नाहन: गिरिपार क्षेत्र का हाटी समुदाय बड़ी श्रद्धा व आस्था के साथ देव परंपराओं का निर्वाह करता है. क्षेत्र में चाहे धार्मिक अनुष्ठान हो या किसी त्योहार का आयोजन, हाटी समुदाय हर प्रकार के त्योहारों को अपनी संस्कृति व परंपरा के मुताबिक ही मनाता है. वीरवार को हाटी संस्कृति व परंपरा की एक ऐसी ही मिसाल नोहराधार क्षेत्र के बांदल में देखने को मिली. गांव में पांच वर्षों के बाद विजट महाराज के मंदिर में शांद पर्व का आयोजन किया गया. हालांकि (Vijat Maharaj Shand in Bandal village) गांव में हर तीन वर्षो बाद इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता है, मगर कोराेना महामारी के चलते इस बार यह अनुष्ठान गांव में पांच वर्षों बाद आयोजित किया गया.
क्षेत्र की करीब 10 से 12 पंचायतों के सैकड़ों लोगों ने अनुष्ठान में भाग लेकर अपने आराध्य विजट महाराज का आशीर्वाद लिया. सुबह से ही आस-पास के गांव से लोगों के पहुंचने से बांदल गांव में चहल पहल शुरू हो गई. पूरा गांव दिनभर विजट महाराज के जयकारों से गूंजायमान रहा. समूचा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. बता दें कि हिमाचल प्रदेश देव भूमि है. जहां पर हर एक क्षेत्र में देवी देवताओं का वास विद्यमान है. जिसमें जिला सिरमौर का गिरिपार क्षेत्र अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है. ऐसी परंपरा गुरुवार को बांदल में देखने को मिली. जहां मंत्रोचारण व विजट महाराज के जयकारों के साथ वर्षों से मनाया जा रहा यह शांद पर्व मनाया गया व विधिविधान के साथ यह तीन दिवसीय पर्व संपन हुआ.
पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर सैंकड़ो लोगों ने विजट महाराज का गुणगान करते हुए यह रस्म पूरी की. जब देवता के गुर मंदिर की छत पर आए तो पारंपरिक धुन व लिंबर लगाकर उनका स्वागत किया गया. देवता के गुर ने आवाज देकर अलग अलग परगने से (Shand in Bandal village) आए लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया. बता दें कि गुरुवार को बांदल में धार्मिक अनुष्ठान में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. यहां पर यह पर्व तीन दिनों से चला रहा, जिसमें देवता, पूजन, देव आगमन, अंगेठी पूजन, काली पूजन हुआ. जबकि गुरुवार को अंतिम दिन मंदिर के छत से विजट देवता ने मंदिर के बाहर उमड़ी श्रदालुओं को अपना आशीर्वाद दिया.
इस अवसर पर जहां एक दर्जन से अधिक परगनो ने आशीर्वाद लिया वहीं, बाहर से आए श्रद्धालुओं ने देवता का आशीर्वाद लिया. बहराल तीन दिनों तक पंडितों द्वारा पूजा पाठ का आयोजन किया गया. दशमी को शांद पर्व का आयोजन किया गया. विजट महाराज के गणिका गुर पृथ्वी सिंह पुंडीर, सुदर्शन पुंडीर व अशोक पुंडीर ने बताया कि यह मंदिर कई वर्ष पुराना है, जो प्राचीन शैली के अलावा अद्भुत काष्ठ कला से सुशोभित है. इस अवसर पर शांद पर्व में बाहर से आए श्रदालुओं के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोगों ने प्रसाद लिया.
ये भी पढ़ें: Trekking Ban In Kinnaur: किन्नौर में सभी ट्रैकिंग रूटों पर रोक, बढ़ते हादसों के चलते लिया फैसला