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बजट भाषण में सीएम जयराम ठाकुर ने चलाए शायराना तीर... देखें वीडियो

सीएम जयराम ने शुक्रवार को 2022-23 का बजट पेश किया. बजट भाषण के दौरान सीएम शायराना अंदाज में नजर आए. जयराम ने अपने बजट भाषण में कई शेर पढ़े.

CM JAIRAM SHAYARI DURING BUDGET SPEECH
CM JAIRAM SHAYARI DURING BUDGET SPEECH
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Published : Mar 4, 2022, 6:29 PM IST

शिमला: शुक्रवार को सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश का बजट पेश किया. ये जयराम सरकार का पांचवां और कार्यकाल का आखिरी बजट था. हर बजट भाषण की तरह इस इस बार भी सीएम का शायराना अंदाज देखने को मिला. करीब 3 घंटे तक बजट भाषण के दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं. हर उपल्ब्धि के साथ सीएम जयराम ठाकुर की जुबान पर कोई शेर कोई कविता आ जाती थी. वैसे चाहे केन्द्रीय बजट हो या राज्य सरकारों का बजट भाषण के दौरान शायरी रवायत बन गई है.

सीएम का शायराना अंदाज: बजट भाषण के दौरान सीएम जयराम ठाकुर का शायराना अंदाज़ भी देखने को मिला. करीब 3 घंटे तक चले बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कई शेर पढ़े. इनमें से कुछ नई योजनाओं को लेकर थे तो कुछ समाज के विशेष तबके (किसान, महिला आदि) का जिक्र करते हुए थे, लेकिन इसी दौरान उनके कुछ शायराना तीर विरोधियों पर भी चलाए.

वीडियो.

1. लहरों की खामोशी को संमदर की बेबसी न समझ

जितनी गहराई अंदर है, बाहर उतना ही तूफान बाकी है.

2. आओ मिलकर मुठ्ठी बांधे, धरती का श्रृंगार करें

खेतों में हरियाली रोपें, समृद्धि का संचार करें.

3. माताओं, बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट

'गृहणी सुविधा योजना' खुशी लेकर आई है.

हिमाचल बना देश का पहला धुआं मुक्त प्रदेश

जन सहयोग से हमने ये मंजिल पाई है.

4. जब गाय नहीं होगी तो गोपाल कहां होंगे

इस दुनिया में हम सब खुशहाल कहां होंगे.

5. जहां सजदा हो बुजुर्गों का,

वहां की तहजीब अच्छी है.

जहां लांघे न कोई मर्यादा,

वो दहलीज अच्छी है.

5. सबकी दुआओं को दिल में उतारना है,

हमको तो हर घर का चूल्हा संवारना है.

6. नारी शक्ति है, सम्मान है,

नारी गौरव, अभिमान है.

नारी ने ही रचा विधान है,

नारी को शत-शत प्रणाम है.

7. न जाने वो बच्चा किस खिलौने से खेलता है,

जो दिन भर बाजार में खिलौने बेचता है.

8. कितान और कलम हर बच्चे की तकदीर बदलेगी,

ज्ञान की ज्योति हिमाचल की तस्वीर बदलेगी.

9. जिनमें कौशल होगा, वही कुशल होगा.

कौशल के दम पर ही, वह सफल होगा.

10. पूरा और निशुल्क इलाज मिले सबको,

यह था हमारा सपना.

आयुष्मान भारत, हिमकेयर से,

बना स्वस्थ हिमाचल अपना.

11. कुछ नहीं होगा अंधेरों को बुरा कहने से,

अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा.

12. सोचने से कहां मिलते हैं,

तमन्नाओं के शहर

चलना भी जरूरी है,

मंजिल पाने के लिए.

13. पानी हूं, जल हूं, नीर हूं मैं,

मुझे यूं न व्यर्थ बहाया करो.

बन पड़े जितनी भी तुमसे,

मुझे उतना ही तुम बचाया करो.

14. मुश्किलें कितनी भी हों सामने हमारे,

हिम्मत हो तो रास्ता जरूर निकलता है.

जो खुद पे यकीन करके आगे बढ़ते हैं,

उनके साथ ही यह जमाना चलता है.

15. खवाब देखें हैं, हौंसले भी जिंदा हैं,

हम वो हैं जिनसे, मुश्किलें भी शर्मिंदा है.

