शिमला: गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के खिलाफ (TRIBAL AREA STATUS TO GIRIPAR) भीम आर्मी ने शिमला में प्रदर्शन बीते दिन विरोध रैली निकाली थी. भीम आर्मी ने चेतावनी दी थी कि अगर गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिया जाता है तो पूरे प्रदेश में आंदोलन होगा. वहीं, भीम आर्मी की रैली पर हाटी समिति ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. हाटी समिति का कहना है कि भीम आर्मी द्वारा लोगों को गुमराह करके अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया जा रहा है.
केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर बताया कि जल्द ही हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने वाला है. इसकी घोषणा जल्द हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे लोगों का सिरमौर से कोई लेना देना नहीं है. हाटी समुदाय में सभी वर्गों के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हाटी को जनजातीय दर्जा मिलने के बाद एससी एसटी कानून में कोई बदलाव नहीं होगा. कुछ लोग इसकी आड़ में अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी मांग जल्द पूरी होनी चाहिए उन्होंने आंदोलन का स्वरूप बदला है इसे खत्म नहीं किया है.
केंद्रीय हाटी समिति के (Central Hati Committee) मुख्य सलाहकार रमेश सिंगटा ने कहा कि अभी तक भारतवर्ष में किसी भी जाति को जनजातीय में आने से कोई नुकसान नहीं हुआ है. इसका सीधा फायदा लोगों को और समाज को मिला है. विघटनकारी ताकतों को सतर्क रहना चाहिए कि किसी भी प्रकार की अफवाह गिरिपार के लोगों के विषय में और हाटी मुद्दे पर ना फैलाएं. रमेश सिंगटा ने कहा की भारत के गृह मंत्री अमित शाह तीन लाख लोगों के मुद्दे की पैरवी भारत सरकार में कर रहे हैं. शीघ्र ही लोगों को हक मिलेगा और यहां के युवा केंद्र सरकार के अच्छे-अच्छे पदों में जाएंगे और केंद्र सरकार से ट्राइबल सब प्लान में करोड़ो रूपए आएंगे जिससे क्षेत्र का विकास होगा.
वहीं, हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा ने कहा कि तीन लाख लोगों का मुद्दा भारत की संसद में केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उठाया है और गिरिपार को 1979 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग जनजातीय घोषित किया है. केवल इसकी सिफारिश इंप्लीमेंट करनी है और अब भारत की केंद्र सरकार के कैबिनेट में मुद्दा जाएगा.
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