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गायत्री यज्ञ में CM की मौजूदगी पर माकपा तल्ख, कोरोना से निपटने के लिए की ठोस नीति की मांग

माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा है. संजय चौहान ने हाल ही में बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा आयोजित यज्ञ में सीएम के बयान पर खूब तंज कसे हैं.

संजय चौहान
संजय चौहान, माकपा नेता.
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Published : Jul 19, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 4:28 PM IST

शिमला: प्रदेश माकपा कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आंकड़े पर जयराम सरकार को लगातार आड़े हाथों ले रही है. इसी कड़ी में हाल ही में बीजेपी से जुड़े एक संगठन द्वारा शिमला में कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए आयोजित गायत्री यज्ञ में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री की मौजूदगी पर माकपा ने निशाना साधा है. माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा तय कानून व नियमों की धज्जियां उड़ाने की कड़ी निंदा की है.

माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान का कहना है कि इस कार्यक्रम में कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जिस प्रकार से अवैज्ञानिक, अतार्किक और पुरातन समझ का बयान दिया गया, वो देश के सबसे शिक्षित राज्यों में दूसरे पायदान पर रहने वाले राज्य के मुख्यमंत्री से अपेक्षित नहीं है. क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार किसी भी चुनी हुई सरकार का उत्तरदायित्व है कि वो समाज में पिछड़ी चेतना को रोककर वैज्ञानिक व अग्रणी चेतना का प्रवाह करे, ताकि देश व प्रदेश एक प्रगतिशील हो.

वीडियो.

संजय चौहान ने मांग कि है कि सरकार अपने वैधानिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करे और जो भी इस आयोजन के दौरान कोविड- 19 के लिए निर्धारित कानून व नियमों की उल्लंघना के लिए जिम्मेवार है, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी से निपटने के लिए अवैज्ञानिक व अतार्किक बयान को वापिस ले. ये इसलिए भी आवश्यक है ताकि जनता का देश के लोकतंत्र, कानून व सरकार में विश्वास बना रहे.

माकपा नेता का आरोप है कि प्रदेश सरकार कोविड- 19 को लेकर शुरू से ही कोई ठोस रणनीति बनाकर कार्य नहीं कर रही है. सरकार रोज नए आदेश जारी कर कोविड- 19 के लिए तय नियमों में बदलाव कर रही है, जिससे प्रदेश में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो रही है. ऐसी विषम परिस्थिति में सरकार द्वारा प्रदेश को क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाने के चौंकाने वाले अतार्किक बयान ने तो सबको असमंजस में डाल दिया था.

अब सरकार ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के विरोध के बावजूद कुछ अजीब शर्तों के साथ पर्यटकों को प्रदेश में आने की छूट दे दी है. सरकार का ये निर्णय भी सवालों के घेरे में है. जब कारोबारी इस स्थिति में नहीं चाहते कि पर्यटन व्यवसाय प्रदेश में शुरू किया जाए तो सरकार क्यों जल्दबाजी में निर्णय ले रही है. सीपीएम प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए एक वैज्ञानिक व तार्किक दृष्टिकोण अपनाते हुए ठोस रणनीति बनाकर कार्य करें.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोरोना वायरस संकट से निजात पाने के लिए यहां बीते गुरुवार को एक यज्ञ में भाग लिया. प्रदेश बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमें भारतीय संस्कृति पर पूरा विश्वास है. जब भी ऐसी विपदा आती है, हम धार्मिक आयोजन करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन न होने की खबरें भी सामने आई थीं, जिसके बाद विपक्षी दल जयराम सरकार को निशाने पर ले रहे हैं.

शिमला: प्रदेश माकपा कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आंकड़े पर जयराम सरकार को लगातार आड़े हाथों ले रही है. इसी कड़ी में हाल ही में बीजेपी से जुड़े एक संगठन द्वारा शिमला में कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए आयोजित गायत्री यज्ञ में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री की मौजूदगी पर माकपा ने निशाना साधा है. माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा तय कानून व नियमों की धज्जियां उड़ाने की कड़ी निंदा की है.

माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान का कहना है कि इस कार्यक्रम में कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जिस प्रकार से अवैज्ञानिक, अतार्किक और पुरातन समझ का बयान दिया गया, वो देश के सबसे शिक्षित राज्यों में दूसरे पायदान पर रहने वाले राज्य के मुख्यमंत्री से अपेक्षित नहीं है. क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार किसी भी चुनी हुई सरकार का उत्तरदायित्व है कि वो समाज में पिछड़ी चेतना को रोककर वैज्ञानिक व अग्रणी चेतना का प्रवाह करे, ताकि देश व प्रदेश एक प्रगतिशील हो.

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संजय चौहान ने मांग कि है कि सरकार अपने वैधानिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करे और जो भी इस आयोजन के दौरान कोविड- 19 के लिए निर्धारित कानून व नियमों की उल्लंघना के लिए जिम्मेवार है, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी से निपटने के लिए अवैज्ञानिक व अतार्किक बयान को वापिस ले. ये इसलिए भी आवश्यक है ताकि जनता का देश के लोकतंत्र, कानून व सरकार में विश्वास बना रहे.

माकपा नेता का आरोप है कि प्रदेश सरकार कोविड- 19 को लेकर शुरू से ही कोई ठोस रणनीति बनाकर कार्य नहीं कर रही है. सरकार रोज नए आदेश जारी कर कोविड- 19 के लिए तय नियमों में बदलाव कर रही है, जिससे प्रदेश में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो रही है. ऐसी विषम परिस्थिति में सरकार द्वारा प्रदेश को क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाने के चौंकाने वाले अतार्किक बयान ने तो सबको असमंजस में डाल दिया था.

अब सरकार ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के विरोध के बावजूद कुछ अजीब शर्तों के साथ पर्यटकों को प्रदेश में आने की छूट दे दी है. सरकार का ये निर्णय भी सवालों के घेरे में है. जब कारोबारी इस स्थिति में नहीं चाहते कि पर्यटन व्यवसाय प्रदेश में शुरू किया जाए तो सरकार क्यों जल्दबाजी में निर्णय ले रही है. सीपीएम प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए एक वैज्ञानिक व तार्किक दृष्टिकोण अपनाते हुए ठोस रणनीति बनाकर कार्य करें.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोरोना वायरस संकट से निजात पाने के लिए यहां बीते गुरुवार को एक यज्ञ में भाग लिया. प्रदेश बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमें भारतीय संस्कृति पर पूरा विश्वास है. जब भी ऐसी विपदा आती है, हम धार्मिक आयोजन करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन न होने की खबरें भी सामने आई थीं, जिसके बाद विपक्षी दल जयराम सरकार को निशाने पर ले रहे हैं.

Last Updated : Jul 19, 2020, 4:28 PM IST
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