WRITTEN BY-ANKESH DOGRA-शिमला: सियासत ऐसी चीज है जिससे परहेज करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है, लेकिन सियासी गलियारों के किस्से हर कोई चटखारे लेकर पढ़ता और सुनता है. ये सियासी किस्से कई बार पर्दे के पीछे होते हैं, जो सार्वजनिक होने पर हर किसी को हैरान कर देते हैं. ऐसा ही एक किस्सा हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़ा है.
इस्तीफा देकर फिल्म देखने चले गए मुख्यमंत्री: सोचिये आपकी नौकरी चली जाए तो आप क्या करेंगे? दुखी होंगे, नई नौकरी ढूंढेंगे, वगैरह-वगैरह, लेकिन हिमाचल के एक मुख्यमंत्री ऐसे भी थे जो अपने पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद फिल्म देखने चले गए. वो थे शांता कुमार, जिनकी पहचान (etv bharat siyasi kisse) हिमाचल में पानी वाले मुख्यमंत्री के रूप में है. दरअसल ये किस्सा साल 1980 के फरवरी का है.
हिमाचल की सर्द वादियों के बीच सियासी गलियारों में उबाल था और इसकी तपिश तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार भी महसूस कर रहे थे. जोड़-तोड़ का ऐसा सियासी खेल चला कि 53 सीट जीतकर बनी बंपर बहुमत वाली सरकार अल्पमत में आ गई, सो जब बात उसूलों की आई तो शांता कुमार ने इस्तीफा देने में वक्त नहीं लगाया और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपकर फिल्म देखने चले गए.
इस्तीफा देने से पहले खरीद ली थी फिल्म जुगनू की टिकट: खुद शांता (Story of former CM Shanta Kumar) कुमार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि इस्तीफा देने से पहले ही उन्होंने फिल्म जुगनू की टिकटें खरीद ली थी. इस्तीफा देने के बाद लौटे तो कुछ करीबियों ने जब उनसे पूछा कि अब क्या करेंगे, तो उनका जवाब था सिनेमा देखने जा रहा हूं. करीबियों को लगा कि शांता कुमार मजाक कर रहे हैं तो उन्होंने फिल्म की टिकट दिखाते हुए कहा (shanta kumar biography update) कि चलिये आप भी चलें, मेरे पास टिकट हैं.
शिमला के माल रोड पर मचा हंगामा: शांता कुमार की सरकार में परिवहन मंत्री रहे महेन्द्र नाथ सोफत (Mohinder Nath Sofat) के मुताबिक उस वक्त भले आज की तरह समाचार चैनलों और सोशल मीडिया नहीं था लेकिन शांता कुमार के इस्तीफे की खबर आग की तरह फैल गई और शिमला के मशहूर माल रोड पर शोर मच गया, लेकिन उनके इस्तीफे से ज्यादा शोर इस बात का था कि वो इस्तीफा देकर सीधे फिल्म देखने चले गए हैं.
आडवाणी ने शांता कुमार से पूछा फिल्म का नाम: शांता कुमार (Kissa Siyasat ka) बताते हैं कि अगले दिन दिल्ली से लाल कृष्ण आडवाणी ने उन्हें फोन करके पूछा कि कौन सी फिल्म देखी और कैसी लगी. शांता कुमार का जवाब था कि जुगनू फिल्म देखी, बहुत अच्छी है आप भी देख आइये.
उसूलों वाले रहे शांता कुमार: मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद संगठन में भी खलबली मच गई. उस वक्त कुछ पार्टी नेताओं का कहना था कि शांता कुमार ने इस्तीफा देने में जल्दबाजी कर दी. कुछ वक्त रुकते तो इस्तीफा नहीं देना पड़ता, ये इशारा विधायकों को तोड़ने और खरीद-फरोख्त की ओर था, लेकिन शांता कुमार ने दो टूक कह दिया कि दल-बदल, विधायक खरीदने जैसा ऐसा कोई काम वो नहीं करेंगे जिससे उनके उसूलों पर आंच आए.
दरअसल 22 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया तो सरकार अल्पमत में आ गई, जिसके कारण शांता कुमार को इस्तीफा देना पड़ा था. बहुमत का आंकड़ा 4 या 5 सीटों का ही था, लेकिन जोड़-तोड़ की सियासत करने वालों के बीच शांता कुमार अपने सिद्धातों पर अडिग रहे. यही उसूल हैं जो शांता कुमार को अलग बनाते हैं. वो दूसरी बार साल 1990 में हिमाचल के मुख्यमंत्री बने. हिमाचल की सियासत शांता कुमार के जिक्र के बिना अधूरी है.
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