शिमला: मंडी में राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए और इसकी रूपरेखा तैयार करने को लेकर हिमाचल कैबिनेट ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इस समिति में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपतियों तथा सचिव शिक्षा को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
मंडी में राज्य का दूसरा विश्वविद्यालय खोलना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है. अगर यह प्रोजेक्ट जल्द पूरा होता है तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बाद मंडी में सूबे का दूसरा विश्वविद्यालय होगा. दो विश्वविद्यालयों में प्रदेश के छह-छह जिलों के कॉलेजों को बांटा जाएगा. मंडी विश्वविद्यालय के तहत कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों के कॉलेज आएंगे.
शिमला विश्वविद्यालय में शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना और किन्नौर जिलों के कॉलेज आएंगे. मंडी के चार कॉलेजों मंडी, सुंदरनगर, द्रंग और बासा में नए विश्वविद्यालय के कैंपस बनाए जाएंगे. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने दूसरे विश्वविद्यालय को खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है. मंडी विश्वविद्यालय की अधिसूचना जारी होने पर यहां अलग से उपकुलपति और रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए अध्यादेश में अलग से नियमों के प्रावधान किए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने मंडी विश्वविद्यालय का मंडी कॉलेज को लीड महाविद्यालय बनाया है. इसके तहत मंडी कॉलेज में स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी, स्कूल ऑफ परफार्मिंग आर्ट, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर प्लानिंग, स्कूल ऑफ टीचर एजूकेशन, स्कूल ऑफ जियो फिजिकल साइंस, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट खोला जाएगा.
द्रंग कॉलेज में स्कूल ऑफ लैंग्वेज और स्कूल ऑफ साइंस खुलेगा. बासा कॉलेज में स्कूल ऑफ टूरिज्म स्टडी, स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस खुलेगा. सुंदरनगर में स्कूल ऑफ अप्लाइड साइंस, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडी और स्कूल ऑफ फार्मेसी खोला जाएगा. इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा के बजट सत्र में अध्यादेश लाया जाएगा. इसके बाद ही यहां कक्षाएं शुरू होंगी.