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केंद्रीय बजट में विदेशी सेब पर सेस की घोषणा, किन्नौर के बागवानों ने जताई खुशी - central budget 2021

केंद्रीय बजट में विदेशों से आने वाले सेब पर 35 प्रतिशत सेस लगाने की घोषणा की है. इससे देश में विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होने की उम्मीद है, जिससे हिमाचली सेब की मांग बढ़ेगी.

ses on imported apples
सेब पर सेस
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Published : Feb 4, 2021, 7:34 PM IST

किन्नौर: केंद्रीय बजट प्रदेश सहित किन्नौर जिला के बागवानों के लिए खुशी की लहर लाया है. दशकों पुरानी बागवानों की मांग पूरी हुई है. केंद्रीय बजट में विदेशों से आने वाले सेब पर 35 प्रतिशत सेस लगाने की घोषणा की है.

विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होने की उम्मीद

इससे देश में विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होने की उम्मीद है, जिससे हिमाचली सेब की मांग बढ़ेगी. उल्लेखनीय है कि किन्नौर जिला के लोगों का मुख्य व्यवसाय बागवानी है. जिले की दो पंचायतों के अलावा सभी पंचायतों में सेब की फसल होती है.

वीडियो रिपोर्ट

बागवानों को सेब के मिलेंगे अच्छे दाम

जिले का सेब अपनी गुणवत्ता के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां का सेब कश्मीर के सेब को भी चुनौती देने में सक्षम है. ऐसे में जिले के बागवानों को उम्मीद है कि उन्हें अब सेब के अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी. उल्लेखनीय है कि जिले से हर वर्ष 30 से 35 लाख के बीच सेब की पेटियां देश के विभिन्न मंडियों को भेजी जाती है.

केंद्रीय बजट से बागवान खुश

बता दें कि जिला किन्नौर के सभी बागवानों ने केंद्र सरकार के बजट को खूब सराहा है. बागवानों का कहना है कि विदेशों से आने वाले सेब पर 35 प्रतिशत सेस लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इससे विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होगा और उनके सेब की अच्छी बिक्री होगी.

ये भी पढे़ंः बर्फबारी के कारण ऊपरी शिमला में यातायात ठप, प्रशासन ने की ये अपील

किन्नौर: केंद्रीय बजट प्रदेश सहित किन्नौर जिला के बागवानों के लिए खुशी की लहर लाया है. दशकों पुरानी बागवानों की मांग पूरी हुई है. केंद्रीय बजट में विदेशों से आने वाले सेब पर 35 प्रतिशत सेस लगाने की घोषणा की है.

विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होने की उम्मीद

इससे देश में विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होने की उम्मीद है, जिससे हिमाचली सेब की मांग बढ़ेगी. उल्लेखनीय है कि किन्नौर जिला के लोगों का मुख्य व्यवसाय बागवानी है. जिले की दो पंचायतों के अलावा सभी पंचायतों में सेब की फसल होती है.

वीडियो रिपोर्ट

बागवानों को सेब के मिलेंगे अच्छे दाम

जिले का सेब अपनी गुणवत्ता के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां का सेब कश्मीर के सेब को भी चुनौती देने में सक्षम है. ऐसे में जिले के बागवानों को उम्मीद है कि उन्हें अब सेब के अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी. उल्लेखनीय है कि जिले से हर वर्ष 30 से 35 लाख के बीच सेब की पेटियां देश के विभिन्न मंडियों को भेजी जाती है.

केंद्रीय बजट से बागवान खुश

बता दें कि जिला किन्नौर के सभी बागवानों ने केंद्र सरकार के बजट को खूब सराहा है. बागवानों का कहना है कि विदेशों से आने वाले सेब पर 35 प्रतिशत सेस लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इससे विदेशों से आने वाले सेब का आयात कम होगा और उनके सेब की अच्छी बिक्री होगी.

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