नाहन: सिरमौर पुलिस ने सेक्सटोर्शन के एक मामले में राजस्थान के भरतपुर से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. इनकी गिरफ्तारी आसान नहीं थी, क्योंकि ऐसे गिरोह एक-एक कदम पर होशियार होते हैं. दरअसल, करीब डेढ़ माह पहले 14 सितंबर को एक व्यक्ति ने पुलिस थाना सदर नाहन में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे वीडियो काॅल के जरिए पाॅर्न दृश्य दिखाए गए, इसमें एक महिला नग्न अवस्था में थी. कुछ देर बाद ही इस वीडियो की आड़ में ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी गई.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का जिम्मा नाहन थाना के एसएचओ मानविंद्र ठाकुर को दिया गया. साथ ही, एसएचओ के नेतृत्व में विशेष अन्वेषण टीम का गठन किया गया. टीम ने ठगी के इस मामले में 2 व्यक्तियों की संलिप्तता पाई, जिसके बाद टीम राजस्थान के लिए रवाना हुई. पुलिस टीम द्वारा अपनी दक्षता व सूझबूझ का परिचय दिया और दो आरोपियों को राजस्थान से धर दबोचने में सफलता हासिल की.
मामले की पुष्टि एसपी ओमापति जम्वाल ने की है, उन्होंने बताया कि टीम ने मामले में दो आरोपियों संटी व सेकुल निवासी गांव धर्मशाला, तहसील कामा, जिला भरतपुर, राजस्थान को मेयो बड़ोदा जिला अलवर राजस्थान से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. एसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने पूछताछ में यह बताया कि यह लोग ओएलएक्स पर भी ब्लैकमेल जैसे ठगी का काम करते हैं, जिससे इन्हें आसानी से पैसा मिल जाता है. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है.
एसपी ने साइबर अपराधों के बढ़ते हुए मामलों को मद्देनजर रखते हुए स्थानीय जनता से यह भी अपील की है कि वह अपने मोबाइल फोन का प्रयोग बहुत सावधानी से करें. फेसबुक व व्हाट्सएप इत्यादि का इस्तेमाल करते हुए बहुत एहतियात बरतें. साथ ही कोई भी अनावश्यक एप्लीकेशन इत्यादि को डाउनलोड न करें और ना ही अपनी कोई निजी जानकारी व अपने बैंक खाते से संबंधित जानकारी किसी के साथ सांझा करें. मोबाइल पर किसी अजनबी फोन नंबर से वीडियो कॉल आती है, तो उसे न सुने. यदि गलती से फोन उठा ही लें, तो जैसे ही पता चले कि कॉल किसी अजनबी की है, तो उसे तुरंत काट दें. किसी तरह की चैटिंग भी अजनबी नंबर से ना करें, अन्यथा आप कभी भी इस ठगी का शिकार हो सकते हैं.
एसपी ओमापति जम्वाल ने बताया कि सेक्सटोर्शन गैंग अपने शिकार सोशल मीडिया पर तलाशता है. पहले अलग-अलग तरह के फर्जी प्रोफाइल बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है. रिक्वेस्ट स्वीकार होने पर वीडियो कॉल शुरू होती है. मौका लगने पर अश्लील वीडियो में पीड़ित की तस्वीर अंकित करवा ली जाती है. देखने वाले को ऐसा लगता है कि सामने कोई लड़की या महिला है. असल में ऐसा भी नहीं होता. अश्लील वीडियो ही डिस्प्ले किया जाता है. दूसरे फोन से रिकॉर्डिंग कर ली जाती है.