नाहन: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के तहत नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाईवे-907ए पर स्थापित हुआ रोलिंग बैरियर गॉर्डेल सिस्टम रोल मॉडल बनकर उभरा है. लिहाजा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस रोलिंग बैरियर गॉर्डेल सिस्टम (Rolling Barrier Guardrail System) पर खुशी व्यक्त की है. दरअसल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने नाहन-कुमारहट्टी पर स्थापित किए गए रोलिंग बैरियर गॉर्डेल सिस्टम को वीडियो सहित अपलोड कर इस पर प्रसन्नता जाहिर की है.
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हिमाचल प्रदेश में एनएच-907ए नाहन से कुमारहट्टी पर रोलिंग बैरियर गॉर्डेल सिस्टम को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है. यह सरल रूप से इंजीनियर प्रणाली विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क हादसों को रोकने में मददगार साबित होगी. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सड़क हादसों (Accidents in Himachal) के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप केंद्र सरकार विश्वस्तरीय तकनीक अपनाकर भारत की सड़कों को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए कटिबद्ध है.
दरअसल कुछ ही समय पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा नाहन के समीप कारमल स्कूल (Carmel School Nahan) के साथ उक्त हाईवे पर यह रोलिंग बैरियर गॉर्डेल सिस्टम स्थापित किया गया है. यहां अक्सर सड़क हादसों का अंदेशा बना रहता है. यहां तक की कई हादसे भी यहां पेश आ चुके हैं. ऐसे में हाईवे पर अपनाई गई यह तकनीक अपने में खास है.
क्या है रोल बैरियर गॉर्डेल सिस्टम: यह एक शॉक एब्जॉर्बिंग सिस्टम (Rolling Barrier Guardrail System) है, जो टकराव के दौरान होने वाले इंपेक्ट को कम कर देता है. जब कोई वाहन इस बैरियर से टकराता है तो उसकी स्पीड कम हो जाती है और साथ ही यह वाहन की दिशा को भी बदल देता है. इससे वाहन के खाई में गिरने की संभावना भी कम हो जाती है. साथ ही गाड़ी के क्षतिग्रस्त होने के भी चांस कम होते हैं. ये क्रैश बैरियर सिस्टम खासकर पहाड़ी इलाकों में लगाया जाता है.
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ट्वीट पर हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने भी खुशी व्यक्त करते हुए इस गर्व का विषय करार दिया. उन्होंने कहा कि नाहन के समीप हाईवे पर हिमाचल में पहली बार यह बेरियर लगाए गए, जिसने अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
डॉ. बिंदल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह काम पहले नहीं हो सकता था, लेकिन सड़क की गुणवत्ता में सुधार (Rolling Barrier Guardrail System) हो और दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके, इस दिशा में वर्तमान सरकार ने प्रयास किए. यही वजह है (Rolling Barrier Guardrail System in HP) कि रोलर क्रेश बेरियर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. बिंदल ने बताया कि इन्हें स्थापित करने के लिए भी केंद्र सरकार से ही राशि जारी हुई थी, जिसके लिए वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हैं.
दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने भी इन रोलिंग बैरियर की सराहना की है. लोगों का कहना है कि इन बैरियर के स्थापित होने के बाद हादसों का खतरा कम हुआ है. हाल ही में एक ट्रक का भी इन बेरियर से टकराने के बाद बचाव हो गया और चालक व परिचालक की जान बच गई. उन्होंने कहा कि इससे पहले जब यहां यह बेरियर स्थापित नहीं थे, इस समय यहां हर समय हादसों का खतरा बना रहता था और बहुत से हादसे भी यहां हो चुके थे. ऐसे में सरकार का किया गया यह प्रयास सराहनीय है.
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