शिमला: नगर निगम शिमला की ओर से पेश किए गए बजट को कांग्रेस पार्षदों ने कट-पेस्ट बजट करार दिया है. साथ ही नगर निगम की ओर से विद्युत सेस बढ़ाने का विरोध भी किया है.
कोई नई घोषणा नहीं
पार्षदों का कहना है कि कोरोना काल में जहां लोगों को नगर निगम से राहत की उम्मीद थी, लेकिन राहत देने के बजाय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस बजट में कोई भी नई घोषणा नगर निगम ने नहीं की है, बल्कि पुरानी घोषणाओं को ही दोहराया गया है. बजट में नया कुछ नहीं किया है.
कूड़ा, पानी के बिलों में राहत की थी उम्मीद
मझाठ वार्ड के कांग्रेस पार्षद दिवाकर ने कहा कि नगर निगम का बजट शहर के लोगों की उम्मीदों पर जरा भी खरा नहीं उतर पाया है. शहर में राहत देने के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है. कोरोना के चलते लोगों को कूड़ा पानी के बिलों में राहत की उम्मीद थी, लेकिन बजट में किसी को कोई राहत नहीं दी गई है और न ही कोई नई योजना शुरू की गई है.
कांग्रेस ने कॉपी पेस्ट वाला बजट करार दिया
कांग्रेस पार्षद ने कहा कि नगर निगम ने बजट के लिए सुझाव भी लिए थे, लेकिन उन सुझावों को बजट में पेश तक नहीं किया गया. वहीं, आनंद कौशल और सिम्मी नंदा ने कहा कि यह बजट आंकड़ों का मायाजाल है. कोरोना के दौरान कोई भी राहत ना तो शहर की जनता ना ही कारोबारियों को नगर निगम ने दी है.
लोगों पर बढ़ा अतिरिक्त बोझ
ऐसे में इस बजट में भी लोगों को राहत देने के बजाय लोगों पर विद्युत सेस बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डालने का काम नगर निगम ने किया गया है. उन्होंने कहा कि जो घोषणा बजट भाषण में की गई है, वे पहले भी बजट में शामिल की गई थी.
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