ETV Bharat / city

CM जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई दी

रोशनी के पर्व दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (govardhan puja) होती है. इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर यानी आज मनायी जा रही है. इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें छप्पन भोग अर्पित करते हैं. यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है.

जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर
author img

By

Published : Nov 5, 2021, 9:44 AM IST

शिमला: आज हिमाचल समेत पूरे देश में गोवर्धन पूजा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सीएम जयराम ठाकुर ने गोवर्धन पूजा पर प्रदेशवासियों को ट्वीट कर बधाई दी है.

सीएम जयराम ठाकुर ने अपने बधाई संदेश में कहा, ''गोवर्धन पूजा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि एवं आरोग्यता लाये, भगवान श्रीकृष्ण से यही कामना करता हूं...जय श्रीकृष्ण.''

  • "गोवर्धन पूजा" के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।

    यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि एवं आरोग्यता लाये, भगवान श्रीकृष्ण से यही कामना करता हूँ।

    जय श्रीकृष्ण! pic.twitter.com/YXmbZhFN37

    — Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) November 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोशनी के पर्व दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (govardhan puja) होती है. इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर यानी आज मनायी जा रही है. इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें छप्पन भोग अर्पित करते हैं. यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाया था.

क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने गांववालों से देव राज इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था तब देव राज इंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने खूब बारिश की जिसकी वजह से पूरा गोकुल तबाह हो गया. तब भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. जिससे सभी गोकुलवासियों की रक्षा हुई और इंद्र देव का घमंड भी टूट गया तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा चली आ रही है.

बैलों को खिलाया जाता है गुड़ और चावल

इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. गाय बैल को स्नान करवाकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है. गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है. तब से ही यह पर्व गोवर्धन के रूप में मनाया जाता है. हिमाचल के कई जिलों में इस दिन देवताओं के वास्तुकार विश्वकर्मा की भी पूजा होती है.

ये भी पढ़ें: Rashifal Today, November 5: जन्म तारीख के अनुसार जानिए कैसा रहेगा आपका आज का द‍िन

शिमला: आज हिमाचल समेत पूरे देश में गोवर्धन पूजा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सीएम जयराम ठाकुर ने गोवर्धन पूजा पर प्रदेशवासियों को ट्वीट कर बधाई दी है.

सीएम जयराम ठाकुर ने अपने बधाई संदेश में कहा, ''गोवर्धन पूजा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि एवं आरोग्यता लाये, भगवान श्रीकृष्ण से यही कामना करता हूं...जय श्रीकृष्ण.''

  • "गोवर्धन पूजा" के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।

    यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि एवं आरोग्यता लाये, भगवान श्रीकृष्ण से यही कामना करता हूँ।

    जय श्रीकृष्ण! pic.twitter.com/YXmbZhFN37

    — Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) November 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रोशनी के पर्व दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (govardhan puja) होती है. इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर यानी आज मनायी जा रही है. इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें छप्पन भोग अर्पित करते हैं. यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाया था.

क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने गांववालों से देव राज इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था तब देव राज इंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने खूब बारिश की जिसकी वजह से पूरा गोकुल तबाह हो गया. तब भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. जिससे सभी गोकुलवासियों की रक्षा हुई और इंद्र देव का घमंड भी टूट गया तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा चली आ रही है.

बैलों को खिलाया जाता है गुड़ और चावल

इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. गाय बैल को स्नान करवाकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है. गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है. तब से ही यह पर्व गोवर्धन के रूप में मनाया जाता है. हिमाचल के कई जिलों में इस दिन देवताओं के वास्तुकार विश्वकर्मा की भी पूजा होती है.

ये भी पढ़ें: Rashifal Today, November 5: जन्म तारीख के अनुसार जानिए कैसा रहेगा आपका आज का द‍िन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.