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पॉपुलर टूरिस्ट स्पॉट में से एक बना हुआ है Atal Tunnel Rohtang, सर्दियाें के लिए डिजास्टर प्लान होगा तैयार - accident prone area

हिमाचल में वर्तमान समय में अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है. काेराेना काल के दाैरान भी अटल टनल के शुरू हाेने से अब तक 2 लाख 20 हजार 479 वाहन यहा पहुंचे हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निदेशक सुदेश मोक्टा ने बताया कि इसको देखते हुए इस बार पुलिस और पर्यटन विभाग (Police and Tourism Department) दोनों जिलों कुल्लू और लाहौल-स्पीति प्रसाशन (Lahaul-Spiti Administration) से मिलकर डिजास्टर प्लान तैयार कर रहा है.

Atal Tunnel Rohtang
अटल टनल रोहतांग
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Published : Nov 12, 2021, 10:57 PM IST

शिमला: अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) के शुरू हाेने के बाद से अब तक दाे लाख 20 हजार से ज्यादा गाड़ियां लाहौल-स्पीति में प्रवेश कर चुकी हैं. वर्तमान समय में अटल टनल बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है. ध्यान देने वाली बात यह है कि टनल शुरू होने के बाद से अब तक अधिकांश समय कोरोना संक्रमण के कारण दुनिया भर में पर्यटन पर खासा प्रभाव पड़ा है.

काेराेना काल के दाैरान भी अटल टनल के शुरू हाेने से अब तक 2 लाख 20 हजार 479 वाहन यहा पहुंचे हैं. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार रोजाना 2505 वाहन सुरंग से गुजरते हैं, जबकि इससे पहले अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक केवल 14419 वाहन ही लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti) में प्रवेश किये थे. उस समय प्रतिदिन 576 के करीब वाहन ही जिला में प्रवेश करते थे.


सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण घाटी में पर्यटकों के फसने की खबरे आती रहती हैं. विकट परिस्थितियों के कारण कई बार लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है. राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निदेशक सुदेश मोक्टा ने बताया कि इसको देखते हुए इस बार पुलिस और पर्यटन विभाग (Police and Tourism Department) दोनों जिलों कुल्लू और लाहौल-स्पीति प्रसाशन (Lahaul-Spiti Administration) से मिलकर डिजास्टर प्लान तैयार कर रहा है.

बर्फबारी के बीच टनल से लाहौल की ओर पड़ने वाला रास्ता एक्सीडेंट प्रोन एरिया (accident prone area) है जिसके लिए डिजास्टर प्लान बनाना बेहद जरूरी माना जा रहा है. क्याेंकि बाहरी राज्याें से आने वाले पर्यटकाें काे बर्फ पर गाड़ी चलाने का अनुभव न हाेने से खतरा हमेशा बना रहता है. राज्य के आपदा प्रबंधन ने पुलिस के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की है. यह प्लान लाहौल स्पीति पुलिस ने तैयार किया है जिसमें बीआरओ भी शामिल है. इस संबंध में शिमला में उच्चाधिकारियों की बैठक हुई है जिसके बाद एडीजीपी पुलिस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. इसमें कुल्लू और दूसरा लाहौल स्पीति इसलिए दोनोंं प्रशासनों को इसमें शामिल करने के साथ बीआरओ को भी जोड़ा गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में भांग की खेती होगी वैध, प्रक्रिया जारी: CM जयराम ठाकुर

