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आर्थिक पैकेज से हिमाचल के MSME को भी मिलेगी संजीवनी, 55 हजार उद्योंगों को लाभ

केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है. जिससे हिमाचल के उद्योगों ने भी आस लगाई है. 3 लाख करोड़ के ऋण से लेकर छोटी औद्योगिक इकाइयों के विकास और विस्तार के लिए राहत पैकेज का एलान किया गया है. हिमाचल में करीब 55 हजार लघु और कुटीर उद्योग हैं जिनपर कोरोना की मार पड़ी है. इस राहत पैकेज में उन्हें भी हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है.

Economic package himachal
आर्थिक पैकेज हिमाचल
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Published : May 14, 2020, 2:56 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के दौर में पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के बाद बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की जानकारी दी. पहली किश्त की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने MSME यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए करीब 3 लाख करोड़ से ज्यादा का पैकेज देने के ऐलान किया है. जिसके तहत देशभर के MSMEs को इस पैकेज से आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश के उद्योगों ने भी इस राहत पैकेज से उम्मीद लगाई है.

MSME के लिए 6 बड़े ऐलान

1. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों (MSME Units) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के ऋण की घोषणा की गई. जो बिना गारंटी के 4 साल के लिए दिया जाएगा. इसका फायदा 45 लाख MSME इकाइयों को मिलेगा.

2. तनाव वाली MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ के लोन का प्रावधान. जिसका फायदा 2 लाख इकाइयों को होगा

3. फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा. जो MSME बेहतर और विस्तार करने वाली हैं लेकिन सुविधाओं का अभाव है. उनका आकार और क्षमता बढ़ाने के लिए फंड ऑफ फंड्स का प्रावधान

4. MSME की परिभाषा बदली गई- एक करोड़ रुपये तक के निवेश करके पांच करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाले उद्योग सूक्ष्म उद्योग, 10 करोड़ तक का निवेश करके 50 करोड़ रुपये तक कमाने वाली कंपनियां लघु उद्योग में आएंगी और 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का लाभ कमाने वाले उद्योग मध्यम इकाई के तहत आएंगे

5. स्वदेशी या लोकल को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ से कम के टेंडर ग्लोबल को नहीं बल्कि MSME को दिए जाएंगे.

6. MSME को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. ट्रेड फेयर में MSMEs की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी

हिमाचल और MSMEs

हिमाचल में करीब 54,700 लघु और कुटीर उद्योग हैं जिनमें करीब 4 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त है. इन उद्योगों में कृषि आधारित उत्पादों से लेकर कल पुर्जे बनाने और फूड प्रोसेसिंग की यूनिट शामिल हैं.

प्रदेश में 641 मध्यम उद्योग हैं जिनमें 60 हजार के करीब रोजगार मिला हुआ है.

इसी प्रकार हिमाचल में 140 के करीब बड़े उद्योग हैं जिनमें 30 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हैं. इसमें मुख्य रूप से फार्मा और सीमेंट इडस्ट्री के अलावा कल पुर्जे बनाने वाले उद्योग शामिल हैं.

हिमाचल की आर्थिक पैकेज से उम्मीद

हिमाचल के 4 जिलों सोलन, कांगड़ा, सिरमौर और ऊना में इंडस्ट्रियल एरिया है. इन्हीं चार जिलों में प्रदेश के ज्यादातर उद्योग हैं. हिमाचल में मौजूद उद्योगों का करीब 90 फीसदी हिस्सा लघु और कुटीर उद्योगों का है. ऐसे में केंद्र के आर्थिक पैकेज का फायदा हिमाचल को मिल सकता है, लेकिन देखना होगा कि आर्थिक पैकेज का कितना फायदा हिमाचल के उद्योगों को मिलता है.

