शिमला: शहर में येलो लाइन पार्किंग न बनने पर नगर निगम के मासिक बैठक में पार्षदों ने मुद्दा उठाया और अब तक येलो लाइन पार्किंग क्यों नहीं बन पाई इसको लेकर जवाब मांगा.
पार्षदों ने जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे दखल अंदाजी पर भी आपत्ति जताई और मांग रखी की जब मुख्यमंत्री ने येलो लाइन पार्किंग बनाने के लिए कहा है, तो क्यों बार-बार जिला प्रशासन द्वारा आपत्ति लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि शहर में सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी नहीं करने दी जा रही हैं और गाड़ियों के चालान काटे जा रहे हैं.
बैठक में डीसी ने कहा कि येलो लाइन पर पहले ही सुझाव और आपत्ति मांगी गई थी, लेकिन किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई. उन्होंने बताया कि शहर में जहां भी येलो लाइन पार्किंग बननी है, वहां पुलिस के साथ निरीक्षण किया गया है. साथ ही येलो लाइन को लेकर टेंडर तैयार है, जैसे ही येलो लाइन की जिला प्रशासन से हरी झंडी मिलती है, वैसे ही काम शुरू कर दिया जाएगा.
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि शहर में येलो लाइन पार्किंग को लेकर पार्षदों ने मांग की है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने कुछ आपत्ति लगाई हैं, जिसकी वजह से इस मामले को सीएम के पास उठाया जाएगा.
शिमला शहर के प्रतिबंधित सड़कों पर वाहनों के लिए ले जाने के लिए पार्षदों ने परमिट दिलाने की मांग की ओर कहा कि जब पुलिस और अन्य लोगों को परमिट दिए जा रहे हैं, तो नगर निगम के पार्षदों को क्यों नहीं दिए जा रहे हैं.