सोलंग पास से आगे पर्यटक नहीं ले जाएंगे अपनी गाड़ी: डिजास्टर प्लान (disaster plan) के अनुसार यहां पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को बर्फबारी के दौरान अपने वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. यहां पर सोलंग नाला से ऊपर यह लोग अपने वाहन नहीं ले जा सकेंगे. स्थानीय लोग जो एक्सपर्ट हैं उनकी गाड़ी से आगे जाएंगे. बसों की आवाजाही को यहां पर बढ़ाया जा सकता है जाे अटल टनल क्रॉस करवा सकती हैं. इसके अलावा पर इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) पर ही जोर दिया जाएगा ताकि प्रदूषण भी ना फैले. इन परिस्थितियों से लाहौल के एसपी मानव वर्मा ने सरकार को अवगत करा दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां बर्फ पर गाड़ी के स्कीड हाेने का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें: राज्यपाल ने केंद्र को बताई India-China border की वास्तविक स्थिति, 48 गांवों के लोगों को बनाना होगा सशक्त

शिमला: अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) के शुरू हाेने के बाद से अब तक दाे लाख 20 हजार से ज्यादा गाड़ियां लाहौल-स्पीति में प्रवेश कर चुकी हैं. वर्तमान समय में अटल टनल बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है. ध्यान देने वाली बात यह है कि टनल शुरू होने के बाद से अब तक अधिकांश समय कोरोना संक्रमण के कारण दुनिया भर में पर्यटन पर खासा प्रभाव पड़ा है.

काेराेना काल के दाैरान भी अटल टनल के शुरू हाेने से अब तक 2 लाख 20 हजार 479 वाहन यहा पहुंचे हैं. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार रोजाना 2505 वाहन सुरंग से गुजरते हैं, जबकि इससे पहले अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक केवल 14419 वाहन ही लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti) में प्रवेश किये थे. उस समय प्रतिदिन 576 के करीब वाहन ही जिला में प्रवेश करते थे.


सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण घाटी में पर्यटकों के फसने की खबरे आती रहती हैं. विकट परिस्थितियों के कारण कई बार लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है. राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निदेशक सुदेश मोक्टा ने बताया कि इसको देखते हुए इस बार पुलिस और पर्यटन विभाग (Police and Tourism Department) दोनों जिलों कुल्लू और लाहौल-स्पीति प्रसाशन (Lahaul-Spiti Administration) से मिलकर डिजास्टर प्लान तैयार कर रहा है.

बर्फबारी के बीच टनल से लाहौल की ओर पड़ने वाला रास्ता एक्सीडेंट प्रोन एरिया (accident prone area) है जिसके लिए डिजास्टर प्लान बनाना बेहद जरूरी माना जा रहा है. क्याेंकि बाहरी राज्याें से आने वाले पर्यटकाें काे बर्फ पर गाड़ी चलाने का अनुभव न हाेने से खतरा हमेशा बना रहता है. राज्य के आपदा प्रबंधन ने पुलिस के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की है. यह प्लान लाहौल स्पीति पुलिस ने तैयार किया है जिसमें बीआरओ भी शामिल है. इस संबंध में शिमला में उच्चाधिकारियों की बैठक हुई है जिसके बाद एडीजीपी पुलिस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. इसमें कुल्लू और दूसरा लाहौल स्पीति इसलिए दोनोंं प्रशासनों को इसमें शामिल करने के साथ बीआरओ को भी जोड़ा गया है.

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सोलंग पास से आगे पर्यटक नहीं ले जाएंगे अपनी गाड़ी: डिजास्टर प्लान (disaster plan) के अनुसार यहां पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को बर्फबारी के दौरान अपने वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. यहां पर सोलंग नाला से ऊपर यह लोग अपने वाहन नहीं ले जा सकेंगे. स्थानीय लोग जो एक्सपर्ट हैं उनकी गाड़ी से आगे जाएंगे. बसों की आवाजाही को यहां पर बढ़ाया जा सकता है जाे अटल टनल क्रॉस करवा सकती हैं. इसके अलावा पर इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) पर ही जोर दिया जाएगा ताकि प्रदूषण भी ना फैले. इन परिस्थितियों से लाहौल के एसपी मानव वर्मा ने सरकार को अवगत करा दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां बर्फ पर गाड़ी के स्कीड हाेने का खतरा रहता है.

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