नाहन: सिरमौर जिले की होली पिछले साल की तर्ज पर इस बार खास होगी, क्योंकि यहां जिला प्रशासन के सहयोग से कैमिकल फ्री रंगों के साथ होली का त्योहार मनाया (Organic Holi will played in Sirmaur) जाएगा. जिले के विभिन्न विकास खंडों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दर्जनों महिलाओं ने अनूठे तरीके से होली के लिए रंग तैयार किए है, जिन्हें बिक्री के लिए मार्केट में उतारा गया (Organic Holi colors Exhibition in nahan) है. सोमवार को जिला मुख्यालय नाहन में डीसी राम कुमार गौतम ने मेड इन सिरमौर के तहत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक वस्तुओं से तैयार इको फ्रेंडली रंगों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया.
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के सहयोग से नाहन सहित जिले के प्रत्येक उपमंडल स्तर पर इन रंगों के बिक्री केंद्र खोले गए हैं, जहां से उचित दामों पर लोग इन्हें खरीद सकते हैं. इन रंगों की खास बात यह है कि इन्हें प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया गया है, जोकि बिल्कुल सुरक्षित है. डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जिले में ही महिलाओं द्वारा तैयार किए गए होली के यह रंग सुरक्षित (DC Sirmaur On Organic Holi) है. उन्होंने बताया कि अगले साल होली से पूर्व महिलाओं को इन रंगों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी प्रयास किया जाएगा, ताकि महिलाओं की आर्थिकी ओर अधिक सुदृढ़ हो सके. उन्होंने जिलावासियों से इन प्राकृतिक रंगों को खरीदने का भी आह्वान किया.
वहीं, दूसरी तरह होली के रंग तैयार करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी इन प्राकृतिक रंगों की बिक्री के लिए खासी उत्साहित दिख रही हैं. विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला सदस्यों अनिता देवी, बाला ठाकुर, सुनीता व अन्य महिलाओं ने बताया कि डीआरडीए के सहयोग से प्राकृतिक सामग्री से होली के रंग तैयार किए गए हैं. आरारोट, हल्दी, पालक इत्यादि को आधार बनाकर रंग लाने के लिए गुलाब, गेंदे के फूलों सहित फ्रूट कलर का इस्तेमाल इन रंगों को बनाने में किया गया है.
महिलाओं का कहना है कि होली के त्योहार पर अक्सर लोग सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी यह पहल की गई (Organic Holi will played in Sirmaur) है. महिलाओं ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया और जिले के लोगों से इन रंगों को खरीदने का आह्वान किया है. साथ ही पिछले साल से ज्यादा इस बार रंगों से आमदनी में इजाफा होने की भी उम्मीद जताई है.
बता दें, पिछले साल कोरोना के चलते महिलाओं द्वारा तैयार किए गए इन रंगों की ज्यादा बिक्री नहीं हो पाई थी, लेकिन फिर भी जिले भर में महिलाओं ने इन रंगों से 1 लाख से अधिक की आमदनी की थी. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में डीआरडीए भी महिलाओं की भारत की को सुदृढ़ करने के लिए कहीं प्रयास कर रहा (Sirmaur Self Help Groups) है. जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी कल्याणी गुप्ता ने बताया कि होली के त्योहार के मद्देनजर पिछले साल की तरह इस बार भी नाहन सहित जिलेभर में महिलाओं द्वारा प्राकृतिक सामग्री से होली के रंग तैयार किए गए है.
उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना के चलते भी जिले में महिलाओं ने एक लाख रुपये से अधिक की बिक्री की थी, लेकिन इस साल स्थिति ठीक नजर आ रही है. लिहाजा रंगों की बिक्री से इस बार आमदनी में अच्छा इजाफा होने की उम्मीद (Organic Holi colors Exhibition in nahan) है. कल्याणी गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
कुल मिलाकर हर बार रंगों के त्योहार होली पर बाजार में अनेक प्रकार के रंग उपलब्ध होते हैं, लेकिन अधिकांश रंग कृत्रिम रसायनों से बने होते हैं, जोकि त्वचा सहित स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. लिहाजा सिरमौर प्रशासन के इस प्रयास से इस बार भी लोग जिले में कैमिकल फ्री रंगों से यह त्योहार मना सकेंगे.
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