बीते साल नवंबर में हुए इन्वेस्टर मीट से सरकार को काफी उम्मीदे थी जहां करीब 90 हजार करोड़ से ज्यादा के MoU साइन हुए थे, लेकिन मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण का दंश झेल रही है. जिसका असर हर क्षेत्र पर पड़ा है और हिमाचल में होने वाले निवेश पर भी इसका असर होना लाजमी है. ऐसे में इस आर्थिक पैकेज से हिमाचल के उद्योगों ने खासी उम्मीद लगा रखी है.

शिमला: कोरोना संकट के दौर में पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के बाद बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की जानकारी दी. पहली किश्त की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने MSME यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए करीब 3 लाख करोड़ से ज्यादा का पैकेज देने के ऐलान किया है. जिसके तहत देशभर के MSMEs को इस पैकेज से आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश के उद्योगों ने भी इस राहत पैकेज से उम्मीद लगाई है.

MSME के लिए 6 बड़े ऐलान

1. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों (MSME Units) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के ऋण की घोषणा की गई. जो बिना गारंटी के 4 साल के लिए दिया जाएगा. इसका फायदा 45 लाख MSME इकाइयों को मिलेगा.

2. तनाव वाली MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ के लोन का प्रावधान. जिसका फायदा 2 लाख इकाइयों को होगा

3. फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा. जो MSME बेहतर और विस्तार करने वाली हैं लेकिन सुविधाओं का अभाव है. उनका आकार और क्षमता बढ़ाने के लिए फंड ऑफ फंड्स का प्रावधान

4. MSME की परिभाषा बदली गई- एक करोड़ रुपये तक के निवेश करके पांच करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाले उद्योग सूक्ष्म उद्योग, 10 करोड़ तक का निवेश करके 50 करोड़ रुपये तक कमाने वाली कंपनियां लघु उद्योग में आएंगी और 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का लाभ कमाने वाले उद्योग मध्यम इकाई के तहत आएंगे

5. स्वदेशी या लोकल को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ से कम के टेंडर ग्लोबल को नहीं बल्कि MSME को दिए जाएंगे.

6. MSME को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. ट्रेड फेयर में MSMEs की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी

हिमाचल और MSMEs

हिमाचल में करीब 54,700 लघु और कुटीर उद्योग हैं जिनमें करीब 4 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त है. इन उद्योगों में कृषि आधारित उत्पादों से लेकर कल पुर्जे बनाने और फूड प्रोसेसिंग की यूनिट शामिल हैं.

प्रदेश में 641 मध्यम उद्योग हैं जिनमें 60 हजार के करीब रोजगार मिला हुआ है.

इसी प्रकार हिमाचल में 140 के करीब बड़े उद्योग हैं जिनमें 30 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हैं. इसमें मुख्य रूप से फार्मा और सीमेंट इडस्ट्री के अलावा कल पुर्जे बनाने वाले उद्योग शामिल हैं.

हिमाचल की आर्थिक पैकेज से उम्मीद

हिमाचल के 4 जिलों सोलन, कांगड़ा, सिरमौर और ऊना में इंडस्ट्रियल एरिया है. इन्हीं चार जिलों में प्रदेश के ज्यादातर उद्योग हैं. हिमाचल में मौजूद उद्योगों का करीब 90 फीसदी हिस्सा लघु और कुटीर उद्योगों का है. ऐसे में केंद्र के आर्थिक पैकेज का फायदा हिमाचल को मिल सकता है, लेकिन देखना होगा कि आर्थिक पैकेज का कितना फायदा हिमाचल के उद्योगों को मिलता है.

बीते साल नवंबर में हुए इन्वेस्टर मीट से सरकार को काफी उम्मीदे थी जहां करीब 90 हजार करोड़ से ज्यादा के MoU साइन हुए थे, लेकिन मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण का दंश झेल रही है. जिसका असर हर क्षेत्र पर पड़ा है और हिमाचल में होने वाले निवेश पर भी इसका असर होना लाजमी है. ऐसे में इस आर्थिक पैकेज से हिमाचल के उद्योगों ने खासी उम्मीद लगा रखी है.

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