शिमला: राजधानी शिमला में शुक्रवार को आयोजित जयराम कैबिनेट की बैठक (jairam cabinet meeting) में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. शुक्रवार को कैबिनेट ने हिमाचल की नई खेल नीति (Big decision of jairam cabine) को मंजूरी दी है. इसके साथ ही कैबिनेट ने हिमाचल की नई ऊर्जा नीति को भी हरी झंडी दी है. मंत्रिमंडल ने तृतीय श्रेणी की सीधी भर्ती में 15 अंकों की मूल्याकंन प्रक्रिया समाप्त कर लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के महत्व में बढ़ोतरी कर इसे 85 से बढ़ाकर 100 अंक करने का भी निर्णय लिया. ताकि भर्ती प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके. इसके साथ ही कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए.
हिमाचल की नई ऊर्जा नीति की मंजूरी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 को स्वीकृति (new power policy of Himachal ) प्रदान की गई. इस नीति के अन्तर्गत स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा विकास की परिकल्पना की गई है और विशेष तौर पर पन विद्युत, सौर ऊर्जा और अन्य हरित ऊर्जा स्रोतों के तीव्र दोहन से वर्ष 2030 तक 10 हजार मेगावाट अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा. इस नीति में हरित ऊर्जा स्रोतों के तीव्र विकास के लिए चार सूत्रीय योजना के अन्तर्गत राज्य, संयुक्त, केन्द्रीय और निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
इस नीति का उद्देश्य राज्य में पर्याप्त और प्रभावशाली नेटवर्क (ट्रांसमिशन) स्थापित करने के लिए ट्रांसमिशन मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जिससे जल और सौर ऊर्जा परियोजनाओं की योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन में सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. दरअसल इस नीति में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन, बायोमास और अन्य गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के दोहन पर विशेष बल दिया गया है.
हिमाचल की नई खेल नीति की मंजूरी: मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती खेल नीति-2021 (sports policy of Himachal 2021) को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की. इस नीति के अन्तर्गत उच्च गुणवत्ता की खेल अधोसंरचना के विकास, रख-रखाव और उपयोग पर विशेष बल दिया गया है. इसके अलावा सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देते हुए खेल अधोसंरचना के निर्माण, शैक्षणिक संस्थानों से समन्वय स्थापित करते हुए खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और उच्च मानकों के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और समर्थन दिया जाएगा. इस नीति का उद्देश्य खेलों के दूरगामी विकास के दृष्टिगत प्रशिक्षण में वैज्ञानिक अनुसंधान को शामिल करना और खेल प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें सम्मान देना तथा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों को पुरस्कृत करना है.
प्राइवेट टैक्सी और बस ऑपरेटरों को बड़ी राहत: मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ट्रांसपोटर्स को राहत प्रदान करते हुए विभिन्न श्रेणी के वाहनों के टोकन टैक्स, स्पेशल रोड टैक्स (एसआरटी) और यात्री कर में शत-प्रतिशत छूट देने अथवा माफ करने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की. बैठक में एक अगस्त, 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए यात्री वाहनों, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो और अनुबंध पर यात्री बसों, संस्थागत बसों के बकाया 50 प्रतिशत टोकन टैक्स को माफ करने तथा कॉन्ट्रेक्ट कैरेज बसों का शत-प्रतिशत टोकन टैक्स और यात्री वाहनों का एसआरटी माफ करने का निर्णय लिया गया.
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 की अवधि के लिए यात्री वाहनों, कॉन्ट्रेक्ट कैरेज और संस्थागत बसों के शत-प्रतिशत टोकन टैक्स और यात्री वाहनों के एसआरटी को माफ करने का भी निर्णय लिया। बैठक में कॉन्ट्रेक्ट कैरेज और संस्थागत बसों के 1 अप्रैल, 2020 से 30 नवम्बर, 2021 की अवधि के शत-प्रतिशत यात्री कर को माफ करने का भी निर्णय लिया गया.
कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में रिक्त पद भरने को दी मंजूरी: मंत्रिमंडल ने मंडी जिले के धर्मपुर में लोक निर्माण विभाग का नया वृत्त खोलने और इसके लिए आवश्यक पदों के सृजन और भर्ती को भी स्वीकृति प्रदान की. कैबिनेट ने कांगड़ा जिले के शाहपुर में लोक निर्माण विभाग का नया मंडल और दाड़िनी में उप-मंडल खोलने और इन कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों के सृजन और भर्ती को अपनी स्वीकृति प्रदान की.
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के पुनर्गठन को अनुमति प्रदान की. विभाग द्वारा वित्त विभाग के साथ परामर्श और पुनर्गठन प्रस्ताव के तादात्म्य में चरणबद्ध ढंग से विभिन्न पदों का सृजन और उन्हें भरे जाने का निर्णय लिया. मंत्रिमंडल ने जिला मंडी में जल शक्ति विभाग, उप-मंडल टीहरा के डरवाड़ के अन्तर्गत नया अनुभाग खोलने और आवश्यक पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की गई.
इसके साथ ही बैठक में जिला मंडी में जल शक्ति विभाग, उप-मंडल केलोधार के अन्तर्गत केलोधार में नया अनुभाग खोलने और आवश्यक पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की गई. मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 108 पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने की मंजूरी प्रदान की. बैठक में उद्योग विभाग में रेशम निरीक्षक के 42 पदों को अनुबन्ध आधार भरने का निर्णय लिया गया. बैठक में मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 13 पदों को भरने का निर्णय लिया गया. मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग में अनुबन्ध आधार पर सांख्यिकी सहायक के तीन पदों को भरने का निर्णय लिया.
बागवानों के लिए राहत राशि: बैठक में लाहौल-स्पीति जिले में गत वर्ष 27 से 30 जुलाई तक भारी बारिश के कारण कृषि एवं बागवानी को हुए नुकसान से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई. किसानों को 25 से 50 प्रतिशत नुकसान के लिए 2000 रुपये प्रति बीघा, 50 से 75 प्रतिशत तक नुकसान के लिए 2500 रुपये प्रति बीघा और कृषि एवं बागवानी फसलों को 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान के लिए 3000 रुपये प्रति बीघा प्रदान किए जाएंगे. भू-स्खलन/बाढ़/हिमस्खलन के कारण भूमि को हुए नुकसान के लिए किसानों को 3000 रुपये प्रति बीघा और कृषि व बागवानी भूमि से गाद निकालने के लिए 1000 रुपये प्रति बीघा प्रदान किए जाएंगे.
मंत्रिमंडल के समक्ष प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने की तैयारियों के बारे में प्रस्तुति दी गई. मंत्रिमंडल ने आमजन की सुविधा के लिए स्वीकृत मापदंडों में छूट देते हुए न्यू शिमला के सेक्टर-6 में लायंस क्लब और हाउसिंग ब्लॉक 46 के मध्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण की योजना को स्वीकृति प्रदान की. कैबिनेट बैठक में जिला कुल्लू के चमारला गांव का नाम बदलकर धाराबाग और जिला हमीरपुर के चमारकड़ का नाम धनेड़-1 और जिला शिमला के बन्दूर का नाम विक्तादी करने को मंजूरी दी गई.
इससे पहले बुधवार, 5 जनवरी को कैबिनेट बैठक में हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए जयराम कैबिनेट ने रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू (night curfew in Himachal ) लगाने का फैसला लिया गया था. बैठक में नाइट कर्फ्यू के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया था. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन ही हिमाचल प्रदेश में प्रदेश की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही इंडोर कार्यक्रमों में केवल 50 प्रतिशत लोगों के रहने के आदेश जारी किए गए थे.
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