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किन्नौर में बर्फबारी के बाद बागवान खुश, सेब के लिए चिलिंग आवर्स हुए पूरे - चिलिंग हावर्स न्यूज किन्नौर

जनजातीय जिला किन्नौर में बर्फबारी के बाद अब मौसम काफी दिनों से सुहावना हो रहा है और बागवानों को सेब के बगीचों में काम करने के लिए मौसम उनका साथ दे रहा है. दरअसल किन्नौर में सेब के चिलिंग आवर्स पूरे हो गए हैं, जिससे आने वाले साल में सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद है.

apple chilling hours completed in kinnaur
सेब के पेड़
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Published : Dec 3, 2019, 9:24 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला में बर्फबारी के बाद अब मौसम काफी दिनों से सुहावना हो रखा है और बागवानों को सेब के बगीचों में काम करने के लिए मौसम उनका साथ दे रहा है. ऐसे में बागवानों के चेहरे पर खुशी देखने के मिल रही है.

बता दें कि सेब के बगीचों में बर्फ की चादर से चिलिंग आवर्स पूरे होने से किन्नौर के बागवानों को अगले साल में सेब के फ्लावरिंग में समस्या नहीं आएगी. साथ ही निचले क्षेत्रों में आने वाली सर्दियों में भी बर्फबारी से सेब के बड़े पेड़ों व छोटे पौधों को चिलिंग आवर्स के लिए काफी लंबा समय मिल गया है.

वीडियो.

आने वाली बर्फबारी से निचले क्षेत्रो में भी चिलिंग आवर्स का समय पूरा होगा, क्योंकि निचले क्षेत्रों में बर्फ की चादर जल्दी हट गई थी. जिससे निचले क्षेत्रो में चिलिंग आवर्स का समय अभी पूरा नहीं हुआ है, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पौधों के लिए चिलिंग आवर्स का समय पूरा हुआ है.

किन्नौर में सेब के पेड़ों की जड़ों को समय पर ठंडक मिल जाए तो अगले साल आने वाली फसल अच्छी रहती है और सेब के पेड़ों में बीमारी भी कम लगती है. इसके अलावा सेब भी बहुत रसीला होता है और फ्लावरिंग भी अच्छी रहती है.

किन्नौर: जनजातीय जिला में बर्फबारी के बाद अब मौसम काफी दिनों से सुहावना हो रखा है और बागवानों को सेब के बगीचों में काम करने के लिए मौसम उनका साथ दे रहा है. ऐसे में बागवानों के चेहरे पर खुशी देखने के मिल रही है.

बता दें कि सेब के बगीचों में बर्फ की चादर से चिलिंग आवर्स पूरे होने से किन्नौर के बागवानों को अगले साल में सेब के फ्लावरिंग में समस्या नहीं आएगी. साथ ही निचले क्षेत्रों में आने वाली सर्दियों में भी बर्फबारी से सेब के बड़े पेड़ों व छोटे पौधों को चिलिंग आवर्स के लिए काफी लंबा समय मिल गया है.

वीडियो.

आने वाली बर्फबारी से निचले क्षेत्रो में भी चिलिंग आवर्स का समय पूरा होगा, क्योंकि निचले क्षेत्रों में बर्फ की चादर जल्दी हट गई थी. जिससे निचले क्षेत्रो में चिलिंग आवर्स का समय अभी पूरा नहीं हुआ है, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पौधों के लिए चिलिंग आवर्स का समय पूरा हुआ है.

किन्नौर में सेब के पेड़ों की जड़ों को समय पर ठंडक मिल जाए तो अगले साल आने वाली फसल अच्छी रहती है और सेब के पेड़ों में बीमारी भी कम लगती है. इसके अलावा सेब भी बहुत रसीला होता है और फ्लावरिंग भी अच्छी रहती है.

Intro:किन्नौर में चिलिंग हावर हुआ पूरा,बर्फबारी के लम्बे समय तक बगीचों में टिकने से सेब के पेड़ो को मिली चिलिंग समस्या से राहत,अब बगीचों में सेब के पेड़ों को अगले वर्ष फ्लावरिंग में नही आएगी दिक्कत।


जनजातीय जिला किंन्नौर में बर्फबारी के बाद अब मौसम काफी दिनों से सुहावना हुआ है और अब बागवानों को अपने सेब के बगीचों में काम करने के लिए मौसम साथ देने लगा है।
बर्फबारी के बाद किंन्नौर के बागवानों में खुशी इसलिए देखी जा सकती है क्यों कि इस बार बर्फबारी के बाद सेब के बगीचों में बर्फ की चादर लम्बे समय तक बगीचों में टिकी हुई है जिससे सेब के पेड़ों के चिलिंग हावर का समय पूरा हुआ है।




Body:सेब के बगीचों में बर्फ की चादर से चिलिंग हावर पूरा होने से किन्नौर के सेब बागवानों को अब अगले वर्ष के सेब के फ्लावरिंग में भी समस्या नही आएगी वहीं अभी निचले क्षेत्रो में आने वाली सर्दियों में भी बर्फबारी से सेब के बड़े पेड़ों व छोटे पौधों को चिलिंग हावर के लिए काफी लंबा समय है और आने वाली बर्फबारी से निचले क्षेत्रो में भी चिलिंग हावर का समय पूरा होगा क्यों कि निचले क्षेत्रो में बर्फ की चादर जल्दी हट गई थी जिससे निचले क्षेत्रो में चिलिंग हावर का समय अभी पूरा नही हुआ है वही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चिलिंग हावर का समय पूरा हुआ है।


Conclusion:किंन्नौर में सेब के पेड़ों की जड़ो को समय पर ठंडक मिल जाए तो अगले वर्ष आने वाली फसल अच्छी रहती है और सेब के पेड़ों को बीमारी भी कम लगती है वही सेब भी बहुत रसीला होता है वही फसल से पूर्व सेब में फ्लावरिंग भी अच्छी रहती है।
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