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रामपुर में आयुर्वेदिक विभाग ने किया औषधीय पौधों का रोपण

रामपुर में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दोफदा में आयुर्वेदिक औषधीय पौधों का रोपण किया गया. यह पौधे डॉक्टर दिनेश कुमार उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी रामपुर बुशहर की देखरेख में लगाए गए.

Ayurvedic department planted medicinal plants in Rampur
आयुर्वेदिक औषधीय पौधों
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Published : Sep 5, 2020, 2:04 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 2:32 PM IST

रामपुरः जिला के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दोफदा में विभिन्न आयुर्वेदिक औषधीय पौधों का रोपण किया गया. जिसमें मुख्य तालीसपत्र के अतिरिक्त अतीश, तिल पुष्पी पौधे रोपित किए गए. यह पौधे डॉक्टर दिनेश कुमार उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी रामपुर बुशहर की देखरेख में लगाए गए.
इन औषधीय पौधों के फूल, तना, जड़े इत्यादि का प्रयोग विभिन्न बिमारियों के लिए किया जा सकता हैं. वहीं, डॉ. दिनेश ने जानकारी देते हुए बताया कि तालीसपत्र के पत्तों का काढ़ा शरीर के फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में साहयक है.

उन्होंने बताया कि इन औषधीय पौधों को किसान अपने खेतों में लगा सकते हैं और इनसे अपनी आर्थिकी भी मजबूत कर सकते हैं. डॉक्टर ने बताया कि विभिन्न प्रजाती के औषधीय पौधे एक से तीन साल के बीच में तैयार हो जाते हैं.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि विभाग ओर से गिलोय, अरंड, लहसुन, कंटकारी, अपामार्ग, भु नक्षा , आंवला, बहेड़ा, पपीता, बेल, कड़ी पत्ता, जामुन, पत्थर चट, बासा, निर्गुंडी, तुलसी, पुदीना, काक माची, अतीश, बन कड़ी, तिल पुष्पी, कूट, चुकड़ी, अशवगंधा, दारूहरिद्रा आदि पौधे रोपे जा रहे हैं.

वहीं, डॉक्टर दिनेश ने बताया कि रामपुर में सभी तरह के औषधीय पौधे लगाए जा सकते हैं. यहां पर इन पौधों के लिए मौसम अनुकुल रहता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के अथक प्रयासों से इस कार्य को सफल बनाया जा रहा हैं.

ये भी पढ़ेंः नाहन मेडिकल काॅलेज की 2 और स्टाफ नर्स कोरोना संक्रमित, एहतियातन किया गया होम आइसोलेट

रामपुरः जिला के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दोफदा में विभिन्न आयुर्वेदिक औषधीय पौधों का रोपण किया गया. जिसमें मुख्य तालीसपत्र के अतिरिक्त अतीश, तिल पुष्पी पौधे रोपित किए गए. यह पौधे डॉक्टर दिनेश कुमार उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी रामपुर बुशहर की देखरेख में लगाए गए.
इन औषधीय पौधों के फूल, तना, जड़े इत्यादि का प्रयोग विभिन्न बिमारियों के लिए किया जा सकता हैं. वहीं, डॉ. दिनेश ने जानकारी देते हुए बताया कि तालीसपत्र के पत्तों का काढ़ा शरीर के फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में साहयक है.

उन्होंने बताया कि इन औषधीय पौधों को किसान अपने खेतों में लगा सकते हैं और इनसे अपनी आर्थिकी भी मजबूत कर सकते हैं. डॉक्टर ने बताया कि विभिन्न प्रजाती के औषधीय पौधे एक से तीन साल के बीच में तैयार हो जाते हैं.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि विभाग ओर से गिलोय, अरंड, लहसुन, कंटकारी, अपामार्ग, भु नक्षा , आंवला, बहेड़ा, पपीता, बेल, कड़ी पत्ता, जामुन, पत्थर चट, बासा, निर्गुंडी, तुलसी, पुदीना, काक माची, अतीश, बन कड़ी, तिल पुष्पी, कूट, चुकड़ी, अशवगंधा, दारूहरिद्रा आदि पौधे रोपे जा रहे हैं.

वहीं, डॉक्टर दिनेश ने बताया कि रामपुर में सभी तरह के औषधीय पौधे लगाए जा सकते हैं. यहां पर इन पौधों के लिए मौसम अनुकुल रहता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के अथक प्रयासों से इस कार्य को सफल बनाया जा रहा हैं.

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Last Updated : Sep 5, 2020, 2:32 PM IST
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