शिमला: किसी मरीज का ऑक्सीजन लेबल 94 से कम है, तो उनमें कोराना के लक्षण लगभग तय है. ऐसी स्थिति में फिर लोगों को अस्पताल आने की जरूरत होती है. लोगों को अपना ऑक्सीजन लेवल घर पर ऑक्सीमीटर से चैक करना चाहिए उक्त बातें आईजीएमसी के कोरोना विशेषज्ञ डॉ. बलवीर वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
डॉ. वर्मा ने कहा कि ऑक्सीजन लेवल चेक करने लिए व्यक्ति को अपनी बीच वाली अंगुली में ऑक्सीमीटर लगाना चाहिए, ताकि ऑक्सीजन लेवल की सही जानकारी मिल सके. कोरोना से बचने के लिए लोग ठीक से मास्क पहने, हाथ को अच्छी तरह धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें. कोरोना होने के बाद अगर बुखार और खांसी आ रही है तो डरने की बात नहीं है. लेकिन ऑक्सीजन लेवल का लगातार कम होना परेशानी का सबब बन सकता है. ऐसे में मरीज को फौरन अस्पताल जाना चाहिए.
कोरोना की चपेट में आ चुके हैं 60 से अधिक डॉक्टर व कर्मचारी
आईजीएमसी में कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए 60 से अधिक डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी सहित सुरक्षा कर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. ये वो कोरोना यौद्धा हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी की परवाह न करते हुए दूसरों की जिंदगी को बचाया है. अस्पताल में सभी डॉक्टर व कर्मचारी दिन रात मरीजों की सेवा में लगे हुए. किसी भी मरीजों को दिक्कतें नहीं आने दी जा रही है.
अस्थियों में नहीं होता कोई वायरस
विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थियों में कोई कोरोना वायरस नहीं होता है. लोगों में यह भ्रम है. जब डेडबॉडी को जला लिया जाता है तो वायरस भी मर जाता है. अस्पतालों में जब किसी कोरोना संक्रमित की मौत होती है तो डेडबॉडी को पूरी तरह से पैक किया जाता है और शमशान घाट पहुंचाया जाता है. एक या दो मरीज के तीमारदारों को मृत के चेहरे को दूर से देखने की अनुमति दी जाती है.
आईजीएमसी में ऑक्सीजन की कमी नहीं
डॉ. जनक राज ने कहा कि आईजीएमसी में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. वहीं वेंटिलेटर भी हमारे पास उपलब्ध है. अगर आगामी दिनों में कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी होती है तो उसे निपटने के लिए तैयारियां पूरी है. लोगों को आईजीएमसी में कोई दिक्कतें नहीं आने दी जा रही है.
अतिरिक्त बेड का किया इंतजाम
आईजीएमसी में अतिरिक्त बेड का प्रावधान किया गया है, ताकि कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जा सके. अब न्यू ओपीडी का भवन बना है उसमें दो फ्लोर में कोरोना के मरीजों के लिए बेड लगाए गए हैं. एक फ्लोर में 25 कोरोना के मरीजों को भर्ती किया गया है और एक फ्लोर अभी खाली है. इसके अलावा ई-बलॉक में आइसोलशन वार्ड में 93 मरीज भर्ती है.
530 मरीजों को कर चुके है डिस्चार्ज
आईजीएमसी से अभी तक 530 कोरोना के मरीजों को डिस्चार्ज कर लिया गया है. इन सभी मरीजों ने कोरोना से जंग जीत ली है. आईजीएमसी में गंभीर मरीज ही आते हैं. ऐसे में डाक्टरों ने इन सभी लोगों की जिंदगी बचा ली है.