शिमलाः कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद आईजीएमसी प्रशासन अलर्ट हो गया है. अस्पताल में 45 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें सिर्फ कोरोना से पीड़ित मरीजों को रखा जाएगा.
वहीं, सन्दिग्ध मरीजों के निगरानी के लिए 50 बेड का वार्ड परिमहल में बनाया गया है. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अस्पताल में अलग से 24 घण्टे चलने वाली वायरस ओपीडी बनाई गई है. जिसमें सोमवार से जो भी मरीज खांसी, जुकाम, गले मे दर्द व सांस में तकलीफ का आएगा वह सीधा ई-ब्लॉक में वायरस ओपीडी में जाएगा. यहां मरीज की स्कैनिंग कर जांच की जाएगी और उसके बाद ही उसे अन्य जगह भेजा जाएगा.
उन्होंने कहा कि अगर कोई मरीज कोरोना का संदिग्ध लगता है तो उसे परिमहल में रखा जाएगा और कोरोना वायरस रिपोर्ट पोजिटिव आने पर उसे आईजीएमसी में बने आईसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. डॉ. जनक ने बताया कि कोरोना वायरस से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह उन लोगों को हो सकता है जो कोरोना प्रभावित देशों से लोटे हैं और 28 दिनों तक खांसी, सर्दी और जुकाम से पीड़ित हैं.
उन्होंने बताया कि यदि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति अस्पताल में आता है तब भी डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अस्पताल में उसे आईसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा और उसके निगरानी में रहने वाले स्टाफ पूरी किट के साथ तैयार होगा.
उनका कहना था कि बाजार में लोग मास्क लगा कर घूम रहे हैं, जबकि सभी को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है. कोरोना से पीड़ित व्यक्ति उसके साथ रहने वाले और जो चिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं, केवल उन्हें ही एन-95 मास्क की जरूरत है.
उन्होंने लोगों को आगाह किया कि सफाई का ध्यान रखें और सेनेटाइजर का भी बार-बार प्रयोग न करें, इससे भी बीमारी होती है. साबुन से 20 सेकेंड तक हाथ धोने से कोई भी वायरस से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि अभी तक आईजीएमसी में अभी तक 3 संदिग्ध मरीज आये थे जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.
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