शिमला: हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की कई संगठन मांग उठा रहे हैं. वहीं, शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (MLA Vikramaditya Singh) ने भी सवर्ण आयोग के गठन का समर्थन किया है मंगलवार को विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा मानसून सत्र (assembly monsoon session) के दौरान पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत अन्य आयोग की तरह सवर्ण समाज के लोगो के लिए सवर्ण आयोग का गठन करने का मामला उठाया.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि की वे किसी वर्ग जाति के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरफ से देश प्रदेश में सवर्ण समाज के गठन की मांग उठ रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी लाइन से हट कर ये मामला उठाया है और ये उनकी निजी राय है. उन्होंने कहा कि वे किसी के हक को छीनने की बात नहीं कर रहे हैं. देश में एससी, एसटी, ओबीसी सहित अन्य आयोग बनाए गए हैं और आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन देश प्रदेश में जो बहुसंख्यक हैं उनके लिए भी आयोग का गठन किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वे किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन सवर्ण समाज के लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनको भी आरक्षण दिया जाना चाहिए. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सविधान में सभी को एक सम्मान अधिकार दिया गया है. हालांकि कांग्रेस सरकारों में ही समाज के कमजोर वर्गों के लिए अलग व्यवस्था की गई है, लेकिन देश में जो बहुसंख्यक आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके बारे में भी व्यवस्था की जानी चाहिए.
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) से प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन पर विचार करने की मांग की. विक्रमादित्य सिंह ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर सवर्ण आयोग गठन करने वाले क्षेत्रीय संगठनों से उनसे मिलने का आग्रह किया था और मंगलवार को सुबह ही क्षेत्रीय संगठन के पदाधिकारी होली लॉज में उनसे मिलने पहुंचे थे, जिसके बाद आज विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के बाद आयोग के गठन का मामला उठाया. बता दें कि प्रदेश में लंबे समय से सवर्ण आयोग के गठन की मांग चल रही है. इस कड़ी में देवभूमि क्षत्रिय संगठन (Dev Bhoomi Kshatriya organization ) ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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