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Resume, Biodata और CV होते हैं अलग-अलग, जानिये क्या है अंतर - बायोग्राफिकल डाटा

किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई करते वक्त आपसे सीवी, रेज्यूमे या बायोडाटा ( resume biodata and cv) मांगा जाता है. नौकरी के लिए आवेदन करते वक्त ये ध्यान रखना होगा कि आप उससे जुड़ी योग्यताएं पूरी करते हैं या नहीं और इन्हीं योग्यताओं के बारे में बताता है आपका रेज्यूमे (resume). जॉब के लिए रेज्यूमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसमें नौकरी के आवेदन के लिए दी जाने वाली तमाम जानकारियां होती हैं.

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Published : Mar 3, 2022, 10:08 AM IST

Updated : Mar 3, 2022, 11:28 AM IST

हैदराबाद: किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई करते वक्त आपसे सीवी, रेज्यूमे या बायोडाटा ( resume biodata and cv) मांगा जाता है. कई लोगों को नहीं पता कि ये तीनों अलग-अलग हैं और तीनों (difference between resume biodata and cv) में बहुत अंतर होता है. अगर आप भी इन तीनों में अंतर को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आपकी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं.

बायोडाटा: Biodata यानी बायोग्राफिकल डाटा (biographical data), ये एक तरह का पर्सनल डॉक्यूमेंट है. जिसमें आप अपनी पर्सनल जानकारी देते हैं. मसलन डेट ऑफ बर्थ, मैरिटल स्टे्टस, धर्म, जेंडर वगैरह-वगैरह. बायोडाटा का इस्तेमाल नौकरी के लिए 90 के दशक में होता था. वैसे बायोडाटा किसी भी व्यक्ति का हो सकता है इसके लिए शिक्षित या किसी क्षेत्र का विशेषज्ञ होना जरूरी नहीं है. क्योंकि इसमें किसी शख्स से जुड़ी पर्सनल डिटेल्स (personal details in biodata) होती हैं ना कि प्रोफेशनल.

भले बायोडेटा गुजरे जमाने की बात हो, लेकिन हमारे देश में आज भी शादी में बायोडाटा बहुत अहम होता है. जब किसी लड़के या लड़की का रिश्ता शादी के लिए जाता है तो उनकी उम्र, पढ़ाई जैसी जानकारियां भी लिखित में दी जाती है. यानी एक नए रिश्ते की शुरुआत भी बायोडाटा से ही होती है.

रेज्यूमे: किसी नौकरी के लिए आवेदन करते वक्त ये ध्यान रखना होगा कि आप उससे जुड़ी योग्यताएं पूरी करते हैं या नहीं और इन्हीं योग्यताओं के बारे में बताता है आपका रेज्यूमे (resume). जॉब के लिए रेज्यूमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसमें नौकरी के आवेदन के लिए दी जाने वाली तमाम जानकारियां होती हैं. लेकिन इसमें ये डिटेल की बजाय संक्षेप में होती हैं.

इसमें आपकी शिक्षा, नौकरी से जुड़े अनुभव या स्किल्स की जानकारी दी जाती है, लेकिन उसे डिटेल में देने की बजाय जॉब प्रोफाइल (job profile) के हिसाब से दी जाती है. यानी जिस नौकरी के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं उसी प्रोफाइल से जुड़ा अनुभव, स्किल या जानकारी इसमें दी जाती है. पिछली नौकरी से जुड़ा अनुभव या उपलब्धि का जिक्र भी इसमें किया जा सकता है लेकिन इसमें जेंडर, पिता का नाम, हॉबी जैसी पर्सनल जानकारी देना जरूरी नहीं होता. रेज्यूमे एक से दो पेज का हो सकता है.

सीवी: CV यानी CURRICULUM VITAE, इस डॉक्यूमेंट को रेज्यूमे का विस्तार कह सकते हैं. क्योंकि सीवी में रेज्यूमे के मुकाबले ज्यादा जानकारी दी जाती है. रेज्यूमे में दी जाने वाली जानकारी के अलावा इसमें विस्तार से करियर से जुड़े पिछले अनुभव, स्किल, उपलब्धि आदि तमाम तरह की जानकारियां दे सकते हैं. यानी आपके करियर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी उपलब्धि को आप डिटेल में अपने सीवी में जगह दे सकते हैं. सीवी की लंबाई की कोई लिमिट नहीं है, क्योंकि ये बढ़ते अनुभव के साथ-साथ बढ़ता है, इसीलिए सीवी को समय समय पर अपडेट करने की सलाह दी जाती है.

