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एचपीयू में जेएनयू हिंसा का विरोध, ABVP ने फूंका लेफ्ट संगठनों का पुतला

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Published : Jan 11, 2020, 11:12 PM IST

शनिवार को अखिल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने लेफ्ट संगठनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. एबीवीपी एचपीयू इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों में वामपंथियों ने अराजकता का माहौल तैयार किया है. छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है.

abvp protest in hpu against jnu violence
एचपीयू में जेएनयू हिंसा का विरोध

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यर्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. एबीवीपी ने वामपंथी संगठनों पर जेएनयू हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया और विरोध स्वरूप पुतला भी फूंका. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीते कल दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा में शामिल 9 लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं. जिसमें 7 नाम वामपंथी संगठनों से है और जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्षा का भी इस घटना में नाम सामने आ रहा है.

एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों द्वारा जेएनयू हिंसा को लेकर जो भ्रांतियां सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है, उसका भी अब पर्दाफाश हो चुका है. एबीवीपी एचपीयू इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों में वामपंथियों ने अराजकता का माहौल तैयार किया है. छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है.

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विशाल वर्मा ने कहा कि आज जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों में भाग लेकर मीडिया में आने और राष्ट्रीय नेता बनने की होड़ लगी हुई है. जेएनयू शिक्षा का मंदिर ना होने की जगह कुछ राजनीतिक दलों और वामपंथियों की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा लेफ्ट संगठनों की बौखलाहट को दिखाता है. जेएनयू में छात्रों के साथ मारपीट की घटना बेहद शर्मनाक है.

ये भी पढ़ें: CAA पर जनता को जागरूक करेगी बीजेपी, प्रदेश के सभी 7723 बूथों पर होगा कार्यक्रम का आयोजन

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यर्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. एबीवीपी ने वामपंथी संगठनों पर जेएनयू हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया और विरोध स्वरूप पुतला भी फूंका. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीते कल दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा में शामिल 9 लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं. जिसमें 7 नाम वामपंथी संगठनों से है और जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्षा का भी इस घटना में नाम सामने आ रहा है.

एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों द्वारा जेएनयू हिंसा को लेकर जो भ्रांतियां सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है, उसका भी अब पर्दाफाश हो चुका है. एबीवीपी एचपीयू इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों में वामपंथियों ने अराजकता का माहौल तैयार किया है. छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है.

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विशाल वर्मा ने कहा कि आज जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों में भाग लेकर मीडिया में आने और राष्ट्रीय नेता बनने की होड़ लगी हुई है. जेएनयू शिक्षा का मंदिर ना होने की जगह कुछ राजनीतिक दलों और वामपंथियों की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा लेफ्ट संगठनों की बौखलाहट को दिखाता है. जेएनयू में छात्रों के साथ मारपीट की घटना बेहद शर्मनाक है.

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Intro:नोट: पैकेज रैप पर चैक करें।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीपीवी ने वामपंथियों के इस हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया और विरोध स्वरूप वामपंथियों का पुतला भी फूंका। एचपीयू कैंपस ने यह धरना प्रदर्शन एबीवीपी ने किया और जमकर नारेबाज़ी की। इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने कहा है बीते कल दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा ने शामिल 9 लोगों के नाम सार्वजनिक किए है जिसमें 7 नाम वामपंथी संगठनों से ओर जेएनयूएसयू की अध्यक्ष भी इस हिंसा में अपराधी पाई गई है।


Body:एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथियों ने जेएनयू हिंसा को लेकर जो भ्रांतियां सोशल मीडिया पर फैलाई है उनका भी पर्दाफाश हो चुका है। एबीपी ने आरोप लगाया कि देश के शिक्षण संस्थानों में वामपंथियों ने अराजकता का माहौल तैयार किया है। छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का काम वामपंथी कर रहे हैं। आज जेएनयू में वामपंथियों ने देश विरोधी गतिविधियों में भाग लेकर मीडिया में आने और एकदम से राष्ट्रीय नेता बनने की होड़ लगी हुई है। जेएनयू शिक्षा का मंदिर ना होने की जगह कुछ राजनीतिक दलों और वामपंथियों की राजनीति का अखाड़ा बन गया है।


Conclusion:एबीवीपी एचपीयू इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि वामपंथियों ने सोशल मीडिया,मीडिया में जो भ्रांतियां फैलाई है उन सबका पर्दाफ़ाश हो गया है। वामपंथियों का असली चेहरा सामने आ गया है। वामपंथी हिंसा के बिना जीवित नहीं रह सकते है। जेएनयू हिंसा वामपंथियों की बौखलाहट को दिखाता है और जो छात्र वहां पढ़ने के लिए गए थे ओर जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा उनके साथ मारपीट वामपंथियों ने की जो बेहद शर्मनाक है। उन्होनें कहा कि आज जरूरत है वामपंथियो का सामाजिक बहिष्कार जो ओर देश विरोधी गतिविधियों में संयुक्त हर व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही वही उन नेताओं का भी सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए जो इस तरह की राजनीति करते है।
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