16. जो रुक गया उसे क्या मुश्किलों से, जो चलेगा उसी के पांव में छाला होगा.

औरों का दर्द होना चाहिए सीने में, जो जलेगा उसी दिये से उजाला होगा.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पेश किया 51365 करोड़ का बजट, नहीं लगाया कोई टैक्स, जानें किसको क्या मिला

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शिमला: शुक्रवार को सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश का बजट पेश किया. ये जयराम सरकार का पांचवां और कार्यकाल का आखिरी बजट था. हर बजट भाषण की तरह इस इस बार भी सीएम का शायराना अंदाज देखने को मिला. करीब 3 घंटे तक बजट भाषण के दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं. हर उपल्ब्धि के साथ सीएम जयराम ठाकुर की जुबान पर कोई शेर कोई कविता आ जाती थी. वैसे चाहे केन्द्रीय बजट हो या राज्य सरकारों का बजट भाषण के दौरान शायरी रवायत बन गई है.

सीएम का शायराना अंदाज: बजट भाषण के दौरान सीएम जयराम ठाकुर का शायराना अंदाज़ भी देखने को मिला. करीब 3 घंटे तक चले बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कई शेर पढ़े. इनमें से कुछ नई योजनाओं को लेकर थे तो कुछ समाज के विशेष तबके (किसान, महिला आदि) का जिक्र करते हुए थे, लेकिन इसी दौरान उनके कुछ शायराना तीर विरोधियों पर भी चलाए.

वीडियो.

1. लहरों की खामोशी को संमदर की बेबसी न समझ

जितनी गहराई अंदर है, बाहर उतना ही तूफान बाकी है.

2. आओ मिलकर मुठ्ठी बांधे, धरती का श्रृंगार करें

खेतों में हरियाली रोपें, समृद्धि का संचार करें.

3. माताओं, बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट

'गृहणी सुविधा योजना' खुशी लेकर आई है.

हिमाचल बना देश का पहला धुआं मुक्त प्रदेश

जन सहयोग से हमने ये मंजिल पाई है.

4. जब गाय नहीं होगी तो गोपाल कहां होंगे

इस दुनिया में हम सब खुशहाल कहां होंगे.

5. जहां सजदा हो बुजुर्गों का,

वहां की तहजीब अच्छी है.

जहां लांघे न कोई मर्यादा,

वो दहलीज अच्छी है.

5. सबकी दुआओं को दिल में उतारना है,

हमको तो हर घर का चूल्हा संवारना है.

6. नारी शक्ति है, सम्मान है,

नारी गौरव, अभिमान है.

नारी ने ही रचा विधान है,

नारी को शत-शत प्रणाम है.

7. न जाने वो बच्चा किस खिलौने से खेलता है,

जो दिन भर बाजार में खिलौने बेचता है.

8. कितान और कलम हर बच्चे की तकदीर बदलेगी,

ज्ञान की ज्योति हिमाचल की तस्वीर बदलेगी.

9. जिनमें कौशल होगा, वही कुशल होगा.

कौशल के दम पर ही, वह सफल होगा.

10. पूरा और निशुल्क इलाज मिले सबको,

यह था हमारा सपना.

आयुष्मान भारत, हिमकेयर से,

बना स्वस्थ हिमाचल अपना.

11. कुछ नहीं होगा अंधेरों को बुरा कहने से,

अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा.

12. सोचने से कहां मिलते हैं,

तमन्नाओं के शहर

चलना भी जरूरी है,

मंजिल पाने के लिए.

13. पानी हूं, जल हूं, नीर हूं मैं,

मुझे यूं न व्यर्थ बहाया करो.

बन पड़े जितनी भी तुमसे,

मुझे उतना ही तुम बचाया करो.

14. मुश्किलें कितनी भी हों सामने हमारे,

हिम्मत हो तो रास्ता जरूर निकलता है.

जो खुद पे यकीन करके आगे बढ़ते हैं,

उनके साथ ही यह जमाना चलता है.

15. खवाब देखें हैं, हौंसले भी जिंदा हैं,

हम वो हैं जिनसे, मुश्किलें भी शर्मिंदा है.

16. जो रुक गया उसे क्या मुश्किलों से, जो चलेगा उसी के पांव में छाला होगा.

औरों का दर्द होना चाहिए सीने में, जो जलेगा उसी दिये से उजाला होगा.

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