ETV Bharat / city

खरीफ मौसम के लिए किसान लें PM फसल बीमा योजना से लाभः कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा

हिमाचल के कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को बताया कि खरीफ मौसम में ऋणी और गैर ऋणी किसानों की ओर से मक्की और धान की फसलों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए पंजीकृत कर सकते हैं. बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 15 जुलाई, 2020 है.

ramlal markanda on PM Fasal Bima
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा
author img

By

Published : Jul 7, 2020, 8:20 PM IST

शिमलाः हिमाचल में मौसम के बिगड़ने से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है और उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसे लेकर प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को इस खरीफ मौसम में भी जारी रखने का ऐलान किया है.

हिमाचल के कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को बताया कि खरीफ मौसम में ऋणी और गैर ऋणी किसानों की ओर से मक्की और धान की फसलों पर बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 15 जुलाई, 2020 है. यह योजना गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है. योजना के अंतर्गत सभी ऋणी किसानों का वित्तीय संस्थाओं की ओर से बीमा कर दिया जाएगा.

वहीं, अगर ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहते हैं तो वह इस बारे में अपना घोषणा पत्र सम्बन्धित बैंक में साल भर में कभी भी जमा करवा सकते हैं. यह घोषणा पत्र ऋणी किसान को सम्बन्धित बैंक शाखा को सम्बन्धित मौसम की ऋण लेने की अन्तिम तिथियों से कम से कम सात दिन पहले तक देना होगा. प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना 24 जून, 2020 को जारी की है.

राम लाल मारकंडा ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, आंधी, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की भरपाई करना है.

इसके अलावा अगर किसान कम बारिश या मौसम के बिगड़ने के कारण समय पर बुआई नहीं कर पाता है तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा. कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल अगर 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो भरपाई का आकलन खेत स्तर पर ही किया जाएगा.

इतनी प्रतिशत रहेगी प्रीमियम दर

सभी जिलों में किसानों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लिमेटड करेगी. मक्की व धान दोनों फसलों के सामान्य कवरेज पर राशि तीस हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है. प्रीमियम की दर किसानों के लिए बीमित राशि के अनुसार दो प्रतिशत रखी गई है.

यह योजना लाहौल व स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी जिलों के लिए है. इन जिलों को दो वर्गों में बांटा गया है. चंबा, हमीरपुर, कांगडा व ऊना वर्ग 1 में शामिल हैं और वर्ग 2 में बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर शामिल हैं.

ऐसे करवाएं बीमा

कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फसलों का बीमा करवाएं. इसके लिए वे अपने नजदीक की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं, ग्रामीण बैंकों और वाणिज्यिक बैंकों से सम्पर्क करें. इस बारे में अपने नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व खण्ड स्तर पर तैनात विष्यवाद विशेषज्ञ का भी सहयोग ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें- MC द्वारा किए जा रहे पार्किंग निर्माण को नागरिक सभा ने बंद करने की रखी मांग, बोले: FIR हो दर्ज

शिमलाः हिमाचल में मौसम के बिगड़ने से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है और उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसे लेकर प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को इस खरीफ मौसम में भी जारी रखने का ऐलान किया है.

हिमाचल के कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को बताया कि खरीफ मौसम में ऋणी और गैर ऋणी किसानों की ओर से मक्की और धान की फसलों पर बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 15 जुलाई, 2020 है. यह योजना गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है. योजना के अंतर्गत सभी ऋणी किसानों का वित्तीय संस्थाओं की ओर से बीमा कर दिया जाएगा.

वहीं, अगर ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहते हैं तो वह इस बारे में अपना घोषणा पत्र सम्बन्धित बैंक में साल भर में कभी भी जमा करवा सकते हैं. यह घोषणा पत्र ऋणी किसान को सम्बन्धित बैंक शाखा को सम्बन्धित मौसम की ऋण लेने की अन्तिम तिथियों से कम से कम सात दिन पहले तक देना होगा. प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना 24 जून, 2020 को जारी की है.

राम लाल मारकंडा ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, आंधी, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की भरपाई करना है.

इसके अलावा अगर किसान कम बारिश या मौसम के बिगड़ने के कारण समय पर बुआई नहीं कर पाता है तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा. कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल अगर 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो भरपाई का आकलन खेत स्तर पर ही किया जाएगा.

इतनी प्रतिशत रहेगी प्रीमियम दर

सभी जिलों में किसानों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लिमेटड करेगी. मक्की व धान दोनों फसलों के सामान्य कवरेज पर राशि तीस हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है. प्रीमियम की दर किसानों के लिए बीमित राशि के अनुसार दो प्रतिशत रखी गई है.

यह योजना लाहौल व स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी जिलों के लिए है. इन जिलों को दो वर्गों में बांटा गया है. चंबा, हमीरपुर, कांगडा व ऊना वर्ग 1 में शामिल हैं और वर्ग 2 में बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर शामिल हैं.

ऐसे करवाएं बीमा

कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फसलों का बीमा करवाएं. इसके लिए वे अपने नजदीक की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं, ग्रामीण बैंकों और वाणिज्यिक बैंकों से सम्पर्क करें. इस बारे में अपने नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व खण्ड स्तर पर तैनात विष्यवाद विशेषज्ञ का भी सहयोग ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें- MC द्वारा किए जा रहे पार्किंग निर्माण को नागरिक सभा ने बंद करने की रखी मांग, बोले: FIR हो दर्ज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.