शिमला: हिमाचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसी में जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra in IGMC Shimla) जहां से मरीजों को निशुल्क दवाई (Patients in IGMC) दी जाती है, वहां पर कंपनी की दवाई बेचने का मामला सामने आया है. ये मामला सामने आने के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है. मरीजों का कहना है कि यहां पर एक ही कंपनी की दवाई बेची जाती है, जो डॉक्टर लिखते हैं वो नहीं मिलती है. आईजीएमसी में जन औषधि केंद्र पर एक ही कंपनी की दवा को बेचने की शिकायत के बाद प्रशासन ने इसका पूरा स्टॉक रिकॉर्ड तलब कर लिया.
इस पूरे मामले में जांच बिठा दी है. इसकी जांच रिपोर्ट 4 से 5 दिन में आएगी. इस मामले में प्रशासन की ओर से बड़ी कार्रवाई आने वाले समय में की जा सकती है. बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन को लंबे समय से शिकायतें पहुंच गई थी. एक ही कंपनी की दवाएं दुकान से बेची जा रही है. इन शिकायतों को आने के बाद प्रशासन की ओर से एक टीम का गठन किया गया. टीम को स्टोर में जाकर स्टॉक की फिजिकल वेरिफिकेशन के निर्देश दिए गए.
टीम ने इसका फिजिकल वेरिफिकेशन करके पूरा स्टॉक रजिस्टर को जांच करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है. अगले तीन से चार दिन में ये रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जा सकती है. इसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी. जन औषधि के नियमों के मुताबिक जन औषधि केंद्र पर जेनेरिक दवाएं (Generic medicines at Jan Aushadhi Kendra) बेची जानी चाहिए. इससे मरीजों को दवाएं दूसरी दुकानें को मुकाबले सस्ती मिले. आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की इस योजना को शुरू किया गया था. इसके बावजूद आईजीएमसी में जन औषधि केंद्र में ही एक कंपनी की दवाओं को बेचा जा रहा था.
इन बिंदुओं पर होगी जांच: अस्पताल प्रशासन अब इस मसले पर जांच कर रहा है कि कंपनी किस व्यक्ति की है. जन औषधि केंद्र चलाने वाले या कंपनी के संचालक के बीच में क्या कड़ी है. कितने डॉक्टर इस कंपनी की दवाओं को लिख रहे हैं. इस पूरे मामले की जांच के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जानी प्रस्तावित है.
राहत देने के लिए खोली है दुकान: सरकार ने ये जन औषधि केंद्र मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए खोली गई थी. मरीजों को वहां पर बहुत सारी दवाइयां नहीं मिलती थी. इसके कारण मरीजों को बाहर से दवाइयां लेनी पड़ती है. मरीजों का कहना है कि वह पर सभी दवाइयां एक ही कंपनी की मिल रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी: आईजीएमसी के प्रिसिंपल डॉक्टर सुरेंद्र शर्मा (IGMC Principal Dr Surendra Sharma) ने माना की पहले भी मरीजों की इसको लेकर शिकायत आई है. इसको लेकर कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन किया है. इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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