शिमलाः जिला में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में कोविड-19 आर्थिक पुनरुत्थान (इकोनॉमिक रिवाइवल) के लिए गठित मंत्रिमण्डल उप समिति ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों को जुटाने और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के लिए अपनी सिफारिशों के बारे में मंत्रिमंडल के सामने प्रेजेंटेशन दी.
उप समिति ने यह भी सिफारिश की कि बाहरी राज्यों से वापस आए हिमाचलियों से उनके कौशल योग्यता की जानकारी ली जाए और इसे राज्य के श्रम एवं रोजगार और उद्योग विभाग के साथ सांझा किया जाए. जिससे की उनकी योग्यता को उपलब्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सके.
मंत्रिमण्डल ने कृषि और बागवानों की फसलों की कटाई के सीजन को ध्यान में रखते हुए उपाय भी सुझाए. मंत्रिमण्डल उप समिति ने खनन कार्यों के कारण राजस्व क्षति को कम करने और फॉरेस्ट क्लीयरेंस में तेजी लाने की सिफारिश भी की.
इसके अतिरिक्त बैठक में शहरी स्थानीय निकाय में प्रत्येक घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरी का कार्य करने वालों को कौशल श्रम प्रदान कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सब्सिडी से जुड़ी क्रेडिट और एंटरप्रेन्योरशिप प्रशिक्षण के लिए मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना को सहमति प्रदान की.
इससे शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता मिलेगी. इस महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत 25.20 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है.