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अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस पर बोले DGP, प्रदेश में बढ़ रहा सिंथेटिक ड्रग्स का प्रचलन - शिमला न्यूज

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि 26 जून को दुनियाभर में चिंता का विषय बने ड्रग एब्यूज पर अंतरराष्ट्रीय मादक दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हर साल रैली के माध्यम से यह कार्यक्रम आयोजित होता था लेकिन इस बार कोरोना संकट में ऑनलाइन ही यह कार्यक्रम किया जा रहा है.

DGP Sanjay Kundu
डीजीपी संजय कुंडू
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Published : Jun 26, 2020, 2:30 PM IST

शिमला: पिछले कुछ सालों में प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग यानी चिट्टा तेजी से बढ़ रहा है. नशे के आदी लोगों की भी संख्या बढ़ती जा रही है. यह बात हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस के अवसर पर कही है.

हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि 26 जून को यूएन जर्नल असेम्बली ने दुनिया भर में चिंता का विषय बने ड्रग एब्यूज पर अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हर साल रैली के माध्यम से यह कार्यक्रम आयोजित होता था लेकिन इस बार कोरोना संकट में ऑनलाइन ही यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

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संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल एक सुंदर प्रदेश है. पहले यहां भांग और चरस उगाई जाती थी और बाहर राज्य में सप्लाई होती थी लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों से बाहरी राज्य से हिमाचल में चिट्टा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को लेकर चिंतित है और इसे रोकने के लिए प्रयास कर रही है. डीजीपी का कहना था कि हिमाचल पुलिस ने स्टेट नारकोटिक सेल गठित किया है जो ऐसे तस्करों पर नजर बनाए रहती है और उन्हें सफलता भी मिली है.

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डीजीपी ने कहा कि बीते कुछ सालों में पुलिस ने नशा तस्करों को भी पकड़ा है और उनसे भारी मात्रा में नशे की खेप भी पकड़ी है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों कुल्लू में 42 किलो चरस पकड़ी गई थी. वहीं, ऊना में 1800 किलो भुक्की पकड़ी गई है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने प्रदेश में भांग की खेती और चरस की खेती को उखाड़ने के लिए कार्य किया जा है और भारी मात्रा में भांग की खेती नष्ट की है.

संजय कुंडू ने कहा कि सरकार भी नशा निवारण के लिए चिंतित है और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्तर की बैठक हुई थी जिसमें केंद्रीय सचिवालय बनाने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि पंचकूला में हिमाचल के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस नशे के डिमांड साइड और सप्लाई साइड दोनों पर नजर रखे हुए है और युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए समिति के माध्यम से जागरूक अभियान चला रही है.

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि कि पुलिस ने नशे को रोकने के लिए टोल फ्री नंबर 1908 बनाया है और एक एप भी बनाया है. कोई भी व्यक्ति नशे के खिलाफ इस पर सूचना दे सकता है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस थानों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला कर लोगों को नशे के प्रति जागरूक कर रही है. गौरतलब है कि प्रदेश में नशा तस्करी और युवाओं में बढ़ती नशे की लत चिंता का विषय बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: निजी स्कूल नहीं वसूल पाएंगे मनमर्जी की फीस, शिमला के इन स्कूलों पर हो सकती कार्रवाई

शिमला: पिछले कुछ सालों में प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग यानी चिट्टा तेजी से बढ़ रहा है. नशे के आदी लोगों की भी संख्या बढ़ती जा रही है. यह बात हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस के अवसर पर कही है.

हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि 26 जून को यूएन जर्नल असेम्बली ने दुनिया भर में चिंता का विषय बने ड्रग एब्यूज पर अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हर साल रैली के माध्यम से यह कार्यक्रम आयोजित होता था लेकिन इस बार कोरोना संकट में ऑनलाइन ही यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

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संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल एक सुंदर प्रदेश है. पहले यहां भांग और चरस उगाई जाती थी और बाहर राज्य में सप्लाई होती थी लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों से बाहरी राज्य से हिमाचल में चिट्टा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को लेकर चिंतित है और इसे रोकने के लिए प्रयास कर रही है. डीजीपी का कहना था कि हिमाचल पुलिस ने स्टेट नारकोटिक सेल गठित किया है जो ऐसे तस्करों पर नजर बनाए रहती है और उन्हें सफलता भी मिली है.

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डीजीपी ने कहा कि बीते कुछ सालों में पुलिस ने नशा तस्करों को भी पकड़ा है और उनसे भारी मात्रा में नशे की खेप भी पकड़ी है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों कुल्लू में 42 किलो चरस पकड़ी गई थी. वहीं, ऊना में 1800 किलो भुक्की पकड़ी गई है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने प्रदेश में भांग की खेती और चरस की खेती को उखाड़ने के लिए कार्य किया जा है और भारी मात्रा में भांग की खेती नष्ट की है.

संजय कुंडू ने कहा कि सरकार भी नशा निवारण के लिए चिंतित है और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्तर की बैठक हुई थी जिसमें केंद्रीय सचिवालय बनाने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि पंचकूला में हिमाचल के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस नशे के डिमांड साइड और सप्लाई साइड दोनों पर नजर रखे हुए है और युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए समिति के माध्यम से जागरूक अभियान चला रही है.

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि कि पुलिस ने नशे को रोकने के लिए टोल फ्री नंबर 1908 बनाया है और एक एप भी बनाया है. कोई भी व्यक्ति नशे के खिलाफ इस पर सूचना दे सकता है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस थानों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला कर लोगों को नशे के प्रति जागरूक कर रही है. गौरतलब है कि प्रदेश में नशा तस्करी और युवाओं में बढ़ती नशे की लत चिंता का विषय बना हुआ है.

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