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मंडी एयरपोर्ट के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे जयराम, अब 3150 मीटर लम्बी होगी हवाई पट्टी - भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

मंडी एयरपोर्ट के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) जुट गए हैं. इस कड़ी में सीएम जयराम ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. इसके साथ उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे का असाइनमेंट तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड द्वारा लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है.

CM Jairam held meeting with officials
मंडी एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को लेकर सीएम ने की बैठक.
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Published : Nov 10, 2021, 8:55 PM IST

शिमला: मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट (Proposed Green Field Airport in Mandi) निर्माण के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) पूरी ताकत से जुटे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. उपचुनावों में हार के बाद अब जयराम ठाकुर मंडी से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को जल्द धरातल पर उतारने के मूड में लग रहे हैं. ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका लाभ मिल सके.

सचिवालय में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का आवश्यक भूमि सहित संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है. ताकि रनवे के ओरियंटेशन का निर्धारण और परामर्शकर्ता द्वारा ओएलएस चार्ट तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई साइट क्लीयरेंस और जमा करवाए गए मास्टर प्लान के अनुसार यहां 2100 मीटर रनवे के निर्माण और दक्षिण भाग में इसके 1050 मीटर सम्भावित विस्तार के साथ योजना तैयार की गई थी.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि हवाई लेडार सर्वेक्षण (aerial ladder survey) और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के साथ आयोजित बैठक के बाद यहां 3150 मीटर लम्बी हवाई पट्टी की सम्भावना तलाश करने पर सहमति बनी थी. उन्होंने कहा कि इस आधार पर विश्लेषण के उपरान्त हवाई पट्टी की लम्बाई दक्षिण भाग के बजाय उत्तरी भाग में 1050 मीटर करने पर कार्य किया गया.

ये भी पढ़ें: 14 नवंबर को नाहन दौरे पर रहेंगे CM जयराम, जानिए विधायक बिंदल ने क्या कहा

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे का असाइनमेंट तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड द्वारा लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है. उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इसी वर्ष 21 जुलाई को पूरा हुआ था निजी कंपनी ने भारतीय विमानन प्राधिकरण को लेडार सर्वेक्षण का डाटा प्रस्तुत कर दिया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि हवाई पट्टी की दिशा में प्रमुख बदलाव के उपरान्त अब यह एबी-320 प्रकार के हवाई जहाजों के संचालन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे से वर्ष भर विमानों का संचालन संभव होगा और कैट-आई लाइटिंग सिस्टम (cat-eye lighting system) से रात्रि के समय भी विमानों का संचालन किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority Of India) के बीच एक संयुक्त उपक्रम कम्पनी बनाने पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश में न केवल बेहतर हवाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. सीएम जयराम ने कहा कि प्रदेश सरकार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना के वित्तपोषण के लिए मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाएगी. उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने इस बड़ी परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है.

ये भी पढ़ें: PM 17 नवंबर को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को वर्चुअली करेंगे संबोधित, विधानसभा अध्यक्ष परमार ने दी ये जानकारी

शिमला: मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट (Proposed Green Field Airport in Mandi) निर्माण के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) पूरी ताकत से जुटे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. उपचुनावों में हार के बाद अब जयराम ठाकुर मंडी से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को जल्द धरातल पर उतारने के मूड में लग रहे हैं. ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका लाभ मिल सके.

सचिवालय में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का आवश्यक भूमि सहित संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है. ताकि रनवे के ओरियंटेशन का निर्धारण और परामर्शकर्ता द्वारा ओएलएस चार्ट तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई साइट क्लीयरेंस और जमा करवाए गए मास्टर प्लान के अनुसार यहां 2100 मीटर रनवे के निर्माण और दक्षिण भाग में इसके 1050 मीटर सम्भावित विस्तार के साथ योजना तैयार की गई थी.

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उन्होंने कहा कि हवाई लेडार सर्वेक्षण (aerial ladder survey) और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के साथ आयोजित बैठक के बाद यहां 3150 मीटर लम्बी हवाई पट्टी की सम्भावना तलाश करने पर सहमति बनी थी. उन्होंने कहा कि इस आधार पर विश्लेषण के उपरान्त हवाई पट्टी की लम्बाई दक्षिण भाग के बजाय उत्तरी भाग में 1050 मीटर करने पर कार्य किया गया.

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जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे का असाइनमेंट तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड द्वारा लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है. उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इसी वर्ष 21 जुलाई को पूरा हुआ था निजी कंपनी ने भारतीय विमानन प्राधिकरण को लेडार सर्वेक्षण का डाटा प्रस्तुत कर दिया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि हवाई पट्टी की दिशा में प्रमुख बदलाव के उपरान्त अब यह एबी-320 प्रकार के हवाई जहाजों के संचालन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे से वर्ष भर विमानों का संचालन संभव होगा और कैट-आई लाइटिंग सिस्टम (cat-eye lighting system) से रात्रि के समय भी विमानों का संचालन किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority Of India) के बीच एक संयुक्त उपक्रम कम्पनी बनाने पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश में न केवल बेहतर हवाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. सीएम जयराम ने कहा कि प्रदेश सरकार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना के वित्तपोषण के लिए मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाएगी. उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने इस बड़ी परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है.

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