ग्वालियर(शिमला): अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने के मामले में CBI आज पूरे देश भर में छापामार (cbi raid porn video ) कार्रवाई कर रही है. देश के कई राज्यों के साथ-साथ हिमाचल के सोलन, मनाली और धर्मशाला में भी सीबीआई की छापामार कार्रवाई चल रही है.
चाइल्ड पोर्न वीडियो मामले में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी सीबीआई की छापेमारी जारी है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जिले के पिछोर थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई में सीबीआई ने छापा मारा है. सीबीआई ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography Case) में राहुल राणा (Rahul Rana ) के यहां छापा मारा है.
आज सीबीआई ने देश के अलग-अलग राज्यों में छापामार कार्रवाई की है. मध्य प्रदेश में भी 3 बड़े शहरों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. फिलहाल इस छापामार कार्रवाई में सीबीआई अभी जांच में जुटी हुई है. इसके बाद ग्वालियर जिले की पिछोर थाना इलाके में की जा रही कार्रवाई की जानकारी मिल पाएगी.
एमपी में ही क्यों हुई छापेमारी: मोबाइल पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography case) की सबसे ज्यादा शिकायतें एमपी से आती रही हैं. राज्य के 4 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. यहां लोगों ने अपने मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप पर जमकर बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री पोस्ट करते रहे हैं. इसी के चलते एमपी CBI की रडार पर रहा है.
एमपी में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले और दर्ज शिकायतें (2020 का डेटा)
- 2667 मामले एमपी की राजधानी भोपाल में दर्ज हुए. यह रिकॉर्ड है. यहां औसतन 8 शिकायतें हर दिन आती हैं.
- 1326 मामलों के साथ राज्य की व्यावसायिक राजधानी दूसरे नंबर पर है. यहां औसतन 3 शिकायतें हर दिन आती हैं.
- 183 के साथ संस्कारधानी जबलपुर भी इस लिस्ट में है और यहां भी कार्रवाई साइबर सेल करता है.
- 130 मामलों के साथ 2020 में ग्वालियर भले ही चौथे नंबर पर था लेकिन यहां ऐसे मामले हाल के दिनों में बढ़े हैं.
ग्वालियर में 129 पर FIR हुई: बच्चों के पोर्न से जुडे मामलों में भारत सरकार का गृह मंत्रालय राज्यों की साइबर सेल से लगातार जुड़ा रहता है. इसे लेकर कई अहम जिम्मेदारियां भी इन्हे सौंपी गई हैं. फरवरी 2021 तक शहर में 129 लोगों पर FIR हुई और 6 लोगों को जेल भेजा गया. माना जा रहा है कि इनसे भी अहम जानकारियों सामने आई हैं.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर क्या कहता है कानून: यदी आप अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, या फिर लैपटॉप, डेस्कटॉप पर बच्चों से जु़ड़ी पोर्न सामग्री रखते हैं और वो आपसे बरामद होती है तो 5 साल की सजा का कानून में प्रावधान है. IT Act, 2000 की धारा 67-B में साफ जिक्र है. गृह मंत्रालय ने इसे लेकर पोर्टल cybercrime.gov.in लॉन्च किया है. यहां भी सीधी शिकायत की जा सकती है. इसी के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप, गैंगरेप को खिलाफ शिकायतें की जा सकती हैं.
ये भी पढ़ें: राज्यपाल ने किया लोकसभा अध्यक्ष Om Birla का स्वागत, PM मोदी बुधवार को करेंगे इस सम्मेलन को संबोधित