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कांग्रेस विधायकों ने बजट को बताया कर्मचारी और युवा विरोधी, कहा: चुनावी वर्ष में लोगों को लुभाने की हो रही कोशिश - कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट (Himachal budget 2022) को कांग्रेस विधायकों ने कर्मचारी और युवा विरोधी करार दिया (Congress leader on Himachal budget ) है. कांग्रेस विधायकों का कहना है कि बजट में सिर्फ घोषणाएं की गई है, जो कभी पूरी होने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बजट में न तो कर्मचारियों के लिए कुछ है और न ही बेरोजगार युवाओं के लिए. कांग्रेस विधायकों ने बजट को कर्मचारी और युवा विरोधी करार दिया है.

Congress leader on Himachal budget
हिमाचल बजट पर कांग्रेस नेता
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Published : Mar 4, 2022, 7:20 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट (Himachal budget 2022) को कांग्रेस विधायकों ने कर्मचारी और युवा विरोधी करार दिया (Congress leader on Himachal budget ) है. फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी पठानिया ने कहा कि यह बजट कम और पार्टी का मेनिफेस्टो ज्यादा नजर आ रहा है. बजट में जो घोषणाएं की गई है, उसके लिए बजट कहां से आएगा. इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है. प्रदेश पहले ही कर्ज में डूबा है, ऐसे में चुनावी वर्ष में सरकार द्वारा लोगों को लुभाने की नाकाम कोशिश की जा रही है. बजट में न तो कर्मचारियों के लिए कुछ है और न ही बेरोजगार युवाओं के लिए.

वहीं, पालमपुर से कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल (Congress MLA Ashish Butail) ने बजट को जनता के साथ एक धोखा बताया. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में जो घोषणा की गई थी, वह भी अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं उतरी हैं और अब दोबारा से लोगों को लुभाने के लिए घोषणाएं की गई हैं, जो कि पूरी होने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ लोगों को राहत देते हुए मानदेय बढ़ाया है, लेकिन कर्मचारियों की इसमें पूरी तरह से अनदेखी की गई है. इसके अलावा खासकर पालमपुर की जनता को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी है.

हिमाचल बजट पर कांग्रेस नेता.

बजट में शेरों शायरी करने आते हैं सीएम: कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू (Congress MLA Sukhwinder Singh Sukhu) ने बजट को लेकर मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया बजट एक फिल्म के समान था, जो 3 घंटे में ही खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि इस बजट में किसी भी वर्ग को राहत नहीं दी गई है. कर्मचारी विधानसभा के बाहर बीते दिन धरने पर बैठे थे, लेकिन उन्हें कोई भी राहत सरकार ने नहीं दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पांच साल में केवल शेरों शायरी ही सिखी है और वह बजट भाषण में भी सिर्फ शेरो शायरी ही करते हैं.

औपचारिकता मात्र था सरकार का बजट: वहीं, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh) ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट पढ़ कर मात्र औपचारिकताएं पूरी की है. बजट से प्रदेश का बेरोजगार युवा और कर्मचारी पूरी तरह से निराश हुआ है. बेरोजगारों के लिए कोई भी घोषणाएं (Announcements in Himachal budget) इस बजट में नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन बजट से कर्मचारियों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है.

खोदा पहाड़ निकला चूहा: कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी (Congress MLA Jagat Singh Negi) ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जयराम ठाकुर ने अपने पहले बजट में प्रदेश को राम राज्य बनाने की बात कही थी और प्रदेश का विकास करने का दावा किया था, लेकिन 5 साल बाद पहाड़ खोदा, तो चूहा निकला और वो भी मरा हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी, आउटसोर्स कर्मियों सहित अन्य वर्गों के मानदेय में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी की है, लेकिन इस महंगाई के दौर में यह बढ़ोतरी काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सरकार की मानसिकता केवल वोट बटोरने की है, लेकिन प्रदेश की जनता 6 महीने बाद इन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.

ये भी पढ़ें: इंटर कॉलेज महिला हॉकी चैंपियनशिप में ऊना ने मारी बाजी, ऐसे पलटा मैच

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट (Himachal budget 2022) को कांग्रेस विधायकों ने कर्मचारी और युवा विरोधी करार दिया (Congress leader on Himachal budget ) है. फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी पठानिया ने कहा कि यह बजट कम और पार्टी का मेनिफेस्टो ज्यादा नजर आ रहा है. बजट में जो घोषणाएं की गई है, उसके लिए बजट कहां से आएगा. इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है. प्रदेश पहले ही कर्ज में डूबा है, ऐसे में चुनावी वर्ष में सरकार द्वारा लोगों को लुभाने की नाकाम कोशिश की जा रही है. बजट में न तो कर्मचारियों के लिए कुछ है और न ही बेरोजगार युवाओं के लिए.

वहीं, पालमपुर से कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल (Congress MLA Ashish Butail) ने बजट को जनता के साथ एक धोखा बताया. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में जो घोषणा की गई थी, वह भी अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं उतरी हैं और अब दोबारा से लोगों को लुभाने के लिए घोषणाएं की गई हैं, जो कि पूरी होने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ लोगों को राहत देते हुए मानदेय बढ़ाया है, लेकिन कर्मचारियों की इसमें पूरी तरह से अनदेखी की गई है. इसके अलावा खासकर पालमपुर की जनता को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी है.

हिमाचल बजट पर कांग्रेस नेता.

बजट में शेरों शायरी करने आते हैं सीएम: कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू (Congress MLA Sukhwinder Singh Sukhu) ने बजट को लेकर मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया बजट एक फिल्म के समान था, जो 3 घंटे में ही खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि इस बजट में किसी भी वर्ग को राहत नहीं दी गई है. कर्मचारी विधानसभा के बाहर बीते दिन धरने पर बैठे थे, लेकिन उन्हें कोई भी राहत सरकार ने नहीं दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पांच साल में केवल शेरों शायरी ही सिखी है और वह बजट भाषण में भी सिर्फ शेरो शायरी ही करते हैं.

औपचारिकता मात्र था सरकार का बजट: वहीं, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh) ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट पढ़ कर मात्र औपचारिकताएं पूरी की है. बजट से प्रदेश का बेरोजगार युवा और कर्मचारी पूरी तरह से निराश हुआ है. बेरोजगारों के लिए कोई भी घोषणाएं (Announcements in Himachal budget) इस बजट में नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन बजट से कर्मचारियों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है.

खोदा पहाड़ निकला चूहा: कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी (Congress MLA Jagat Singh Negi) ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जयराम ठाकुर ने अपने पहले बजट में प्रदेश को राम राज्य बनाने की बात कही थी और प्रदेश का विकास करने का दावा किया था, लेकिन 5 साल बाद पहाड़ खोदा, तो चूहा निकला और वो भी मरा हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी, आउटसोर्स कर्मियों सहित अन्य वर्गों के मानदेय में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी की है, लेकिन इस महंगाई के दौर में यह बढ़ोतरी काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सरकार की मानसिकता केवल वोट बटोरने की है, लेकिन प्रदेश की जनता 6 महीने बाद इन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.

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