शिमला: यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हिमाचल प्रदेश के करीब 600 युवा लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. सभी स्टूडेंट यूक्रेन की बोकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इन युवाओं का हाल जाना.
प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है और मंत्रालय निरंतर स्थिति की निगरानी कर रहा है. विदेश मंत्रालय के अलावा युक्रेन में भारतीय दूतावास भी इन मेडिकल छात्रों के निरंतर संपर्क में हैं.
एयरलिफ्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों का कहना है कि बच्चों को एयरलिफ्ट कराने के लिए सीएम जयराम ठाकुर से संपर्क किया गया लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. निर्भया केस में दोषियों के वकील रहे एपी सिंह की ओर से यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है. छात्रों के माता-पिता की ओर से याचिका में यह भी कहा गया है कि इन सभी छात्रों को एयरलिफ्ट कराने में जो भी खर्च आएगा वे उसे वहन करने को तैयार हैं. इस रकम को एयरलिफ्ट कराने से पहले इन छात्रों के माता-पिता सरकारी अकाउंट में भी जमा कराने को तैयार हैं.
यूक्रेन सरकार से मदद का आश्वासन
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए युक्रेन सरकार ने 24 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया है. जिसकी वजह से युक्रेन के फंसे मेडिकल छात्रों को खाने-पीने के साथ ही जरूरी सामान नहीं मिल पा रहा है. वहीं, यूक्रेन के वित्त मंत्री ने कहा कि सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार पूरा सहयोग देगी, उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी.
ये भी पढ़ें: इंसानियत: कोरोना से परेशान इंसान, फिर भी कर रहा है कुत्तों के खाने का इंतजाम