थी और वहां अर्जी लगाकर मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया था. इसके बाद सीबीआई ने सूरज की हत्या के आरोप में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था.