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हिमाचल में कम आ रहे हैं टूरिस्ट, सरकार की पर्यटन योजनाएं नहीं कर रही काम!

हिमाचल में पर्यटक कम संख्या में घूमने आ रहे हैं. सरकार की ओर से तय आंकड़ों के तहत प्रदेश में हर साल दो करोड़ पर्यटकों को लाने का लक्ष्य है लेकिन यह आंकड़ा अब 1 करोड़ 76 लाख पर ही सिमट गई है.

Decrease in tourists coming to himachal pradesh
हिमाचल में कम पर्यटक
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Published : Mar 11, 2020, 4:09 PM IST

शिमला: हिमाचल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के चलते हमेशा से ही पर्यटकों की घूमने के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन रहा है लेकिन अब पर्यटक कम संख्या में हिमाचल घूमने आ रहे. यही वजह है कि साल 2017 के बाद से लगातार हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों के आंकड़े के कमी आ रही है.

सरकार की ओर से तय आंकड़े के तहत प्रदेश में हर साल दो करोड़ पर्यटकों को लाने का लक्ष्य है लेकिन यह आंकड़ा अब 1 करोड़ 76 लाख पर ही सिमट गई है. इससे पहले प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी जिसको देखते हुए सरकार ने दो करोड़ पर्यटकों की संख्या को निर्धारित की थी लेकिन अब इस लक्ष्य को हासिल करना सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

बीते कुछ वर्षों के आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में साल 2017 में प्रदेश में आने वाले देशी ओर विदेशी सैलानियों का आंकड़ा 1.96 करोड़ था, लेकिन साल 2019 में यह आंकड़ा बढ़ने के बजाए घटकर 1.72 करोड़ पर आ गया. साल 2017 में प्रदेश में आए विदेशी सैलानियों की संख्या 4.70 लाख और देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रदेश में घूमने आए सैलानियों की संख्या 1.91 करोड़ के करीब रही.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, 2019 ने यह आंकड़े विदेशी सैलानियों के घटकर 3.83 लाख और देश के सैलानी 1.68 करोड़ ही रह गए. वहीं साल 2018 में भी इन आंकड़ों में वर्ष 2019 के मुक़ाबले ज्यादा कमी आई है. साल 2018 में प्रदेश में आने वाले कुल सैलानियों का आकंड़ा 1.64 करोड़ पर ही सिमट गई थी. इसमें विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा 3.56 करोड़ और देशी पर्यटकों का आकंड़ा 1.60 करोड़ ही था. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार अपने तय दो करोड़ के लक्ष्य को पूरा करने से साल दर साल पिछड़ ही रही है.

प्रदेश में लगातार घट रहे पर्यटकों के आंकड़ों की सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रदेश में टूरिस्ट आ तो रहे हैं लेकिन उनका स्टे प्रदेश में कम हो गया है. वहीं, सरकार की जो पर्यटन के क्षेत्र से जुड़ी हुई योजनाएं हैं उनका कार्यन्वयन भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. कुछ एक योजनाएं तो पिछले बजट की है लेकिन वह अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई हैं जिसमें से देवभूमि दर्शन योजना एक योजना है.

वहीं, सैलानियों की आमद कम होने की दूसरी बड़ी वजह है प्रदेश में पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए सही एयर कनेक्टिविटी ना हो पाना. यदि हिमाचल में एयर कनेक्टिविटी बढ़ जाए तो प्रति वर्ष पांच लाख से अधिक सैलानी हवाई मार्ग से यहां आ पाएंगे. वहीं, अगर रेल पटरी का विस्तार भी किया जाता है तो यह भी घटते पर्यटन को ऊपर उठाने में मील का पत्थर साबित होगी.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में गूंजा आउटसोर्स कर्मियों का मुद्दा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

शिमला: हिमाचल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के चलते हमेशा से ही पर्यटकों की घूमने के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन रहा है लेकिन अब पर्यटक कम संख्या में हिमाचल घूमने आ रहे. यही वजह है कि साल 2017 के बाद से लगातार हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों के आंकड़े के कमी आ रही है.

सरकार की ओर से तय आंकड़े के तहत प्रदेश में हर साल दो करोड़ पर्यटकों को लाने का लक्ष्य है लेकिन यह आंकड़ा अब 1 करोड़ 76 लाख पर ही सिमट गई है. इससे पहले प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी जिसको देखते हुए सरकार ने दो करोड़ पर्यटकों की संख्या को निर्धारित की थी लेकिन अब इस लक्ष्य को हासिल करना सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

बीते कुछ वर्षों के आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में साल 2017 में प्रदेश में आने वाले देशी ओर विदेशी सैलानियों का आंकड़ा 1.96 करोड़ था, लेकिन साल 2019 में यह आंकड़ा बढ़ने के बजाए घटकर 1.72 करोड़ पर आ गया. साल 2017 में प्रदेश में आए विदेशी सैलानियों की संख्या 4.70 लाख और देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रदेश में घूमने आए सैलानियों की संख्या 1.91 करोड़ के करीब रही.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, 2019 ने यह आंकड़े विदेशी सैलानियों के घटकर 3.83 लाख और देश के सैलानी 1.68 करोड़ ही रह गए. वहीं साल 2018 में भी इन आंकड़ों में वर्ष 2019 के मुक़ाबले ज्यादा कमी आई है. साल 2018 में प्रदेश में आने वाले कुल सैलानियों का आकंड़ा 1.64 करोड़ पर ही सिमट गई थी. इसमें विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा 3.56 करोड़ और देशी पर्यटकों का आकंड़ा 1.60 करोड़ ही था. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार अपने तय दो करोड़ के लक्ष्य को पूरा करने से साल दर साल पिछड़ ही रही है.

प्रदेश में लगातार घट रहे पर्यटकों के आंकड़ों की सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रदेश में टूरिस्ट आ तो रहे हैं लेकिन उनका स्टे प्रदेश में कम हो गया है. वहीं, सरकार की जो पर्यटन के क्षेत्र से जुड़ी हुई योजनाएं हैं उनका कार्यन्वयन भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. कुछ एक योजनाएं तो पिछले बजट की है लेकिन वह अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई हैं जिसमें से देवभूमि दर्शन योजना एक योजना है.

वहीं, सैलानियों की आमद कम होने की दूसरी बड़ी वजह है प्रदेश में पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए सही एयर कनेक्टिविटी ना हो पाना. यदि हिमाचल में एयर कनेक्टिविटी बढ़ जाए तो प्रति वर्ष पांच लाख से अधिक सैलानी हवाई मार्ग से यहां आ पाएंगे. वहीं, अगर रेल पटरी का विस्तार भी किया जाता है तो यह भी घटते पर्यटन को ऊपर उठाने में मील का पत्थर साबित होगी.

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