ये भी पढ़ें: ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में खुला किताब घर, एक ही छत के नीचे मिलेंगी हिमाचली लेखकों की रचनाएं

हैदराबाद: किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई करते वक्त आपसे सीवी, रेज्यूमे या बायोडाटा ( resume biodata and cv) मांगा जाता है. कई लोगों को नहीं पता कि ये तीनों अलग-अलग हैं और तीनों (difference between resume biodata and cv) में बहुत अंतर होता है. अगर आप भी इन तीनों में अंतर को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आपकी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं.

बायोडाटा: Biodata यानी बायोग्राफिकल डाटा (biographical data), ये एक तरह का पर्सनल डॉक्यूमेंट है. जिसमें आप अपनी पर्सनल जानकारी देते हैं. मसलन डेट ऑफ बर्थ, मैरिटल स्टे्टस, धर्म, जेंडर वगैरह-वगैरह. बायोडाटा का इस्तेमाल नौकरी के लिए 90 के दशक में होता था. वैसे बायोडाटा किसी भी व्यक्ति का हो सकता है इसके लिए शिक्षित या किसी क्षेत्र का विशेषज्ञ होना जरूरी नहीं है. क्योंकि इसमें किसी शख्स से जुड़ी पर्सनल डिटेल्स (personal details in biodata) होती हैं ना कि प्रोफेशनल.

भले बायोडेटा गुजरे जमाने की बात हो, लेकिन हमारे देश में आज भी शादी में बायोडाटा बहुत अहम होता है. जब किसी लड़के या लड़की का रिश्ता शादी के लिए जाता है तो उनकी उम्र, पढ़ाई जैसी जानकारियां भी लिखित में दी जाती है. यानी एक नए रिश्ते की शुरुआत भी बायोडाटा से ही होती है.

रेज्यूमे: किसी नौकरी के लिए आवेदन करते वक्त ये ध्यान रखना होगा कि आप उससे जुड़ी योग्यताएं पूरी करते हैं या नहीं और इन्हीं योग्यताओं के बारे में बताता है आपका रेज्यूमे (resume). जॉब के लिए रेज्यूमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसमें नौकरी के आवेदन के लिए दी जाने वाली तमाम जानकारियां होती हैं. लेकिन इसमें ये डिटेल की बजाय संक्षेप में होती हैं.

इसमें आपकी शिक्षा, नौकरी से जुड़े अनुभव या स्किल्स की जानकारी दी जाती है, लेकिन उसे डिटेल में देने की बजाय जॉब प्रोफाइल (job profile) के हिसाब से दी जाती है. यानी जिस नौकरी के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं उसी प्रोफाइल से जुड़ा अनुभव, स्किल या जानकारी इसमें दी जाती है. पिछली नौकरी से जुड़ा अनुभव या उपलब्धि का जिक्र भी इसमें किया जा सकता है लेकिन इसमें जेंडर, पिता का नाम, हॉबी जैसी पर्सनल जानकारी देना जरूरी नहीं होता. रेज्यूमे एक से दो पेज का हो सकता है.

सीवी: CV यानी CURRICULUM VITAE, इस डॉक्यूमेंट को रेज्यूमे का विस्तार कह सकते हैं. क्योंकि सीवी में रेज्यूमे के मुकाबले ज्यादा जानकारी दी जाती है. रेज्यूमे में दी जाने वाली जानकारी के अलावा इसमें विस्तार से करियर से जुड़े पिछले अनुभव, स्किल, उपलब्धि आदि तमाम तरह की जानकारियां दे सकते हैं. यानी आपके करियर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी उपलब्धि को आप डिटेल में अपने सीवी में जगह दे सकते हैं. सीवी की लंबाई की कोई लिमिट नहीं है, क्योंकि ये बढ़ते अनुभव के साथ-साथ बढ़ता है, इसीलिए सीवी को समय समय पर अपडेट करने की सलाह दी जाती है.

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Last Updated : Mar 3, 2022, 11:28 AM IST
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