रामपुर/शिमला: प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में कुछ ही दिनों में सेब सीजन शुरू होने वाला है. इसके बावजूद अभी तक बागवानों को सेब सीजन के लिए लेबर नहीं मिल रही है. मजदूरों की कमी रामपुर उपमंडल में बागवानों के सामने एक चुनौती बनी हुई हैं.
बता दें कि करीब एक महीने के बाद यहां पर सेब सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में बागवान सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सेब सीजन के लिए मजदूरों का प्रबंध किया जाएगा. वहीं, सरकार ने भी नेपाल से मजदूरों को लाने का आश्वासन बागवानों को दिया है, ताकि बागवानों को किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े.
वहीं, बागवान अजय राणा ने कहा कि कोरोना महामारी बागवानों पर भारी पड़ रही है. इस समय पूरा भारत कोरोना से जंग लड़ रहा है. वहीं, बागवानों को कोरोना के कारण हो रही समस्याओं से जूझना पड़ रहा हैं.
अजय राणा ने कहा कि आने वाले दिनों में क्षेत्र में सेब सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में मजदूरों की भारी कमी महसूस हो रही है. उन्होंने कहा कि पिछले साल सेब सीजन के दौरान करीब दो सौ मजदूर उनके पासे रहते थे. वहीं, इस बार करीब 40 नेपाली मजदूर ही हैं.
बागवान अजय राणा ने कहा कि कहा कि इस क्षेत्र से हर साल लाखों सेब की पेटियां निकलती हैं, जिन्हें मंडियों तक पहुंचाना चुनौती बनी हुई है. सेब की पेटियों की ढुलाई व वाहन में लोड करवाने के लिए नेपाली मजदूर की जरूरत है. इससे काम भी समय पर हो जाता है. बागवानों ने मांग की है कि उन्हें समय रहते नेपाली मजदूर मुहैया करवाएं जाएं, ताकि बागवान इस चिंता से मुक्त हो सकें.
बता दें कि शिमला जिला के अधिकतर लोगों की आर्थिकी बागवानों पर ही निर्भर करती है. ऐसे में यहां के लोगों को सेब सीजन के दौरान मजदूर न होने की चिंता सता रही है.
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