शिमलाः कोविड महामारी के बीच 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर शिक्षा विभाग के पास करीब 2500 सुझाव पहुंचे है. प्रदेश के अधिकतर हितधारकों ने 10वीं के छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट करने के सुझाव दिए हैं. जबकि 12वीं की परीक्षा को कोविड की स्थिति सामान्य होने के बाद करवाने के सुझाव दिए गए हैं.
शिक्षा विभाग के पास शनिवार को पहुंचे सुझावों में प्री-बोर्ड परीक्षा और टर्मिनल परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर 10वीं के छात्रों को प्रमोट करने का सुझाव दिया है. शिक्षा विभाग को 70 फीसदी हितधारकों ने ऑनलाइन माध्यम से ये सुझाव भेजें हैं.
शिक्षा विभाग के पास पहुंचे 2500 सुझाव
विभाग ने इन सुझाव के लिए सभी हितधारकों को 24 अप्रैल तक स्कूल खोलने या नहीं खोलने, परीक्षा संबधि और ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर सुझाव मांगे थे, जिसमें करीब 2500 सुझाव शिक्षा विभाग के पास पहुंचे. सुझावों में कहा गया है कि कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बच्चों की परीक्षाएं करवाने का जोखिम नहीं लिया जा सकता.
कोविड की स्थिति सामान्य होने के बाद हो 12वीं की परीक्षा
वर्तमान स्थिति को देखते हुए हितधारकों ने 12वीं की परीक्षाओं को भी फिलहाल नहीं करवाने का सुझाव दिया है. 95 फीसद सुझावों में कहा गया है कि 12वीं की परीक्षाएं होनी चाहिए, लेकिन पहले कोविड की स्थिति सामान्य हो उसके बाद ही ये परीक्षाएं करवाई जाए. इससे पहले शिक्षक संघ भी 10वीं के छात्रों को प्रमोट करने की मांग मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के समक्ष उठा चुके हैं. इस बारे में शिक्षक संघों ने ज्ञापन भी सौंपा है.
शिक्षकों को स्कूल बुलाने के पक्ष में भी आए सुझाव
शिक्षा विभाग को मिले सुझाव में शिक्षकों को स्कूल बुलाने के लिए भी कहा गया है. 65 फीसदी हितधारकों ने शिक्षकों को स्कूल बुलाने का सुझाव दिया है, ताकि ऑनलाइन पढ़ाई बेहतर तरीके से करवाई जा सके.
गुगल मीट, जूम एप के माध्यम होगी पढ़ाई
इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई के प्रारूप को बदलने का भी सुझाव दिया गया है. अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को कहा है कि निजी स्कूलों की तर्ज पर गुगल मीट, जूम एप के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाई जाएं. शिक्षा विभाग को मिले सुझावों पर सोमवार को चर्चा हो सकती है और इस बारे में फैसला भी हो सकता है.
10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित
बता दें कि कोविड के चलते 1 मई तक स्कूलों को बंद किया गया है और 17 मई तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित किया गया है. शिक्षा विभाग के अनुसार इन सुझावों को सरकार व अधिकारियों को भेजा जाएगा, ताकि आवश्यक निर्णय लिए जा सके.
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