शिमला: सरकार ने शुक्रवार को कड़े कदम उठाते हुए प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले धरने प्रदर्शनों (Employees protesting in Himachal) पर सख्त आदेश जारी किए हैं. इसके बाद अब प्रदेश का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी बात को मनावाने के लिए अगर कर्मचारी सरकार पर किसी भी तरह का दबाव पैदा करने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
सरकार द्वारा जारी आदेशों (Himachal government order on employee protest) के तहत प्रदेश में अब कोई भी कर्मचारी अपनी मांगों को मनावने या समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदर्शन, बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल हुए, तो सरकार उन कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. ऐसे सभी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा और उन कर्मचारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा. इस संबंध में मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी उपायुक्तों, सभी विभागध्यक्षों और सभी मंडलायुक्तों को पत्र जारी कर सूचित कर दिया गया है.
अपनी मांगों को मनावाने के लिए एक के बाद एक कर्मचारी संघों द्वारा किए जा रहे विरोध, धरना, प्रदर्शन, काम का बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है. अधिसूचना के अनुसार कोई भी कर्मचारी कार्य के समय पर ऑफिस में या ऑफिस के बाहर किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सीएम ने कहा कि सरकार के ध्यान में मामला आया है कि अकसर कर्मचारी विधानसभा सत्र (Himachal Vidhan Sabha Budget Session) के दौरान ऑफिस से अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं. इसे देखते हुए सरकार ने सभी विभागध्यक्षों को विधानसभा के दौरान र्कमचारियों की छुट्टियों पर बैन लगाने के आदेश जारी किए हैं. इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि अगर र्कमचारी किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन करता है, तो उसका वेतना काटा जाएगा और साथ ही उन र्कमचारियों को सस्पेंड भी किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: महापौर सत्या कौंडल ने पेश किया नगर निगम शिमला का वार्षिक बजट, की ये घोषणाएं...