शिमला: लंबी जद्दोजहद के बाद बीजेपी ने मंडी संसदीय सीट से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. मंडी संसदीय सीट से बीजेपी ने कारगिल हीरो रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.
ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले नगवाईं गांव के निवासी हैं. इनके नेतृत्व वाली 18 ग्रेनेडियर ने ना केवल टाइगर हिल और तोलोलिंग पर विजय पताका फहराया, बल्कि करगिल युद्ध की जीत का रास्ता भी तैयार किया. खुशाल ठाकुर का जन्म 9 सितंबर 1954 को हुआ है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई के बाद इन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स दिल्ली से मानवाधिकार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया है. इनका बेटा भी सेना में ले. कर्नल के पद पर तैनात हैं.
वहीं, मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रतिभा सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र से पहले भी सांसद रह चुकी हैं. 2004 में प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय सीट से 64 हजार 566 मतों से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा मंडी संसदीय क्षेत्र में 30 जून 2013 को हुए उपचुनाव में भी उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बड़े मार्जिन से हराया था. उन्हें उपचुनाव में 1 लाख 36 हजार 704 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा.
प्रतिभा सिंह को 3 लाख 53 हजार 469 मत मिले थे हालांकि 2014 में प्रतिभा सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ऐसे में अब मंडी संसदीय सीट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. कांग्रेस पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरेंगी.
बात अगर प्रदेश के तीन विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव की करें तो, कांग्रेस ने फतेहपुर से स्व. सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया पर विश्वास जताया है. इसके अलावा अर्की से संजय अवस्थी और जुब्बल कोटखाई से रोहित ठाकुर को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है.
जुब्बल कोटखाई से रोहित ठाकुर को कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है. रोहित ठाकुर दो बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि 2017 में उन्हें बीजेपी के स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा से हार मिली थी. 2003 रोहित ठाकुर यहां से पहली बार विधायक बने थे और 2007 में वे हारे थे, जबकि 2012 रोहित ठाकुर ने फिर यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं, 2017 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, इस बार फिर कांग्रेस ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है.
बीजेपी ने फतेहपुर में पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार को दरकिनार करते हुए, 2017 में भाजपा के बागी रहे बलदेव ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है. अर्की से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से 7 हजार से भी कम वोटों से हारने वाले रतन सिंह पाल को चुनाव मैदान में उतारा है. रतन पाल सिंह वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसके अलावा स्टेट को ऑपरेटिव डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं.
जुब्बल-कोटखाई से भाजपा ने नीलम सरइक को उम्मीदवार बनाया है. नीलम सरइक तीन बार जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं. इसके अलावा जिला शिमला महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और महिला मोर्चा राज्य सचिव के पद पर भी काम कर चुकी हैं. नीलम को एक बार भाजपा से निलंबित भी किया गया था.
जुब्बल-कोटखाई से भाजपा नेता कई दिनों से पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में थे. चेतन बरागटा को लेकर भाजपा नेता क्षेत्र में कई जनसभाएं भी कर चुके हैं, लेकिन अंतिम समय में पार्टी हाईकमान ने नीलम पर भरोसा जताते हुए उपचुनावों में एक महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है.
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