शिमला: प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति संतोषजनक नहीं है. वहीं, देश में कोरोना वायरस की स्थिति चिंताजनक है जिसकी वजह से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. प्रदेश में कोरोना के 46 मामले आ चुके हैं, जबकि 2 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना वायरस के छह मरीजों का इलाज चल रहा है. यह बात डीजीपी सीताराम मरडी ने कही है. डीजीपी सीताराम मरडी ने कहा कि आईजीएमसी में कोरोना से मृतक युवक की मां की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है.
डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में देखा गया है कि लोग कर्फ्यू के नियमों का पालन नहीं कर रहे है. लोग न तो मास्क लगाते है और बिना कर्फ्यू पास के गाड़ी चला रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डीजीपी ने कहा कि पुलिस अब ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगी ओर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
डीजीपी ने कहा कि कुछ लोग अच्छे भी है और कानून का पालन कर रहे है लेकिन सब को कोरोना को हराना है तो हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है. साथ ही सरकार द्वारा लागू कर्फ्यू के बनाए नियम का पालन करना है. इसके साथ ही बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना है. यदि निकलना है तो मास्क और सेनिटाइजर पहनकर नहीं निकलना है.
डीजीपी ने कहा कि कुछ लोग जो बाहरी राज्यों से आए है, उन्हें होम क्वारंटाइन में रहना चाहिए. उन्हें अपने परिवार के सदस्यों से भी नहीं मिलना चाहिए जिससे लोगों का बचाव हो सके. उन्होंने कहा कि यदि कोई बाहरी राज्य से आया व्यक्ति होम क्वारंटाइन में नहीं रहता है, उसे इंस्टीटयूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग होम क्वारंटाइन का पालन भी कर रहे है.
डीजीपी ने उदाहरण देते हुए एक दंपति का जिक्र किया कि जैसे ही वे अपने गांव पहुंचे तो उन्होंने घर में रहने की बजाए घर के सामने खेतों में ही बने टेंट में रहना शुरू किया है. वह इसमें 28 दिन तक रहेंगे. दोनों पति पत्नी वहीं पर खाना बना रहे हैं, वहीं रहते हैं और अलग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं.
डीजीपी ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के नागरिक जो विदेश से वापस आना चाहते हैं, वह भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकते है.
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