शिमला: बसंत पंचमी के अवसर पर शनिवार काे शिमला शहर के मंदिराें में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई. इसी के तहत प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर में कई स्कूली बच्चे अपनी किताबें लेकर पहुंचे और उन्होंने मंदिर में मां सरस्वती की पूजा (basant panchami celebrated in Kalibari Temple ) की. इस दौरान किताबाें का पूजन भी किया गया ताकि बच्चों को पढ़ाई में काेई परेशानी न आए.
कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी जयदेव ने बताया कि शनिवार काे मंदिर में बसंत पंचमी मनाई (Kalibari Temple Shimla) गई. इस दाैरान कई स्कूली बच्चाें ने मां सरस्वती के साथ किताबाें की पूजा भी करवाई. उन्हाेंने बताया कि इस साल बर्फबारी के चलते मंदिर में भीड़ कम रही. फिर भी आसपास के कई लाेग बच्चाें काे लेकर मंदिर पहुंचे.
वीडियो कॉलिंग से किये मां सरस्वती के दर्शन: शहर में अत्यधिक बर्फबारी के कारण अधिकतर रास्ते बंद है ऐसे में जो बच्चे कालीबाड़ी मंदिर नहीं पहुंच सके, उन्होंने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से मां सरस्वती के दर्शन किए. वहीं शहर के बाजारों में काफी संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने नए बर्तन, सोना, वस्त्र, आभूषण, वाद्य यंत्र व अन्य चीजें खरीदी.
बसंत पंचमी में विवाह के लिए उत्तम योग: बसंत पंचमी के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, कोई नई विद्या आरंभ करना, गृह प्रवेश, अन्नप्राशन संस्कार, कोई नया काम शुरू करना या अन्य कोई भी शुभ काम करना शुभ माना जाता (basant panchami celebrated in Kalibari Temple ) है. इस साल बसंत पंचमी पर दो शुभ योग भी बन रहे थे. बसंत पंचमी के दिन दोषरहित परम श्रेष्ठ योग के साथ साथ रवि योग भी था, जाे शुभ कार्य से परिपूर्ण होता है.
मान्यताओं के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है.एक मान्यता यह भी है कि बसंत पंचमी के दिन अमृत सिद्धि योग भी होता (basant panchami celebrated in Shimla) है, जिसमें पूरे दिन जो भी कार्य किया जाए, वो शुभ संपन्न होते हैं. इसलिए लाेगाें ने शुभ मुहूर्त का खूब फायदा उठाया.
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