किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के डीएम गोपालचंद ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगे धारा 144 के बाद बाहरी राज्यों के सैकड़ों मजदूरों व दूसरे लोगों को उनके स्थानों से बाहर जाने पर प्रतिबंध कर दिया था. इसके बाद कई मजदूर बिना मजदूरी के भूखे रहने पर मजबूर हो गए थे और कुछ ठेकेदार मुसीबत में अपने मजदूरों को भूखे छोड़कर चले गए.
डीएम ने कहा कि पिछले कई दिनों से किन्नौर के रल्ली समीप कुछ मजदूरों के पास खाने पीने की चीजें खत्म हो गई थी और जिस ठेकेदार के पास वो काम करते थे उस ठेकेदार ने इन मजदूरों को लावारिस की तरह छोड़ दिया था. ऐसे में प्रशासन ने इन सभी मजदूरों को आज खाने पीने के लिए राशन व रहने के लिए रल्ली समीप शेड बनाकर दिए हैं.
वहीं, दूसरी ओर स्पिलो समीप भी बिहार के कुछ मजदूर लॉकडाउन के बाद फंसे हुए थे जिन्हें स्पिलो रेस्ट हाउस में ठहराया गया है और उन्हें रहने के साथ खाने पीने की पूरी व्यवस्था रखी गई है जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं आएगी. किन्नौर में इन दिनों धारा 144, कर्फ्यू ओर लॉकडाउन जैसे कानूनी धाराओं के बीच कई मजदूर धर धर की ठोकरे खाने को मजदूर हैं जिन्हें प्रशासन ने अब अपनी जिम्मेदारी पर सरकारी गृह में रखा है और कुछ मजदूरों को रोजमर्रा के सामान भी दे दिए है.
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