ETV Bharat / city

मोबाइल से बच्चों की आंखों पर पड़ रहा प्रभाव, इलाज के लिए IGMC पहुंच रहे 20 फीसदी बच्चे - SHIMLA NEWS HINDI

आजकल बच्चे मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल (children using mobile) कर रहे हैं. बात चाहे ऑनलाइन क्लास की हो या फिर मोबाइल फोन पर गेम खेलने की. बच्चों को मोबाइल की लत लग चुकी है, जोकि उनकी आंखों पर प्रभाव डाल रही है. आईजीएमसी के नेत्र रोग विशेषज्ञ और एचओडी डॉक्टर राम लाल ने इस बारे में जानकारी दी है कि कोविड काल में मोबाइल फोन का यूज ज्यादा बढ़ गया. जिसका असर अब बच्चों में दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि मोबाइल का इस्तेमाल किस तरह आंखों के साथ- साथ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

Children coming to IGMC for eye treatment
मोबाइल का ज्यादा यूज बच्चों की आंखों पर पड़ रहा प्रभाव
author img

By

Published : Sep 16, 2022, 9:40 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 9:58 PM IST

शिमला: कोरोना काल के दौरान मोबाइल पर पढ़ाई और गेम खेलने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है. आईजीएमसी में लगभग 20 फीसदी बच्चे हर महीने अपनी आंखों का चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं. कोरोना काल के दौरान बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी, जिस कारण उन्हें मोबाइल का अधिक प्रयोग करना पड़ रहा था.

आंखों के इलाज के लिए IGMC पहुंच रहे बच्चे: आईजीएमसी शिमला के नेत्र रोग विशेषज्ञ और एचओडी डॉक्टर राम लाल (Doctor Ram Lal Sharma Ophthalmology) ने बताया कि अस्पताल में हर महीने 20 फीसदी बच्चे आंखों के (Children coming to IGMC for eye treatment) चेकअप के लिए आ रहे हैं. हालांकि, अभी तक आंखों का मेजर केस नहीं आया है, लेकिन कोरोना काल में मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है.

डॉक्टर राम लाल

स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखो के लिए हानिकारक: डॉ. राम लाल ने बताया कि मोबाइल फोन का लगातार प्रयोग कर रहे हैं तो 20 मिनट के बाद ब्रेक जरूर दें. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप की स्क्रीन से नीली रोशनी निकलती है, जो आंखों को अधिक प्रभावित करती है. आमतौर पर प्रति मिनट 12 से 14 बार आंखें झपकती हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर बने रहने पर छह से सात बार ही झपकती हैं. ऐसे में सूखापन बढ़ने से आंखें कमजोर हो रही हैं.

Children coming to IGMC for eye treatment
फोटो

ज्यादा मोबाइल यूज करने से हो रही ये समस्याएं: मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करने या गेम खेलने से आंखों में खुजली और जलन होने से रोशनी के साथ सिरदर्द की समस्या भी होने लगती है. मोबाइल (disadvantages of mobile phones for children) यूज करने से बच्चों में डिप्रेशन, अनिद्रा व चिड़चिड़ापन जैसी मानिसक समस्याएं बढ़ रही हैं. सिर्फ इतना ही सिर दर्द, भूख न लगना, आंखों की रोशनी कम होना, आंखों में दर्द, आदि जैसी बीमारियां भी बच्चों में देखने को मिल रही हैं.

अभिभावकों को इन बातों का रखना होगा ध्यान: डॉक्टर राम लाल का कहना है कि कोरोना काल में हुई ऑनलाइन क्लास से मोबाइल फोन का प्रयोग बढ़ गया है. बच्चों से लेकर बड़े भी लंबे समय तक मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं. इससे आंखों का पानी सूखने लगता है. ऐसे में अभिभावक बच्चों को बेवजह लंबे समय तक मोबाइल फोन न दें. अगर मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं तो 20 मिनट बाद का ब्रेक जरूर लें. उन्होंने कहा कि जब भी बच्चों को अपना फोन इस्‍तेमाल करने के लिए दें, तो एक सीमित समय तय कर लें. खाना खाते समय, पढ़ते समय, सोते समय या बाहर जाने या खेलने के समय पर स्‍मार्टफोन बिल्कुल न दें.

ये भी पढ़ें: प्रेमिका से शादी न होने पर हमीरपुर में प्रेमी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दोस्त के लिए लिखा संदेश

शिमला: कोरोना काल के दौरान मोबाइल पर पढ़ाई और गेम खेलने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है. आईजीएमसी में लगभग 20 फीसदी बच्चे हर महीने अपनी आंखों का चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं. कोरोना काल के दौरान बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी, जिस कारण उन्हें मोबाइल का अधिक प्रयोग करना पड़ रहा था.

आंखों के इलाज के लिए IGMC पहुंच रहे बच्चे: आईजीएमसी शिमला के नेत्र रोग विशेषज्ञ और एचओडी डॉक्टर राम लाल (Doctor Ram Lal Sharma Ophthalmology) ने बताया कि अस्पताल में हर महीने 20 फीसदी बच्चे आंखों के (Children coming to IGMC for eye treatment) चेकअप के लिए आ रहे हैं. हालांकि, अभी तक आंखों का मेजर केस नहीं आया है, लेकिन कोरोना काल में मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है.

डॉक्टर राम लाल

स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखो के लिए हानिकारक: डॉ. राम लाल ने बताया कि मोबाइल फोन का लगातार प्रयोग कर रहे हैं तो 20 मिनट के बाद ब्रेक जरूर दें. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप की स्क्रीन से नीली रोशनी निकलती है, जो आंखों को अधिक प्रभावित करती है. आमतौर पर प्रति मिनट 12 से 14 बार आंखें झपकती हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर बने रहने पर छह से सात बार ही झपकती हैं. ऐसे में सूखापन बढ़ने से आंखें कमजोर हो रही हैं.

Children coming to IGMC for eye treatment
फोटो

ज्यादा मोबाइल यूज करने से हो रही ये समस्याएं: मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करने या गेम खेलने से आंखों में खुजली और जलन होने से रोशनी के साथ सिरदर्द की समस्या भी होने लगती है. मोबाइल (disadvantages of mobile phones for children) यूज करने से बच्चों में डिप्रेशन, अनिद्रा व चिड़चिड़ापन जैसी मानिसक समस्याएं बढ़ रही हैं. सिर्फ इतना ही सिर दर्द, भूख न लगना, आंखों की रोशनी कम होना, आंखों में दर्द, आदि जैसी बीमारियां भी बच्चों में देखने को मिल रही हैं.

अभिभावकों को इन बातों का रखना होगा ध्यान: डॉक्टर राम लाल का कहना है कि कोरोना काल में हुई ऑनलाइन क्लास से मोबाइल फोन का प्रयोग बढ़ गया है. बच्चों से लेकर बड़े भी लंबे समय तक मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं. इससे आंखों का पानी सूखने लगता है. ऐसे में अभिभावक बच्चों को बेवजह लंबे समय तक मोबाइल फोन न दें. अगर मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं तो 20 मिनट बाद का ब्रेक जरूर लें. उन्होंने कहा कि जब भी बच्चों को अपना फोन इस्‍तेमाल करने के लिए दें, तो एक सीमित समय तय कर लें. खाना खाते समय, पढ़ते समय, सोते समय या बाहर जाने या खेलने के समय पर स्‍मार्टफोन बिल्कुल न दें.

ये भी पढ़ें: प्रेमिका से शादी न होने पर हमीरपुर में प्रेमी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दोस्त के लिए लिखा संदेश

Last Updated : Sep 16, 2022, 9:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.