शिमला: हिमाचल में राइडर हटाने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश सचिवालय में बड़ी संख्या में कर्मचारी पहुंचे. इन कर्मचारियों ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखा. कर्मचारियों का आग्रह है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू (new pay commission recommendations) होने के बाद प्रदेश सरकार ने 2 साल के राइडर पर स्थिति स्पष्ट नहीं की है. अगर सरकार 2 साल का राइडर खत्म नहीं करती है तो कर्मचारियों बड़ा घाटा होगा. कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से 28 फरवरी तक इस संबंध में निर्णय लेने का आग्रह भी किया है.
प्रदेश के कोने-कोने से सचिवालय पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि इस संबंध में अश्वनी ठाकुर को स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. निखिल जो कि शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से 2 साल के राइडर को हटाने की (Demand for removal of rider in Himachal) मांग रखी है. उन्होंने कहा कि राइडर के हटने से कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान होने से बचाया जा सकता है. वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जोगिंदर नगर के अध्यक्ष छोटू यादव ने आग्रह करते हुए कहा कि जो कर्मचारी 2 साल के राइडर में फंसे हैं उनको आरएंडपी रूल्स के तहत ही नियमित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी 2 जनवरी 2022 को दो साल पूरे कर चुके थे उनको तो सरकार ने 10300+3200 के आधार पर लाभ मिल गया और उन्हें 2.25 के साथ गुणांक मिल गया, लेकिन कर्मचारियों के 4 जनवरी को 2 साल पूरे होते हैं, उनके साथ भेदभाव हुआ है. उनको एक ही लाभ 2.5 दिया गया. उन्होंने कहा इससे कर्मचारियों को 15 से 17 हजार का घाटा हो रहा है. कर्मचारियों की इस समय एक ही मांग है कि 10300+3200 उन कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए जो 4 जनवरी और उसके बाद दो साल पूरा करते हैं. छोटू यादव ने कहा कि आज अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर की अध्यक्षता में सचिव से भी मुलाकात कर समस्या का हल निकालने का आग्रह किया है. कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से राइडर हटाने को लेकर 28 फरवरी तक स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है.
वहीं, इस संबंध में अश्वनी ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए कर्मचारियों की बात को गंभीरता से सुना गया है. उन्होंने कहा कि राइडर के मुद्दे को पहले ही जेसीसी की बैठक में भी उठाया गया था. प्रदेश सरकार से उस वक्त भी उसपर कार्रवाई करने की मांग रखी गई है. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि फिर से कर्मचारियों की इस मांग को प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राइडर को खत्म करना कर्मचारियों की जायज मांग है और इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए.
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