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CM जयराम ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखा पत्र, रोपवे पर GST 18 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का किया आग्रह - हिमाचल प्रदेश न्यूज

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि पांच प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत आने वाली सेवाओं की श्रेणी में रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों से संबंधित एक विशिष्ट प्रविष्टि को जोड़कर जीएसटी परिषद को जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए.

CM Jairam has written a letter to the Union Finance Minister demanding that the GST from ropeway be reduced from 18 percent to 5 percent
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Published : Sep 20, 2021, 7:59 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर रोपवे से जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने पत्र में रोपवे को हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर अनिवार्य बताया है क्योंकि इन स्थानों पर पर्यावरण या अन्य कारणों परिवहन के अन्य साधनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त मंत्री पत्र लिखकर कहा कि जीएसटी अनुसूचियों की विशिष्ट प्रविष्टि के अंतर्गत रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों को अलग से परिभाषित नहीं किया गया है. इस सेवा पर जीएसटी (9 प्रतिशत एसजीएसटी और 9 प्रतिशत सीजीएसटी) या 18 प्रतिशत आईजीएसटी लगाया जा रहा है. जिससे परिवहन के इस साधन पर माल ढुलाई में काफी वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि रोपवे यात्री और परिवहन सामग्री परिवहन के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक हैं और कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान भी हैं. इसलिए, रोपवे परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर पारगमन के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए रोपवे और परिवहन प्रणाली के अन्य अपरंपरागत तरीकों पर जीएसटी दरों को पारंपरिक सड़क परिवहन के साथ समान किया जाना चाहिए ताकि रोपवे परियोजनाओं में निवेश प्राप्त हो और बड़े पैमाने पर जनता इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो.

इसके अलावा जयराम ठाकुर ने पत्र में राजस्व घाटे का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश राजस्व घाटे वाले राज्यों में एक है जहां राजस्व अंतर पचास प्रतिशत से अधिक है. राज्य में बड़े पैमाने पर रोपवे की स्थापना से राज्य में काफी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे जो राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होगा.

इससे राज्य की राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि होगी जिससे राजस्व अंतर को कम करने में मदद मिल सकती है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि पांच प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत आने वाली सेवाओं की श्रेणी में रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों से संबंधित एक विशिष्ट प्रविष्टि को जोड़कर जीएसटी परिषद को जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अवगत कराया है कि राज्य सरकार ने यात्रियों और सामान के परिवहन के लिए रोपवे की अवधारणा के उपयोग का निर्णय लिया है. इस निर्णय का उद्देश्य उन छूटी हुई बस्तियों को जोड़ना है जहां सड़कों का निर्माण पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं है.

इसका उद्देश्य पर्यटकों के आकर्षण के नए स्थानों को जोड़ना और रोजगार सृजन व आर्थिक विकास के लिए पर्यटन की दृष्टि से नए अवसरों का पता लगाना है. एक अन्य उद्देश्य पूरे राज्य में आवश्यकता के अनुसार फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें- SHIMLA: सोनिया गांधी और प्रियंका ने उठाया मौसम का लुत्फ

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर रोपवे से जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने पत्र में रोपवे को हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर अनिवार्य बताया है क्योंकि इन स्थानों पर पर्यावरण या अन्य कारणों परिवहन के अन्य साधनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त मंत्री पत्र लिखकर कहा कि जीएसटी अनुसूचियों की विशिष्ट प्रविष्टि के अंतर्गत रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों को अलग से परिभाषित नहीं किया गया है. इस सेवा पर जीएसटी (9 प्रतिशत एसजीएसटी और 9 प्रतिशत सीजीएसटी) या 18 प्रतिशत आईजीएसटी लगाया जा रहा है. जिससे परिवहन के इस साधन पर माल ढुलाई में काफी वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि रोपवे यात्री और परिवहन सामग्री परिवहन के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक हैं और कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान भी हैं. इसलिए, रोपवे परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर पारगमन के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए रोपवे और परिवहन प्रणाली के अन्य अपरंपरागत तरीकों पर जीएसटी दरों को पारंपरिक सड़क परिवहन के साथ समान किया जाना चाहिए ताकि रोपवे परियोजनाओं में निवेश प्राप्त हो और बड़े पैमाने पर जनता इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो.

इसके अलावा जयराम ठाकुर ने पत्र में राजस्व घाटे का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश राजस्व घाटे वाले राज्यों में एक है जहां राजस्व अंतर पचास प्रतिशत से अधिक है. राज्य में बड़े पैमाने पर रोपवे की स्थापना से राज्य में काफी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे जो राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होगा.

इससे राज्य की राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि होगी जिससे राजस्व अंतर को कम करने में मदद मिल सकती है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि पांच प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत आने वाली सेवाओं की श्रेणी में रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों से संबंधित एक विशिष्ट प्रविष्टि को जोड़कर जीएसटी परिषद को जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अवगत कराया है कि राज्य सरकार ने यात्रियों और सामान के परिवहन के लिए रोपवे की अवधारणा के उपयोग का निर्णय लिया है. इस निर्णय का उद्देश्य उन छूटी हुई बस्तियों को जोड़ना है जहां सड़कों का निर्माण पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं है.

इसका उद्देश्य पर्यटकों के आकर्षण के नए स्थानों को जोड़ना और रोजगार सृजन व आर्थिक विकास के लिए पर्यटन की दृष्टि से नए अवसरों का पता लगाना है. एक अन्य उद्देश्य पूरे राज्य में आवश्यकता के अनुसार फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है.

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