शिमलाः सरकार ने डॉ. रजनीश पठानिया को अतिरिक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा का कार्यभार सौंपा है. डॉ. रजनीश पठानिया वर्तमान में आईजीएमसी में बतौर प्रिंसिपल के पद पर तैनात हैं. निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. रवि चंद शर्मा सेवानिवृत हो गए हैं. ऐसे में अब डॉ. रजनीश पठानिया को ही अतिरिक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा का कार्यभार दिया गया है. इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.
99 फीसदी हार्ट के सफल ऑपरेशन
अब डॉ. रजनीश पठानिया के कंधों पर अहम दो जिम्मेदारी होगी. गौर रहें कि रजनीश पठानिया प्रदेश के एक बड़े सर्जन हैं. इन्होंने 99 फीसदी हार्ट के सफल ऑपरेशन किए हैं. हिमाचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसी डॉ. रजनीश पठानिया के नेतृत्व में ओपन हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं. इस दौरान अपेक्षाकृत कम संसाधनों और कम मैन पावर के भी डिपार्टमेंट ने 1600 ऑपरेशन किए हैं. सबसे सुखद बात यह है कि ऑपरेशन की सफलता दर 98 फीसदी रही है.
2005 में आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी शुरू
कांग्रेस सरकार के समय 12 दिसंबर 2005 को आईजीएमसी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू करने के लिए कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सी.टी.वी.एस.) डिपार्टमेंट स्थापित किया गया और डॉ. रजनीश पठानिया के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में सीटीवीएस डिपार्टमेंट में एमसीएच की डिग्री शुरू हुई है. एमसीएच यानी मास्टर ऑफ चिरर्जिकल. इस डिग्री के बाद डॉक्टर विशेषज्ञ हार्ट सर्जन बनता है.
एमसीएच और हार्ट सर्जन की डिग्री
अब हार्ट सर्जन के लिए बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ता है. इस सुविधा के बाद आईजीएमसी अस्पताल नॉर्थ इंडिया का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां एक साथ हार्ट सर्जरी और एमसीएच की डिग्री का कोर्स चलाया जा रहा है. डॉ. रजनीश पठानिया का कहना है कि वे अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे.
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