शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री (Prime Minister Nutrition Scheme)पोषण (मिड-डे-मील) योजना (mid day meal scheme) का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रदेश के सभी उप-निदेशकों (प्रारंभिक शिक्षा) को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सेवा (पीएफएमएस) (Public Financial Management Service) के अंतर्गत 6 अगस्त, 2022 को 3711.10 लाख रुपए का बजट वितरित किया गया है. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री पोषण (मिड-डे मील) योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह बजट उप-निदेशकों के माध्यम से प्रदेश के सभी खंडों/विद्यालयों को (distributed to schools) वितरित किया गया है.
15 अगस्त 1995 को शुरुआत : यह भारत सरकार की योजना (Indian government scheme) है ,जिसके अंतर्गत देश के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निशुल्क प्रदान किया जाता है. नामांकन बढ़ाने, प्रतिधारण और उपस्थिति तथा इसके साथ- साथ बच्चों में पौषणिक स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से 15 अगस्त 1995 को केंद्रीय प्रायोजित स्किम के रूप में प्रारंभिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पोषण सहायता (National Nutrition Assistance Program) कार्यक्रम शुरू किया गया.
मिड डे मिल योजना का नया नाम: PM Poshan Yojana 2022 प्रधानमंत्री पोषण योजना में हुए बदलावों को सरकारी और सब्सिडी वाले स्कूलों में आधे दिन की भोजन योजना को अब प्रधान मंत्री पोषण योजना के रूप में जाना जाता है. यह बाल वाटिका से लेकर प्राथमिक स्कूल स्तर तक के छात्रों को कवर करती है.
समतावादी मूल्यों के प्रसार में सहायता: अधिकांश बच्चे स्कूल कुछ खाकर नहीं पहुंचते.वहीं, जो स्कूल आने से पहले कुछ खाकर घर से निकलते है, उन्हें भी दोपहर तक भूख लग जाती है. इसके चलते उनका ध्यान पूरी तरह से पढ़ाई पर नहीं होता. मध्याह्न भोजन बच्चों के लिए " पूरक पोषण " के स्रोत और उनके स्वस्थ विकास के रूप में भी कार्य कर सकता है. यह समतावादी मूल्यों के प्रसार में भी सहायता कर सकता है ,क्योकि कक्षा में विभिन्न सामाजिक पृष्ठ्भूमि वाले बच्चे साथ में बैठते हैं और साथ - साथ खाना खाते हैं.