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किन्नौर में डॉक्टरों के खाली पदों को भरने की मांग, इलाज के लिए जाना पड़ता है तीन सौ KM दूर

जनजातीय जिला किन्नौर के लोगों ने प्रदेश सरकार से आगामी बजट सत्र में जिला किन्नौर के स्वास्थ्य सेवाओं की ओर ध्यान देने की मांग की है. लोगों का कहना है कि डाक्टरों की कमी के कारण ईलाज के लिए रामपुर और शिमला का रुख करना पड़ता है.

lack of doctors in kinnaru
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Published : Mar 3, 2020, 7:03 PM IST

किन्नौरः किन्नौर कि एकमात्र क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को अपने इलाज के लिए रामपुर और शिमला की ओर जाना पड़ रहा है. ऐसे में कई बार मरीज के अस्पताल पहुंचने तक हालत खराब अधिक बिगड़ जाती है. जिला किन्नौर के लोगों ने प्रदेश सरकार से आगामी बजट को लेकर डॉक्टरों के खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला किन्नौर एक दुर्गम क्षेत्र है जहां पर कोई बड़ा हादसा हो जाए या फिर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो मरीज को रामपुर व शिमला की ओर इलाज के लिए ले जाना पड़ता है. रिकांगपिओ चिकित्सालय में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के सारे पद रिक्त पड़े हुए हैं जिसके चलते जिला में स्वास्थ्य सुविधायों की कमी है.

वीडियो.

वहीं, जिला क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में एक अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले कई सालों से बिना रेडियोलॉजिस्ट के सफेद हाथी की तरह बंद कमरे में पड़ा हुआ है जिसको लेकर भी जिला के लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द ही रिकांगपिओ चिकित्सालय में डॉक्टरों के साथ इस मशीन के लिए स्पेशलिस्ट भी भेजा जाए ताकि लोगों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए किन्नौर से बाहर न जाना पड़े.

ये भी पढ़ें- अनुराग ठाकुर के विवादित नारों पर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों का हंगामा

बता दें कि जिला किन्नौर में वर्तमान में आंखों के डॉक्टर, शल्य चिकित्सक, एनेस्थीसिया के अलावा दूसरे कई पद खाली चले हुए हैं जिसमें खासकर हड्डियों के डॉक्टर, बच्चो के डॉक्टर के अलावा दूसरे स्पेशलिस्टस के पद भी खाली हैं. ऐसे में जिला के लोगों ने आगामी बजट सत्र में सरकार से किन्नौर में डॉक्टरों की मांग रखी है.

ये भी पढ़ें- जातीय भेदभाव के मामलों पर सदन में सियासी रार, सत्ता और विपक्ष में वार-पलटवार

किन्नौरः किन्नौर कि एकमात्र क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को अपने इलाज के लिए रामपुर और शिमला की ओर जाना पड़ रहा है. ऐसे में कई बार मरीज के अस्पताल पहुंचने तक हालत खराब अधिक बिगड़ जाती है. जिला किन्नौर के लोगों ने प्रदेश सरकार से आगामी बजट को लेकर डॉक्टरों के खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला किन्नौर एक दुर्गम क्षेत्र है जहां पर कोई बड़ा हादसा हो जाए या फिर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो मरीज को रामपुर व शिमला की ओर इलाज के लिए ले जाना पड़ता है. रिकांगपिओ चिकित्सालय में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के सारे पद रिक्त पड़े हुए हैं जिसके चलते जिला में स्वास्थ्य सुविधायों की कमी है.

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वहीं, जिला क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में एक अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले कई सालों से बिना रेडियोलॉजिस्ट के सफेद हाथी की तरह बंद कमरे में पड़ा हुआ है जिसको लेकर भी जिला के लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द ही रिकांगपिओ चिकित्सालय में डॉक्टरों के साथ इस मशीन के लिए स्पेशलिस्ट भी भेजा जाए ताकि लोगों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए किन्नौर से बाहर न जाना पड़े.

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बता दें कि जिला किन्नौर में वर्तमान में आंखों के डॉक्टर, शल्य चिकित्सक, एनेस्थीसिया के अलावा दूसरे कई पद खाली चले हुए हैं जिसमें खासकर हड्डियों के डॉक्टर, बच्चो के डॉक्टर के अलावा दूसरे स्पेशलिस्टस के पद भी खाली हैं. ऐसे में जिला के लोगों ने आगामी बजट सत्र में सरकार से किन्नौर में डॉक्टरों की मांग रखी है.

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